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Wednesday, 15 May 2019

पश्चिम बंगाल को बहुत खतरनाक स्थिति में ले जा रही है ममता बनर्जी। पूरे देश को भुगतने पड़ेंगे परिणाम

(एस.पी.मित्तल)
कोलकत्ता |
14 मई को भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अतिमशाह के रोड शो में कोलकाता में जो हिंसा हुई, वह बेहद ही गंभीर घटना है। अमितशाह ने देश भर में रोड शो और चुनावी सभाएं की है, लेकिन कहीं भी विवाद नहीं हुआ। यहां तक कि हैदराबाद और केरल में भी कोई विवाद खड़ा नहीं हुआ। ऐसे में सवाल उठता है कि पश्चिम बंगाल में ही ऐसा क्यों हो रहा है। कभी हेलीकॉप्टर उतारने नहीं दिया जाता तो कभी चुनावी सभा के लिए अनुमति नहीं दी जाती है।
पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी इन दिनों जिस तरह बयान बाजी कर रही है उससे प्रतीत होता है कि बंगाल को बहुत खतरनाक स्थिति में ले जाया जा राहा है। ममता कह रही है कि मैं नरेन्द्र मोदी व अमित शाह को गुंडा मानती हंू। जो मुख्यमंत्री देश के प्रधानमंत्री को गुुंडा कहे उस प्रदेश के हालातों का अंदाजा लगाया जा सकता है। यदि एक राष्ट्रीय पार्टी के अध्यक्ष रोड शो भी नहीं कर सकते हैं तो फिर कानून व्यवस्था की स्थिति का अंदाजा लगाया जा सकता है। गंभीर बात तो यह है कि पश्चिम बंगाल के गुंडा तत्वों को ममता सरकार का संरक्षण है। इसलिए केन्द्रीय सुरक्षा बलों की मौजूदगी के बाद भी बंगाल में हिंसा हो रही है। 15 मई को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में अमितशाह ने कहा कि 14 मई को यदि मेरी सुरक्षा में सीआरपीएफ के जवान नहीं होते तो कोलकाता से बचकर निकलना मुश्किल होता। शाह ने कहा कि ममता बनर्जी ने जरा भी ईमानदारी है तो रोड शो की हिंसा की जांच किसी हाईकोर्ट जज से करवाएं। जिन जलती हुई मोटर साइकिलों को दिखाया जा रहा है वो भाजपा के कार्यकर्ताओं की है। ईश्वरचन्द्र विद्या सागर कॉलेज के अंदर प्रतिमा भी एक षडय़ंत्र के तहत तोड़ी गई। रोड शो के दौरान तो कॉलेज का मुख्य गेट ही बंद था। जहां तक बंगाल में राष्ट्रपति शासन लागू करने का सवाल है तो 23 मई के बाद ममता बनर्जी का राज अपने आप चले जाएगा।
यूपी में पूजा अर्चना का समय नहीं बदला-योगी:
बिगड़ी कानून व्यवस्था की वजह से यूपी के मुख्यमंत्री आदित्यनाथ योगी की सभा 15 मई को कोलकाता में नहीं हो सकी। लेकिन पश्चिम बंगाल के दो अन्य स्थानों पर हुई सभा में योगी ने कहा कि भाजपा की सरकार बनने से पहले उत्तर प्रदेश के हालात भी बहुत खराब थे। भाजपा की सरकार बनने पर उन हिन्दुओं को वापस अपने गांव में बसाया गया जो सपा-बसपा के शासन में भय की वजह से गांव छोड़ कर चले गए थे। भाजपा के शासन में पूजा अर्चना के समय और कार्यक्रमों में कभी भी बदलाव नहीं होने दिया। जबकि पश्चिम बंगाल में दुर्गापूजा का समय बदला गया है। योगी ने कहा कि पश्चिम बंगाल में ममता बनर्जी के हटने के बाद ही भय मुक्त शासन कायम हो सकेगा।

सुप्रीम कोर्ट ने जताई नाराजगी:
15 मई को ममता सरकार के रवैये पर सुप्रीम कोर्ट ने भी नाराजगी जताई है। भाजपा की कार्यकर्ता प्रियंका शर्मा को सशर्त जमानत पर छोडऩे के आदेश के बाद भी प्रियंका को नहीं छोड़ा गया। 15 मई को सुबह फिर सुप्रीम कोर्ट का ध्यान आकर्षित किया गया। कोर्ट का कहना रहा कि जब 14 मई को आदेश दे दिए थे, तो फिर प्रियंका को जेल में रखना किसी भी दृष्टि से उचित नहीं है। कोर्ट की नाराजगी के बाद 15 मई को ममता सरकार ने प्रियंका शर्मा को रिहा किया, लेकिन रिहा करने से पहले लिखित में माफी मांगवाई गई। प्रियंका ने आरोप लगाया कि उसने लिखित माफी मांगने से पहले परिजन और वकील से मिलने की बात कही थी, लेकिन अधिकारियों ने उसकी बात नहीं मानी और जबरन माफीनामा लिखवाया।


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