(व्यूरो,न्यूज़1हिंदुस्तान)
देहरादून। एम्स से निष्कासित कर्मचारियों की बहाली की मांग को लेकर एक व्यक्ति पेट्रोल की बोतल हाथ में लेकर एम्स की पांचवीं मंजिल पर चढ़ गया और आत्मदाह की धमकी देने लगा। इस बीच अन्य अनशनकारी एम्स प्रशासन से वार्ता कर निष्कासित कर्मचारियों की स्थायी नियुक्ति की मांग को लेकर लगातार नारेबाजी करते रहे। आखिरकार तीन चक्र की वार्ता के बाद तय हुआ कि 35 निष्कासित कर्मचारियों को दोबारा एम्स में आउटसोर्सिंग पर रखा जाएगा।
दाताराम ममगाईं पुत्र स्व. गोविंद राम ममगाईं निवासी 14 बीघा, वार्ड नंबर आठ गली नंबर तीन सुबह साढ़े छह बजे एम्स की छत पर चढ़ गए और लगातार मांग करते रहे कि जिन कर्मियों को एम्स से निष्कासित किया गया है, उन्हें दोबारा बहाल किया जाए। ऐसा नहीं करने पर वह आत्मदाह कर लेगा। एम्स प्रशासन ने एसएसपी देहरादून सहित स्थानीय पुलिस प्रशासन को फैक्स भेजकर मामले संबंधी अवगत कराया। इसके बाद तहसीलदार रेखा आर्य और कोतवाल रितेश शाह पुलिस बल के साथ मौके पर पहुंचे। साथ ही फायर ब्रिगेड की गाड़ी भी बुलवाई गई। काफी समझाने के बाद भी दाताराम अपनी मांगें पूरी हुए बिना नीचे उतरने को राजी नहीं हुए। इस बीच दर्जाधारी भगतराम कोठारी, मेयर अनिता ममगाईं सहित कई पार्षद भी प्रदर्शनकारियों के समर्थन में पहुंचे। इस दौरान वार्ताओं और नारों का दौर घंटांे चलता रहा। प्रदर्शन के दौरान कुछ युवा तोड़फोड़ की फिराक में भी दिखे। उन्हें कोतवाल ने समझाकर शांत किया। इसी दौरान प्रदर्शनकारी एम्स के फोटोग्राफर से भिड़ गए। हाथापाई की नौबत आने से पहले ही पुलिस ने हस्तक्षेप कर भीड़ को उग्र होने से रोका। इसके बाद वह अपराह्न 1.53 बजे नीचे उतरे। निष्कासित कर्मियों की बहाली की मांग को लेकर निष्कासित कर्मचारियों ने दर्जाधारी भगतराम कोठारी और मेयर अनिता ममगाईं के नेतृत्व में एम्स के डिप्टी डायरेक्टर अंशुमान गुप्ता के साथ अलग-अलग दौर में वार्ता की।
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