* जावेद अख्तर ने भारतीय सिनेमा को एक नई पहचान दिलाई।
* उन्होंने सलीम खान के साथ मिलकर शोले, जंजीर, दीवार और हाथी मेरा साथी सहित कई फिल्मों के डायलॉग्स और कहानियां लिखीं।
(ब्यूरो ,न्यूज़ 1 हिन्दुस्तान )
मुंबई। जावेद अख्तर आज किसी परिचय के मोहताज नहीं है। पर क्या आपको पता है कि शब्दों के जादूगर, हिंदी सिनेमा के बेहतरीन राइटर और गीतकार जावेद अख्तर के जिंदगी में ऐसे भी देखे है जब उनके पास खाने के लिए पैसे भी नहीं थे और वः कई दिन भूखे भी रहे। जी हाँ ,विश्वास नहीं होता है ना। पर बात में शत - प्रतिशत सच्चाई है। इनकी सच्चाई जब उनकी पत्नी मशहूर फ़िल्मी अदाकारा शबाना आजमी ने ट्वीट कर दी तो एक बार हमें भी विश्वास नहीं हुआ।
जी हाँ ,शब्दों के जादूगर, हिंदी सिनेमा के बेहतरीन राइटर और गीतकार जावेद अख्तर फिल्म इंडस्ट्री की उन महान हस्तियों में से एक हैं जिसने भारतीय सिनेमा को एक नई पहचान दिलाई। 70 और 80 के दशक में उन्होंने सलीम खान के साथ मिलकर शोले, जंजीर, दीवार और हाथी मेरा साथी सहित कई फिल्मों के डायलॉग्स और कहानियां लिखीं। 55 साल पहले 1964 में उन्होंने अपने करियर की शुरुआत की थी, लेकिन यहां तक पहुंचने का सफर बहुत मुश्किल था। हाल ही में जावेद अख्तर की पत्नी और मशहूर अदाकारा शबाना आजमी ने उनके संघर्ष के बारे में बताया।
* उन्होंने सलीम खान के साथ मिलकर शोले, जंजीर, दीवार और हाथी मेरा साथी सहित कई फिल्मों के डायलॉग्स और कहानियां लिखीं।
(ब्यूरो ,न्यूज़ 1 हिन्दुस्तान )
मुंबई। जावेद अख्तर आज किसी परिचय के मोहताज नहीं है। पर क्या आपको पता है कि शब्दों के जादूगर, हिंदी सिनेमा के बेहतरीन राइटर और गीतकार जावेद अख्तर के जिंदगी में ऐसे भी देखे है जब उनके पास खाने के लिए पैसे भी नहीं थे और वः कई दिन भूखे भी रहे। जी हाँ ,विश्वास नहीं होता है ना। पर बात में शत - प्रतिशत सच्चाई है। इनकी सच्चाई जब उनकी पत्नी मशहूर फ़िल्मी अदाकारा शबाना आजमी ने ट्वीट कर दी तो एक बार हमें भी विश्वास नहीं हुआ।
जी हाँ ,शब्दों के जादूगर, हिंदी सिनेमा के बेहतरीन राइटर और गीतकार जावेद अख्तर फिल्म इंडस्ट्री की उन महान हस्तियों में से एक हैं जिसने भारतीय सिनेमा को एक नई पहचान दिलाई। 70 और 80 के दशक में उन्होंने सलीम खान के साथ मिलकर शोले, जंजीर, दीवार और हाथी मेरा साथी सहित कई फिल्मों के डायलॉग्स और कहानियां लिखीं। 55 साल पहले 1964 में उन्होंने अपने करियर की शुरुआत की थी, लेकिन यहां तक पहुंचने का सफर बहुत मुश्किल था। हाल ही में जावेद अख्तर की पत्नी और मशहूर अदाकारा शबाना आजमी ने उनके संघर्ष के बारे में बताया।
शबाना आजमी ने ट्वीट करते हुए लिखा- 'आज ही के दिन 55 साल पहले एक 19 साल का लड़का बंबई सेंट्रल स्टेशन उतरा था। हाथों में 27 रुपये और आंखों में सपने लिए जावेद अख्तर फुटपाथ पर सोए, 4-4 दिनों तक भूखे रहे लेकिन उन्हें खुद पर पूरा भरोसा था। ये मुश्किलों के आगे हार ना मानने की प्रेरणादायक कहानी है। मैं आपको सैल्यूट करती हूं।'
जावेद अख्तर के लिए बॉलीवुड में करियर बनाना आसान नहीं था। उनको अपने शुरुआती दिनों में काफी संघर्ष करना पड़ा था। एक बार जावेद अख्तर अपनी स्क्रिप्ट लेकर किसी प्रोड्यूसर के पास गए। प्रोड्यूसर को जावेद की स्क्रिप्ट इतनी बुरी लगी कि उसने स्क्रिप्ट के पन्ने उनके मुंह पर मार दिए और कहा कि तुम जिंदगी में कभी भी लेखक नहीं बन सकते, लेकिन जावेद ने हार नहीं मानी और एक लेखक बनकर दिखाया।
बॉलीवुड को जावेद अख्तर ने कई बेहतरीन फिल्में दीं, वहीं जावेद अख्तर को कामयाबी सलीम खान के साथ काम करने के बाद मिली और उनकी दोस्ती भी हिट रही। सलीम खान और जावेद अख्तर की पहली मुलाकात सरहदी लुटेरा फिल्म की शूटिंग के दौरान हुई थी। इस फिल्म में सलीम खान हीरो थे। इन दोनों की जोड़ी ने राइटर्स को कम फीस देने के ट्रेंड को भी बदला। उस दौर में जब लेखक को हीरो से बहुत कम पैसे मिलते थे, इन दोनों ने फिल्म दोस्ताना में अमिताभ बच्चन से ज्यादा फीस ली थी।
जावेद अख्तर को अब तक 8 बार फिल्मफेयर अवॉर्ड मिला है। बेस्ट लिरिक्स के लिए उन्हें 5 बार नेशनल अवॉर्ड भी मिल चुका है। इसके अलावा वो पद्मश्री और पद्म भूषण से भी सम्मानित किए जा चुके हैं।
जावेद साहब की कामयाबी उनके सही प्रयास का परिणाम है।ईश्वर उनको ओर कामयाबी दे
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