* भिक्षावृत्ति में लिप्त चिन्हित बच्चों को शिक्षा से जोड़ने हेतु हर संभव सहायता देने का युद्ध यूथ एनजीओ ने किया वादा।
हरिद्वार। पिरान कलियर क्षेत्र अंतर्गत ऑपरेशन मुक्ति के तहत एक कार्यशाला का आयोजन किया गया। ऑपरेशन मुक्ति के द्वितीय चरण में आयोजित कार्यशाला का शुभारंभ प्रथम चरण में चिन्हित किए गए बच्चों के मेडिकल हेल्थ चेक अप से हुआ। जिसमें सीएमओ द्वारा भेजी गई टीम के सदस्य, डॉक्टरों एवं अन्य साथियों द्वारा द्वारा ना केवल चिन्हित किए गए बच्चों अपितु बुजुर्ग महिलाओं एवं बालिकाओं का भी मेडिकल चेकअप कर दवाइयां उपलब्ध करवाएं।
इतना ही नहीं भिक्षा नहीं शिक्षा अभियान के तहत आयोजित कार्यशाला में नुक्क्ड़ नाटक के माध्यम से भी भिक्षा मांगने वाले बच्चो व् उनके परिवार के सदस्यों को जागरूक किया गया।
इसके उपरांत प्रोजेक्ट हेल्प के डायरेक्टर अमित सैमुअल सहित पधारे उनके विशेष अतिथियो द्वारा कार्यक्रम में प्रतिभाग कर रहे भिक्षावृत्ति में लिप्त हुए बच्चे जिन्हें चिन्हित किया गया था, को शिक्षा से जोड़ने हेतु प्रेरित किया गया। साथ ही बच्चों ने यह संकल्प लिया कि वह भिक्षावृत्ति की राह छोड़कर शिक्षा की तरफ अब अग्रसर होंगे। बच्चों के अभिभावकों को भी बच्चों को स्कूल भेजने के लिए प्रेरित किया गया। सभी बच्चों द्वारा कार्यक्रम में बढ़-चढ़कर प्रतिभाग करते हुए बातचीत की।
इसके अतिरिक्त कार्यक्रम में पिरान कलियर क्षेत्र में कार्यरत युद्ध यूथ एनजीओ के सदस्यों द्वारा भी प्रतिभाग किया गया एवं भिक्षावृत्ति में लिप्त चिन्हित बच्चों को शिक्षा से जोड़ने हेतु हर संभव सहायता देने का वादा किया। कार्यक्रम के दौरान सभी के बीच पिरान कलियर क्षेत्र पांच सभासद भी शामिल रहे। जिनके द्वारा भी इन बच्चों को आर्थिक सहायता देने की इच्छा प्रकट की गई।
वही अभियान के प्रभारी क्षेत्राधिकारी अभय सिंह ने बच्चो के माता -पिता को बताया कि भिक्षा और शिक्षा में कितना अंतर है और आज के परिवेश में बच्चो के लिए शिक्षा कितनी आवश्यक है। उन्होंने बच्चो के माता - पिता से उनके शिक्षा में आ रही अड़चनों पर विशेष रूप से चर्चा की। जिससे की उन दिक्कतों को दूर कर इन बच्चो को उचित शिक्षा व्यवस्था मुहैया कराया जा सके।
आपको बता दे कि उत्तराखण्ड पुलिस द्वारा डीजीपी (कानून व्यवस्था ) द्वारा भिक्षा नहीं शिक्षा के नाम से एक अभियान की शुरुआत की गई थी जिसमे प्रत्येक जिलों के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक की देखरेख में चलाया जा रहा है। उसी क्रम में हरिद्वार एसएसपी सेंथिल अबूदई कृष्ण राजएस द्वारा क्षेत्राधिकरी शहर / यातायात अभय सिंह को इसका नोडल ऑफिसर नियुक्त किया गया था। भिक्षा नहीं शिक्षा कार्यक्रम चार चरणों में चलाया जा रहा है। जो की हरिद्वार में 31 अक्टूबर तक चलेगा।
पहले चरण में उन बच्चों और परिवार का डाटा बनाया जाएगा जो हरिद्वार में भिक्षा मांगने का काम करते हैं। दूसरे चरण में समस्त स्कूलों कॉलेजों, सार्वजनिक स्थानों, महत्वपूर्ण चौराहों, सिनेमाघरों, बस अड्डे, रेलवे स्टेशन, धार्मिक स्थलों में बच्चों या फिर अन्य किसी को भिक्षा न देने के संबंध में बैनर, पोस्टर, पंपलेट, नुक्कड़ नाटक, धार्मिक स्थलों में लाउड स्पीकर, सिनेमा घरों में शॉट मूवी दिखाकर जागरूकता अभियान चलाया जाएगा। तीसरे चरण में बच्चों के अलावा उनके माता पिता की काउंसलिंग की जाएगी और बच्चों के माता पिता को रोजगार दिलाने का प्रयास पुलिस करेगी। साथ ही बच्चों को पढ़ाने का इंतजाम भी पुलिस की ओर से किया जाएगा।
आपको बता दे कि उत्तराखंड पुलिस द्वारा चलाये जा रहे इस अभियान में कई सामजिक संगठनों के लोग बढ़ -चढ़ कर हिस्सा ले रहे है और उन बच्चो के सहयोग के लिए तत्पर भी है। उत्तराखण्ड पुलिस की यह मुहीम अगर कामयाब हुई तो वह दिन दूर नहीं जब हरिद्वार ही नहीं बल्कि पुरे उत्तराखंड से भिक्षा या भिक्षुको से निजात मिल जायेगी।
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