आखिर 31 मार्च के बाद कौन करेगा 108 एम्बुलेंस सेवा का संचालन ,एक बड़ा सवाल ?
जीविके के साथ अनुबंध चार दिन बाद हों जायेगा समाप्त ,कैंप कंपनी ने अभी तक नहीं लिया संचालन का जिम्मा
जीविके के साथ अनुबंध चार दिन बाद हों जायेगा समाप्त ,कैंप कंपनी ने अभी तक नहीं लिया संचालन का जिम्मा
ज्ञान प्रकाश पांडेय
देहरादून /हरिद्वार | जी हाँ ,2008 में प्रदेश के आम जनमानस के स्वास्य ,उत्तराखंड के लोगो को सही और समय पर चिकित्सा सुविधा मिक सके ,को ध्यान में रख कर तत्कालीन खण्डूरी सरकार ने 108 एम्बुलेंस सेवा की शुरुआत की थी | जिससे कि उत्तराखबड़ की जनता को सही समय पर सही इलाज मिल सके | पर इस व्यवस्था पर 31 मार्च 2019 के बाद ग्रहण लगने वाला है | 4 दिन अब शेष बचे है ,जब एम्बुलेंस आप तक नहीं पहुंच पायेगी | वैसे सरकार ने इसकी व्यवस्था कर दी है,पर जिस कंपनी (कम्युनिटी एक्शन एन्ड मोटिवेशन प्रोग्राम नामक (कैंप ))को त्रिवेंद्र सरकार ने 108 एम्बुलेंस सेवा का काम दिया है ,उस कंपनी ने अभी तक 108 एम्बुलेंस संचालन का जिम्मा अपने हाथो में नहीं लिया है | जबकि उसके कार्य करने का टेंडर 01 अप्रैल से शुरू हो रहा है |
आपको बता दे कि राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन योजना के अंतर्गत प्रदेश में वर्ष 2008 से 108 एम्बुलेंस सेवा शुरू की गई थी | उस वक्त खंडूरी सरकार ने बिना टेंडर प्रक्रिया के जीवीके कंपनी को 108 एम्बुलेंस संचालन का काम दिया गया था | तब से लेकर आज तक जीवीके कंपनी ने बखूबी इस सेवा का संचालन कराती आ रही है | गत आठ मार्च को जीवीके कंपनी के साथ अनुबंध समाप्त होने से पहले ही स्वास्थ्य विभाग ने निविदा के माध्यम से कम्युनिटी एक्शन एन्ड मोटेवेसन (कैंप ) नामक संस्था का चयन कर प्रदेश में चल रही 108 सेवा के 139 एम्बुलेन्स के सञ्चालन की जिम्मेदारी सौपी ,पर कंपनी मार्च माह समाप्त होने में कुल 4 दिन बचे है ,और कैंप कंपनी ने अभी तक 108 संचालन व्यवस्था अपने हाथो में नहीं ले सकी है| जिसके चलते आने वाले समय में प्रदेश में स्वास्थ्य व्यवस्था को लेकर एक बड़ी समस्या खड़ी हो सकती है | जानकारों की माने तो जीवीके कंपनी अभी तक 139 एम्बुलेंस का सञ्चालन अपने 850 स्टाफ के माध्यम से 1 लाख 22 हज़ार रूपये प्रति माह करती आ रही थी ,पर नए टेंडर प्रक्रिया के तहत कैंप कंपनी ने टेंडर प्रक्रिया के तहत 1 लाख 18 हज़ार 900 रूपये में प्रति माह के रूप में 108 के संचालन की जिम्मेदारी संभालने का उत्तर दायित्व पाया है | जीवीके कंपनी की समय सीमा 31 मार्च को समाप्त हो रही है और कैंप कंपनी है की 4 दिन शेष रहने के वावजूद भी अभी तक कार्यभार नहीं संभाला है | और ना ही फिल्ड स्टाफ की नियुक्ति प्रक्रिया ही पूरी की है|
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