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Tuesday, 16 April 2019

आजम खान को एक और झटका,जाने आखिर क्यो लगा झटका

ब्रेकिंग् न्यूज़ रामपुर

(व्यूरो,न्यूज़1हिंदुस्तान)

रामपुर के  भोट में एक शादी हॉल में होने वाली सपा की जनसभा प्रशासन ने रोकी 

चुनाव आयोग द्वारा रामपुर से सपा उम्मीदवार मो0 आज़म खाँ पर लगाये गए 72 घंटे की पाबन्दी के बावजूद भोट में होने वाले था सपा का कार्यक्रम जिसे आज़म खाँ को संबोधित करना था,पुलिस प्रशासन ने रुकवाया कार्यक्रम की अनुमति सपा उम्मीदवार आज़म खाँन के संबोधन के लिए ली गईं थी इस मामले को भी आज़म के लिये झटका माना जा रहा है


रिपोर्टर फ़हीम खाँन रामपुर

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1 comment:

  1. पेयजल निगम में अभियंताओं की 'एसीआर' में खेल

    - हर साल लिखी जाने वाली एनवल कान्फिडेंशियल रिपोर्ट तीन-तीन साल तक नहीं लिखी जा रही

    - पदोन्नति के दौरान कई वर्षाें की एसीआर लिखी जा रही मनमाफिक तरीके से एक साथ, प्रबंधन की कार्य प्रणाली पर उठ रहे सवाल

    देहरादून। उत्तराखंड पेयजल निगम में अभियंताओं की एनवल कान्फिडेंशियल रिपोर्ट (एसीआर) में बड़ा खेल सामने आया है। चौंकाने वाली बास्त यह है कि हर साल लिखी जाने वाली एसीआर तीन-तीन साल तक नहीं लिखी जा रही है। आरटीआई में मांगी गई जानकारी में इसका खुलासा हुआ है। इसके पीछे का सच सामने आने पर निगम प्रबंधन की कार्यप्रणाली पर सवाल उठने लगे हैं। आरोप है कि अभियंताओं को दबाव में लेने के लिए एसीआर लंबे समय तक नहीं लिखी जा रही है। पदोन्नति के दौरान मनमाने तरीके से अभियंताओं की एसीपी लिख कर चहेतों को पदोन्नतियां दी जा रही है। ऐसा एक नही कई उदाहरण सामने आए हैं।
    दरअसल कार्मिकों की एसीआर पदोन्नति में सबसे अहम होती है। एसीआर की श्रेणी ऊपर नीचे करने पर कार्मिकों की पदोन्नति में बढ़ा खड़ी की जा सकती है। पेयजल निगम में एसीआर को हथियार बनाकर इसका गलत इस्तेमाल करने का खुलासा हुआ है। निगम प्रबंधन नियमों की धज्जियां उड़ाकर मनमाफिक तरीके से अभियंताओं की एसीआर लिख रहा है। तीन साल हो गए अभी तक कई अवर अभियंता से लेकर अधिशासी और अधीक्षण अभियंताओं की एसीआर नहीं लिखी गई। सूत्रों के अनुसार लम्बे समय से प्रमोशन के समय ही अभियंताओं की एसीआर लिखी जा रही है। बताया जा रहा है कि चहेतों अधिकारी-कर्मचारियों की एसीआर तो पहले लिख दी जाती है। यह बात भी सामने आई है कि जिन अधिकारियों-कर्मचारियों के प्रमोशन रोकने है उनकी एसीआर में गलत एंट्री दर्शायी जा रही है। अधिकारी-कर्मचारियों ने एसीआर के नाम पर शोषण करने का आरोप लगाया है। जबकि हाईकोर्ट ने आदेश दिए हैं कि एसीआर की एंट्री अनिवार्य रूप से हर साल की जाए और इसकी एक कॉपी संबंधित अधिकारी-कर्मचारी को भी मुहैया कराई जाए। लेकिन हाईकोर्ट के आदेशों का भी निगम प्रबन्ध निगम पालन नहीं किया जा रहा है। आरोप है कि निचले स्तर के अधिकारियों द्वारा मुख्यालय भी जा रही अति उत्तम एसीआर में हेराफेरी के उसे उत्तम किया जा रहा है। यह कार्मिको को पदोन्नति जे बाद पता चल रहा है। इसमे लेन-देन कि बात भी सामने आ रही है।

    इस मामले में पेयजल निगम अधिकारी कर्मचारी संयुक्त मोर्चा ने कड़ी आपत्ति दर्ज की है। मोर्चा के संयोजक ए.के. चतुर्वेदी ने कहा कि कार्मिकों की एसीआर में धांधलेबाजी चल रही है। उन्होंने आरोप लगाया कि निगम प्रबंधन मनमाने तरीके से एसीआर लिख रहा है। अभियंताओं को पदोन्नति के दौरान पता चलता है कि उनकी एसीआर खराब है। ऐसा एक नहीं कई बार हो चुका है, इससे कार्मिकों के हित प्रभावित हो रहे हैं। उनका कहना है कि इस मामले पर प्रबंधन ने सुधार नहीं लाया, तो अधिकारी-कर्मचारी प्रबंधन के खिलाफ आंदोलन शुरू कर देंगे।

    वर्जन ..............

    तीन साल से एसीआर न लिखने का कोई भी प्रकरण मेरे संज्ञान में नहीं है। यदि ऐसा कोई मामला है, तो इसका तत्काल संज्ञान लिया जाएगा और संबिधत अधिकारी को निर्देशित किया जाएगा।

    वी.सी. पुरोहित, मुख्य अभियंता (मुख्यालय), पेयजल निगम, देहरादून

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