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Monday, 26 August 2019

काली नदी को उज्ज्वल करने का अभियान, काली नदी को उजला करने का कराया संकल्प ! आखिर कहा है काली नदी और किसने किसको कराया संकल्प ?जाने

पहले चरण में देवबन्द में काली नदी को उज्ज्वल और निर्मल किया जायेगा तत्पश्चात सहारनपुर में होगा काली नदी स्वच्छता अभियान
काली नदी का जल कहेगा अमन और एकता की कहानी
देवबन्द की काली नदी बनेगी उजली नदी-स्वामी चिदानन्द सरस्वती
अमन-एकता हरियाली यात्रा के समापन अवसर पर हजारों लोगों ने 11-11 पौधे लगाने का लिया संकल्प- मौलाना महमूद असअद मदनी
(ज्ञान प्रकाश पाण्डेय ) 
ऋषिकेश। अमन-एकता हरियाली यात्रा के समापन अवसर पर देवबन्द में उपस्थित हजारों लोगों ने इस मानसून सत्र में 11-11 पौधों के रोपण का संकल्प लिया। इस पावन संकल्प के साथ ऐतिहासिक अमन-एकता हरियाली यात्रा का समापन हुआ।
परमार्थ निकेतन के परमाध्यक्ष स्वामी चिदानन्द सरस्वती महाराज, मौलाना महमूद असअद मदनी महासचिव, जमीयत उलेमा-ए-हिन्द और जिलाधिकारी सहारनपुर आलोक कुमार पाण्डे के मध्य काली नदी की स्वच्छता और अविरलता को लेकर चर्चा हुई। प्रथम चरण में मध्य अक्टूबर एवं नवम्बर माह में एक से तीन दिनों तक देवबन्द में काली नदी को स्वच्छ करने का अभियान चलाया जायेगा और उस नदी को एक नया स्वरूप प्रदान किया जायेगा। तत्पश्चात दूसरे चरण में सहारनपुर में काली नदी को उजली नदी में परिवर्तित करने का कार्य आरम्भ किया जायेगा। साथ ही नदी के दोनों ओर के तटों पर वृक्षारोपण किये जाने की योजना बनायी जा रही है। 
 काली नदी के जल के सैंपल लेकर परिक्षण किया गया तो पाया कि उसमें आॅक्सीजन की मात्रा शून्य है तथा टीसीओ 280000 और बीओडी 40 है। इन आंकडों से स्पष्ट होता है कि यह जल सिंचाई कि लिये भी उपयुक्त नहीं है। केन्द्रीय भू जल बोर्ड की रिपोर्ट के अनुसार काली नदी के जल में सीसा, मैग्नीज, लोहा, क्रोमियम जैसे तत्व और प्रतिबंधित कीटनाशक अत्यधिक मात्रा में पाये जाते है और यह नदी आगे उत्तरप्रदेश कन्नौज में जाकर गंगा में मिल जाती है जिससे गंगा का जल और भी प्रदूषित हो रहा है। गंगा को प्रदूषण मुक्त करने के लिये सबसे पहले उसकी सहायक नदियों एंव उपसहायक नदियों को प्रदूषण मुक्त नितांत आवश्यक है इसी क्रम में काली नदी को स्वच्छ करने का संकल्प लिया गया।
 स्वामी चिदानन्द सरस्वती महाराज ने कहा क भारत सरकार, जल शक्ति मंत्रालय ने जल शक्ति अभियान को गति प्रदान की है। इसमें सरकार अपना कार्य करेगी परन्तु हम सभी को भी तो नदियों से सरोकार है इसलिये हम सभी को भी मिलकर इस ओर कदम बढ़ाना होगा। उन्होेने कहा कि सरकार और हम सभी के बीच में एक सेतु बने और वह सेतु ही एक महत्वपूर्ण भूमिका निभायेगा। यह कार्य हम सभी को मिलकर करना है।
