पुराने दीयों को पुर्नचक्रण कर गरीबों के घर रोशन करेगी बीइंग भगीरथ टीम-शिखर पालीवाल
(ब्यूरो ,न्यूज़ 1 हिन्दुस्तान )
हरिद्वार। बीइंग भगीरथ टीम द्वारा पौराणिक मंदिरों, गंगा घाटों, सिद्ध पीठ स्थलों से मंदिरों में अर्पित किए गए पुराने दीयों को अभियान चलाकर एकत्र कर दीयों पर साफ सफाई व पेंट कर पुर्नचक्ररित किया। टीम के सदस्यों द्वारा विभिन्न मंदिरों से ढाई हजार की संख्या में दीए एकत्र किए गए। बीइंग भगीरथ टीम के संयोजक शिखर पालीवाल ने बताया कि बड़ी संख्या में मंदिरों के अलावा गंगा घाटों पर दीए श्रद्धालुओं द्वारा इस्तेमाल किए जाते हैं। पुराने दीए इधर उधर गंगा में ही फेंक दिए जाते हैं।
ऐसे में कई बार इधर उधर फैले दीए यात्री श्रद्धालुओं के लिए ही परेशानियां खड़ी कर देते हैं। पुराने दीयों को दीयों की साज सज्जा कर नया रूप टीम द्वारा दिया जा रहा है। इन दीयों को धर्मनगरी के श्रद्धालुओं व स्थानीय नागरिकों को व टीम के स्वयंसेवकों द्वारा ख़रीदा जाएगा तथा सहयोग राशि से ग़रीबों को दिवाली पर मिशठान व कपड़े बाँटे जाएँगे । उन्होंने कहा कि टीम के सदस्य लगातार हरिद्वार धर्मनगरी को स्वच्छ सुन्दर बनाए रखने में निस्वार्थ सेवाभाव से जुटी हुई है। आगे भी यह अभियान निरंतर दीपावली पर्व तक चलाया जाएगा। मंदिरों, पौराणिक सिद्ध पीठों पर चढ़ाए गए दीयों को पुनः चक्रित कर इस्तेमाल में लाया जाएगा। पुरानी वस्तुओं से हरिद्वार की सड़कों व चैराहों को भव्य रूप प्रदान करने के लिए निरंतर बीइंग भगीरथ टीम निस्वार्थ सेवाभाव से अपने कार्यो को अंजाम देती चली आ रही है।
इन दीयों को बीइंग भगीरथ के स्वयं सेवक खुद ही पैसा एकत्र कर इन दीयों को खरीदकर वितरित करने का काम भी किया जाएगा। जनक सहगल ने कहा कि हरिद्वार व मां गंगा को स्वच्छ निर्मल बनाए रखने के लिए एकजुटता से टीम काम करती चली आ रही है। गंगा स्वच्छता एवं धर्मनगरी को हरा भरा बनाने के प्रयास वृहद स्तर से किए जा रहे हैं। पुरानी वस्तुओं का इस्तेमाल कर धर्मनगरी के पार्को, चैराहों, सड़कों को नवीन रूप दिया जा रहा है। बीइंग भगीरथ की इस पहल का सभी स्वागत कर रहे हैं। अन्य सामाजिक संस्थाओं को भी इस अभियान से प्रेरणा मिल रही है। युवाओं में शहर को स्वच्छ सुन्दर बनाए रखने की जनजागृति की जा रही है। देवीशा पंचोली ने कहा कि पुराने दीयों को नया रूप देकर इस्तेमाल में लाने के लिए टीम के सदस्य कड़ी मेहनत कर पुराने दीयों की साफ सफाई व पेंट कर भव्य रूप प्रदान कर रहे हैं।
