आखिर कौन है जिम्मेदार?
डॉ हिमांशु द्विवेदी
हरिद्वार 4 अप्रैल।चुनाव आयोग के आदेशानुसार कोई भी राजपत्रित अधिकारी अपने ग्रह जनपद में तैनात नही रह सकता।उसी आदेश के तहत करीब डेढ़ साल से हरिद्वार में तैनात जिला सूचना अधिकारी अर्चना का स्थान्तरण देहरादून मुख्यालय कर दिया गया था।क्योंकि अर्चना का ग्रह जनपद हरिद्वार ही था।परंतु विडंबना हैकि उची पहुँच औऱ न जाने किसकी सरपरस्ती मे आज ग्रह जनपद होने के बावजूद भी सहायक निबंधक के पद पर मान सिंह सैनी तैनात है।वे भी एक द्वितीय श्रेणी राजपत्रित अधिकारी हैऔर उनका भी ग्रह जनपद हरिद्वार है। बताते चले कि मान सिंह सैनी के खिलाफ कई जांच चल रही है वही भेल की ग्रह निर्माण समिति के प्लाट आवंटन घोटाले में संलिप्त रहे है यह अभी हाल ही सचिव स्तर की जांच से स्पष्ट हो गया है। सूत्रों की माने तो उत्तरखंड में डिप्टी रजिस्ट्रार केपांच पद ही है पर ऊंची पहुँच के चलते छटा पद सृजित करा कर मान सिंह की ताजपोशी का राज आज तक नही खुल सका है।वहीं नियमो को ताक पर रख कर एक स्टेट लेबल की संस्था भंडारण निगम में एम डी का पद पर कैसे पहुँचे यह भी समझ से परे है क्योंकि इस पद पर केवल प्रथम श्रेणी के राजपत्रित अधिकारी ही इस पद पर तैनात हो सकता है।इतने सब के बावजूद भी मान सिंह हरिद्वार में कैसे तैनात है?
सहकारी समितियो के पभारी होने कारण समिति के सदस्यों के माध्यम से चुनाव को प्रभवित कर सकते क्योंकि अंतरिक्ष सैनी से मान सिंह का पुराना नाता है।
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