 स्वामी चिदानन्द सरस्वती महाराज ने कहा कि ’’अमन-एकता हरियाली यात्रा’’ का समापन देवबन्द की काली नदी को उजला करने के संकल्प के साथ हुआ। अब काली नदी का जल भी अमन और एकता की कहानी कहेगा तथा इसके तट पर रहने वाले लोगों के जीवन में खुशहाली लेकर आयेगा। अब समय आ गया है कि हमारे आस-पास के जितने भी जल स्रोत है उन को एक नया स्वरूप प्रदान करे; उनके तटों पर वृक्षारोपण किया जायंे, उन जल स्रोतों को गहरा किया जाये ताकि उसमें वर्षा का जल एकत्र हो सके। जल स्रोत जीवंत बने रहेंगे तो मनुष्य के जीवन में भी हरियाली और खुशहाली का समावेश होगा।
 स्वामी चिदानन्द सरस्वती महाराज ने लोगों से आह्वान किया कि हमें मेरी गली; मेरा गांव; मेरा पेड़ और मेरी नदी अभियान के साथ बढ़ना होगा क्योकि यही हमारे जीवन के आधार है। स्वामी ने उपस्थित लोगों को सम्बोधित करते हुये कहा कि काली नदी की स्वच्छता के संकल्प के साथ आज हम एक और संकल्प लें कि एकल उपयोग प्लास्टिक का उपयोग बिल्कुल नहीं करेंगे। प्लास्टिक के कारण जल स्रोत प्रदूषित हो रहे है। भूमिजल के साथ हमारे जल के भण्डार और महासागर भी प्रदूषित हो रहे है। महासागरों के प्रदूषित होने का प्रमुख कारण नदियों को मान जा रहे है। 
सांइस पत्रिका में प्रकाशित अध्ययन में महासागर सफाई परियोजना के शोधकर्ताओं ने अनुमान लगाया है कि समुद्र में 5 ट्रिलियन पाउंड प्लास्टिक तैर रहा है और इसका दो-तिहाई हिस्सा विश्व की 20 सबसे ज्यादा प्रदूषित नदियों से आता है जो महासागरों के प्रदूषण के लिये जिम्मेदार प्लास्टिक का 67 प्रतिशत है। अध्ययन के आधार पर भारत की गंगा नदी द्वारा 98 मिलियन पाउंउ प्लास्टिक प्रतिमाह समुद्र में आ रहा है।
 समुद्री विशेषज्ञों के अनुसार इसी प्रकार प्लास्टिक समुद्र में गिरता रहा तो वर्ष 2050 तक वजन के हिसाब से समुद्र में मछलियों से अधिक प्लास्टिक होगा। प्लास्टिक के छोटे-छोटे टुकडे जिनकों माइक्रो प्लास्टिक कहा जाता है वे फूड चेन के द्वारा मानव शरीर और पर्यावरण में आ रहे है जिससे कैंसर व अन्य भयावह व्याधियाँ उत्पन्न हो रही है। अतः प्लास्टिक को दैनिक जीवन से हटाने के लिये हम सभी को प्रयास करने की जरूरत है।
 मौलाना महमूद असअद मदनी जी ने बताया कि अमन-एकता हरियाली यात्रा का समापन काली नदी की स्वच्छता और 11-11 पौधों के रोपण के साथ हुआ। उन्होेने कहा कि इस काली नदी को उजली नदी बनाने का काम हम सब मिलकर जोश व जुनून के साथ करेंगे ताकि स्वामी जी महाराज ने जो यह संकल्प लिया है वह पूर्ण होगा और हम सभी मिलकर इसे पूरा करेंगे। उन्होने कहा कि एक मरती नदी को जिंदा करना यह सचमुच अपने आप में एक ऐतिहासिक कार्य होगा।
 जिलाधिकारी आलोक पाण्डे ने कहा कि काली नदी को पुनः जीवंत बनाने का जो संकल्प स्वामी चिदानन्द सरस्वती महाराज द्वारा लिया गया है हम उसमें शासन की ओर से पूर्ण रूप से सहयोग प्रदान करेंगे।




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