छह माह से लेकर एक साल की कैद और एक हजार से लेकर पांच हजार रुपये तक का जुर्माना हो सकता है।
सजा सुनाते हुए कोर्ट ने टिप्पणी की है कि नशे की हालत में वाहन चलाने की घटनाएं लगातार बढ़ रही है. पिछले कुछ सालों के आंकड़ों पर गौर करें तो इस तरह के मामलों में 30 से 40 फीसदी का इजाफा हुआ है।
(ब्यूरो ,न्यूज़ 1 हिन्दुस्तान)

देहरादून/ हरिद्वार । शराब अथवा अन्य किसी मादक पदार्थ के नशे में वाहन चलाना अब चालकों को भारी पड़ेगा। ऐसा करते हुए पकड़े जाने पर अब छह माह से लेकर एक साल की कैद और एक हजार से लेकर पांच हजार रुपये तक का जुर्माना हो सकता है। दूसरी बार पकड़े जाने पर दो साल की कैद अथवा 15 हजार रुपये तक का जुर्माना किया जा सकता है। खतरनाक तरीके से वाहन चलाते हुए पकड़े जाने पर भी यही जुर्माना वसूला जाएगा। हालांकि, विभाग को अपने स्तर से इस सीमा के बीच के जुर्माने की दर तय करने की छूट होगी।
केंद्र सरकार ने कुछ समय पहले मोटरयान अधिनियम में संशोधन किया है। अब इसकी कुछ धाराओं को एक सितंबर से लागू किया जा रहा है। इसमें नशे में वाहन चलाने को लेकर खासी सख्ती बरती जा रही है। इसमें नशे पर वाहन चलाने पर सजा को दोगुना किया गया है। दिमागी व शारीरिक तौर पर अनफिट लोगों द्वारा वाहन चलाने पर पहला जुर्माना 200 रुपये से लेकर एक हजार रुपये और दूसरी बार पकड़े जाने पर 500 रुपये से लेकर दो हजार रुपये तक का जुर्माना प्रस्तावित किया गया है।
कोर्ट का फैसला
नशे में गाड़ी चलाना किसी के लिए भी खतरनाक साबित हो सकता है। इसके लिए कड़े कानून भी बनाए गए हैं दिल्ली की एक अदालत ने इसी तरह के एक मामले की सुनवाई करते हुए पुलिस को आदेश दिया है कि ऐसे वाहन चालकों को दिनों में नहीं महीनों की जेल की सजा सुनिश्चित की जानी चाहिए।
पिछले कुछ सालों के आंकड़ों पर गौर करें तो इस तरह के मामलों में 30 से 40 फीसदी का इजाफा हुआ है। इससे साफ है कि नशे की हालत में पकड़े गए लोगों की सजा काफी कम है इसलिए उनमें किसी भी तरह का भय नहीं है। सजा कम होने के कारण इस तरह के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं।
ऐसे में जरूरी हो गया है कि नशे की हालत में पकड़े गए वाहन चालकों को महीनों की जेल की सजा सुनाई जानी चाहिए। लंबे समय तक जेल में रहने के कारण उनमें डर पैदा होगा और इस तरह के मामलों में कमी आएगी. अदालत ने मोहन पर तीन हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया है।
पिछले कुछ सालों के आंकड़ों पर गौर करें तो इस तरह के मामलों में 30 से 40 फीसदी का इजाफा हुआ है। इससे साफ है कि नशे की हालत में पकड़े गए लोगों की सजा काफी कम है इसलिए उनमें किसी भी तरह का भय नहीं है। सजा कम होने के कारण इस तरह के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं।
ऐसे में जरूरी हो गया है कि नशे की हालत में पकड़े गए वाहन चालकों को महीनों की जेल की सजा सुनाई जानी चाहिए। लंबे समय तक जेल में रहने के कारण उनमें डर पैदा होगा और इस तरह के मामलों में कमी आएगी. अदालत ने मोहन पर तीन हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया है।
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