नई दिल्ली
(ब्यूरो, न्यूज 1 हिंदुस्तान)
सुषमा स्वराज का निधन,एम्स से घर लाया गया पार्थिव शरीर.
अंतिमदर्शन के लिए रखा गया पार्थिव शरीर.
पीएम मोदी अमित शाह सहित भाजपा के सभी नेताओं ने किया शोक प्रकट.
राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद, उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू सहित प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी,मुलायम सिंह, रामगोपाल यादव, हेमा मालिनी, अनुराग ठाकुर, मायावती, अरविंद केजरीवाल, बाबा रामदेव, गुलाम नबी आजाद उनके निवास स्थान पर पहुंच दी श्रद्धांजलि।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सुषमा स्वराज को श्रद्धांजलि देने जब उनके घर पहुंचे तो हुए भावुक परिवार वालों को दी संतावना।
कांग्रेस के पार्टी के नेता राहुल गांधी ने कहा मैं सुषमा स्वराज के निधन की ख़बर से स्तब्ध हूं. वे असधारण नेता और प्रखर वक्ता रहीं जिनकी दूसरी पार्टियों में भी मित्रता थी.
भाजपा नेता और पूर्व विदेश मंत्री सुषमा स्वराज का 67 वर्ष की आयु में निधन।
सुषमा स्वराज का जन्म 14 फरवरी 1952 को हरियाणा के हुआ था अंबाला में।
अंबाला छावनी के एसडी कॉलेज से किया स्नातक
पंजाब विश्वविद्यालय से ली एलएलबी की डिग्री ।
सर्वोच्च न्यायालय के वकील से किया था विवाह।
अंबाला छावनी में हरदेव शर्मा और लक्ष्मी देवी के घर जन्मीं थी सुषमा ।
सुषमा का विवाह 13 जुलाई 1975 में सर्वोच्च न्यायालय के वरिष्ठ वकील स्वराज कौशल से हुआ।
सुषमा की है एक बेटी बांसुरी है, जो लंदन के इनर टेंपल में करती है वकालत ।
एक नजर भाजपा नेत्री सुषमा स्वराज के राजनीतिक सफर पर...
1.1977 में शुरू हुआ राजनीतिक सफर
2.सुषमा स्वराज चार साल तक जनता पार्टी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी रही सदस्या
3.चार साल तक हरियाणा राज्य में जनता पार्टी की अध्यक्षा का पद संभाला
4.चार तक वह भारतीय जनता पार्टी की अखिल भारतीय सचिव रहीं.
5.1977 सुषमा स्वराज ने हरियाणा में कैबिनेट मंत्री के रूप में शपथ ली. पहली बार विधान सभा के लिए चुनी गईं थीं सुषमा
6.भारत में सबसे कम उम्र की कैबिनेट मंत्री बनी थीं. 1977 से 1979 तक सामाजिक कल्याण, श्रम और रोजगार जैसे आठ विभाग संभाले.
7.1987 में सुषमा स्वराज को हरियाणा विधान सभा से फिर से चुना गया था. इस बार वे 1987 से 1990 तक सिविल आपूर्ति, खाद्य और शिक्षा के विभाग संभालते हुए कैबिनेट मंत्री रहीं.
8.अप्रैल 1990 में, सुषमा स्वराज को राज्य सभा की सदस्य के रूप में निर्वाचित किया गया था.
9.1996 में सुषमा स्वराज 11वीं लोकसभा के दूसरे कार्यकाल की सदस्य बनीं.
10.1996 में, अटल बिहारी वाजपेयी के नेतृत्व में तेरह दिन की सरकार के दौरान, इन्होंने सूचना और प्रसारण की केंद्रीय कैबिनेट मंत्री के रूप में लोकसभा वार्ता के लाइव प्रसारण का एक क्रांतिकारी कदम उठाया था.
11.1998 में इन्हें तीसरी बार 12वीं लोकसभा की सदस्या के रूप में फिर से निर्वाचित किया गया था.
12. 13 अक्टूबर से 3 दिसंबर 1998 तक, इन्हें दिल्ली की पहली महिला मुख्यमंत्री के रूप में निर्वाचित किया गया.
13.नवंबर 1998 में इन्हें दिल्ली विधानसभा के हौज खास विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र से चुना गया, लेकिन लोकसभा सीट को बरकरार रखने के लिए विधानसभा सीट से दिया इस्तीफा .
14.अप्रैल 2000 में सुषमा स्वराज को पुनः राज्यसभा की सदस्या के रूप में निर्वाचित किया गया था.
15.30 सितंबर 2000 से 29 जनवरी 2003 तक इन्होंने सूचना एवं प्रसारण मंत्री के पद पर सेवा की.
16.19 मार्च से 12 अक्टूबर 1998 तक, वे सूचना एवं प्रसारण और दूरसंचार (अतिरिक्त प्रभार) विभाग में केंद्रीय कैबिनेट मंत्री रहीं.
17. 29 जनवरी 2003 से 22 मई 2004 तक, वे स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री तथा संसदीय मामलों की मंत्री रहीं.
19.अप्रैल 2006 में इन्हें पुनः पांचवे सत्र के लिए राज्य सभा की सदस्य के रूप में निर्वाचित किया गया.
20.16 मई 2009 को सुषमा स्वराज को छठी बार 15वीं लोकसभा की सदस्य के रूप में चुना गया था.
21.लोकसभा में 3 जून 2009 को विपक्ष की उप नेता बनी.
22.21 दिसंबर 2009 को सुषमा स्वराज विपक्ष की पहली महिला नेता बनी थीं और तब इन्होंने श्री लालकृष्ण आडवाणी के बाद यह पद ग्रहण किया था.
23.26 मई 2014 को सुषमा स्वराज भारत सरकार में विदेश मामलों की केंद्रीय मंत्री बनीं.
उत्तराखंड से रहा है गहरा लगाओ
उतराखंड से भी राज्यसभा सांसद रही थीं सुषमा स्वराज।
देश की पूर्व विदेश मंत्री सुषमा स्वराज का उत्तराखंड से था गहरा लगाव।
3 अप्रैल 2000 से 2 अप्रैल 2006 तक उत्तराखंड से राज्यसभा सदस्य रहीं सुषमा।
उत्तराखंड के विकास के लिए कई महत्वपूर्ण कार्यों में किया था सहयोग।
सुषमा के निधन पर केंद्रीय मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक , मुख्यमंत्री श्री त्रिवेंद्र सिंह रावत व कैबिनेट मंत्री मदन कौशिक सहित यशपाल आर्य ने किया दुःख व्यक्त।
News1 Hindustan परिवार की ओर से पूर्व केंद्रीय मंत्री सुषमा स्वराज को भावभीनी श्रद्धांजलि@@@
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