इसके साथ ही उत्तराखंड में भी चार धाम श्राइन मैनेजमेंट बोर्ड के गठन की तैयारी तेज हो गई है।
(ब्यूरो ,न्यूज़ 1 हिन्दुस्तान
देहरादून | वर्तमान में उत्तराखंड में ऐसा कोई श्राइन बोर्ड नहीं है, जो बदरीनाथ, केदारनाथ के साथ ही गंगोत्री और यमुनोत्री मंदिर की यात्रा व्यवस्था को भी संचालित करे । बेहतर यात्रा व्यवस्था के लिए एक श्राइन बोर्ड के गठन की जरूरत को देखते हुए एक्ट के प्रस्ताव पर सरकार ने काम शुरू कर दिया है।इसके साथ ही उत्तराखंड में भी चार धाम श्राइन मैनेजमेंट बोर्ड के गठन की तैयारी तेज हो गई है।
अधिकारिक सूत्रों के अनुसार,1935 में बने बदरी केदार मंदिर समिति के एक्ट को बहुत पुराना हो जाने के कारण सरकार नई परिस्थितियों में उपयुक्त नहीं मान रही है।इसलिए संस्कृति विभाग ने कुछ दिन पहले ही मुख्य सचिव के सम्मुख इस संबंध में प्रस्तुतिकरण भी दिया है।
इस एक्ट से बदरीनाथ और केदारनाथ के अलावा भले ही 36 अन्य मंदिरों की व्यवस्था भी संचालित हो रही हो, लेकिन गंगोत्री और यमुनोत्री मंदिर कवर नहीं हो रहे हैं। ये सारी स्थितियां एक नया एक्ट बनाकर चार धाम श्राइन मैनेजमेंट बोर्ड के गठन का आधार तय कर रही हैं।
मौजूदा स्थिति और कमजोर पक्ष
बदरीनाथ और केदारनाथ मंदिर की यात्रा व्यवस्था मंदिर समिति देखती है, जबकि उसका गंगोत्री और यमुनोत्री की यात्रा पर कोई नियंत्रण नहीं है। गंगोत्री और यमुनोत्री की यात्रा व्यवस्था वहां की अलग-अलग कमेटियां देखती हैं। इस वजह से यात्रा व्यवस्था में हमेशा तालमेल का अभाव दिखता है।
वही उत्तराखंड की चार धाम यात्रा का देश दुनिया में नाम है। वर्ष 2018 में 28 लाख से ज्यादा जबकि इस वर्ष अभीतक 10 लाख के आसपास यात्री चार धाम की यात्रा पर आए हैं। मगर यात्रा के संचालन की व्यवस्था बिखरी-बिखरी-बिखरी सी दिखाई देती है।

0 comments:
Post a Comment