*पांच सदस्यीय संवैधानिक पीठ इस मामले की सुनवाई कर रही है।
* राम जन्मभूमि और बाबरी मस्जिद मामले की लगतार 40वें दिन सुनवाई जारी है।
* सुप्रीम कोर्ट ने कहा- आज शाम पांच बजे तक सुनवाई खत्म हो जाएगी।
* सुन्नी वक्फ बोर्ड ने दावा वापसी संबंधी हलफनामे की चर्चाओं को खारिज किया।
* महंत नृत्य गोपाल दास समेत अनेक की सुरक्षा बढ़ाई गई।
* मुस्लिम पक्ष के वकील राजीव धवन ने हिंदू महासभा के वकील द्वारा पेश किए गए नक्शे को फाड़ दिया।
(ब्यूरो,न्यूज़ 1 हिन्दुस्तान)
नई दिल्ली। उच्चतम न्यायालय के कोर्टरूम में ड्रामे के बीच बुधवार (आज )को भी राम जन्मभूमि और बाबरी मस्जिद मामले की लगतार 40वें दिन सुनवाई जारी है। सुनवाई शुरू होते ही मुख्य न्यायाधीश (सीजेआई) ने साफ कर दिया कि आज शाम को पांच बजे मामले में अंतिम सुनवाई होगी। सुनवाई के दौरान वह काफी सख्त नजर आ रहे हैं। मुस्लिम और हिंदू पक्ष अपनी-अपनी दलीलें अदालत के सामने पेश कर रहा है। इसी बीच कोर्टरूम में ड्रामा देखने को मिला। मुस्लिम पक्ष के वकील राजीव धवन ने हिंदू महासभा के वकील द्वारा पेश किए गए नक्शे को फाड़ दिया।
पांच सदस्यीय संवैधानिक पीठ इस मामले की सुनवाई कर रही है।
इससे पहले मंगलवार को सीजेआई ने कहा था कि सभी पक्ष 16 अक्तूबर तक मामले से संबंधित दलीलें पेश कर दें,क्योंकि फिर उन्हें फैसला लिखने में चार सप्ताह का समय लगेगा। आज मुख्य न्यायाधीश गोगोई ने अयोध्या मामले में एक पक्ष हिंदू माया सभा के हस्तक्षेप के आवेदन को खारिज करते हुए कहा, 'यह मामला आज शाम को पांच बजे खत्म हो जाएगा। बहुत हो चुका। हम और समय नहीं देंगे।'
लंच के बाद अयोध्या मामले की सुनवाई फिर शुरू हो गई है। अब मुस्लिम पक्ष अपनी दलीलें रख रहा है, उनके पास 45 मिनट का वक्त है। मुस्लिम पक्ष के वकील राजीव धवन ने कहा है कि हिंदू महासभा प्रस्तुतीकरण में खामियां हैं।हिंदू महासभा के वकील विकास सिंह ने ऑक्सफोर्ड की एक किताब का हवाला दिया और मुस्लिम पक्ष के वकील राजीव धवन ने किताब के नक्शे को फाड़ दिया। वकील के इस रवैये से सीजेआई रंजन गोगोई नाराज दिखाई दिए। उन्होंने कहा कि यदि ऐसा ही चलता रहा तो वह उठकर चले जाएंगे।
सीजेआई गोगोई ने अखिल भारतीय हिंदू महासभा का अयोध्या मंदिर को लेकर दी गई दलील पर कहा, 'यदि इस तरह की बहस जारी रहेगी तो हम उठकर चले जाएंगे।' इसपर हिंदू महासभा के वकील ने कहा, 'मैं अदालत की बहुत इज्जत करता हूं। मैंने न्यायालय के शिष्टाचार को भंग नहीं किया है।'
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