किसी भी पुरानी सामग्री को नया लुक देकर इस्तेमाल में लाने का यह तरीका बीइंग भगीरथ की टीम भी धर्मनगरी में करती चली आ रही है। शासन प्रशासन भी इस अभियान में लगातार बीइंग भगीरथ टीम का सहयोगी बना हुआ है। कड़ी मेहनत व ईमानदारी से शहर को स्वच्छ रखने की यह मुहिम अवश्य ही रंग ला रही है। पुराने दीयों को इस्तेमाल किया जाना प्रशंसनीय है। व्यापारियों, तीर्थ पुरोहित समाज आदि से भी पुराने दीयों को लेकर विचार विमर्श किया जा रहा है। पुरानी वस्तुओं का सद्पयोग अवश्य किया जाना चाहिए। इस अवसर पर टीम के वरिष्ठ सदस्य हन्नी सैनी, विपिन सैनी, आदित्य भाटिया, संदीप खन्ना, जितेंद्र चैहान, मधु भाटिया, सन्नी सैनी, दिव्यांशु शर्मा, अनुराग श्रीवास्तव, जिया, संतोष साहु, अमित जांगिड़ आदि मौजूद रहे।
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हरिद्वार। बीइंग भगीरथ टीम द्वारा पौराणिक मंदिरों, गंगा घाटों, सिद्ध पीठ स्थलों से मंदिरों में अर्पित किए गए पुराने दीयों को अभियान चलाकर एकत्र कर दीयों पर साफ सफाई व पेंट कर पुर्नचक्ररित किया। टीम के सदस्यों द्वारा विभिन्न मंदिरों से ढाई हजार की संख्या में दीए एकत्र किए गए। बीइंग भगीरथ टीम के संयोजक शिखर पालीवाल ने बताया कि बड़ी संख्या में मंदिरों के अलावा गंगा घाटों पर दीए श्रद्धालुओं द्वारा इस्तेमाल किए जाते हैं। पुराने दीए इधर उधर गंगा में ही फेंक दिए जाते हैं।
ऐसे में कई बार इधर उधर फैले दीए यात्री श्रद्धालुओं के लिए ही परेशानियां खड़ी कर देते हैं। पुराने दीयों को दीयों की साज सज्जा कर नया रूप टीम द्वारा दिया जा रहा है। इन दीयों को धर्मनगरी के श्रद्धालुओं व स्थानीय नागरिकों को व टीम के स्वयंसेवकों द्वारा ख़रीदा जाएगा तथा सहयोग राशि से ग़रीबों को दिवाली पर मिशठान व कपड़े बाँटे जाएँगे । उन्होंने कहा कि टीम के सदस्य लगातार हरिद्वार धर्मनगरी को स्वच्छ सुन्दर बनाए रखने में निस्वार्थ सेवाभाव से जुटी हुई है। आगे भी यह अभियान निरंतर दीपावली पर्व तक चलाया जाएगा। मंदिरों, पौराणिक सिद्ध पीठों पर चढ़ाए गए दीयों को पुनः चक्रित कर इस्तेमाल में लाया जाएगा। पुरानी वस्तुओं से हरिद्वार की सड़कों व चैराहों को भव्य रूप प्रदान करने के लिए निरंतर बीइंग भगीरथ टीम निस्वार्थ सेवाभाव से अपने कार्यो को अंजाम देती चली आ रही है।
इन दीयों को बीइंग भगीरथ के स्वयं सेवक खुद ही पैसा एकत्र कर इन दीयों को खरीदकर वितरित करने का काम भी किया जाएगा। जनक सहगल ने कहा कि हरिद्वार व मां गंगा को स्वच्छ निर्मल बनाए रखने के लिए एकजुटता से टीम काम करती चली आ रही है। गंगा स्वच्छता एवं धर्मनगरी को हरा भरा बनाने के प्रयास वृहद स्तर से किए जा रहे हैं। पुरानी वस्तुओं का इस्तेमाल कर धर्मनगरी के पार्को, चैराहों, सड़कों को नवीन रूप दिया जा रहा है। बीइंग भगीरथ की इस पहल का सभी स्वागत कर रहे हैं। अन्य सामाजिक संस्थाओं को भी इस अभियान से प्रेरणा मिल रही है। युवाओं में शहर को स्वच्छ सुन्दर बनाए रखने की जनजागृति की जा रही है। देवीशा पंचोली ने कहा कि पुराने दीयों को नया रूप देकर इस्तेमाल में लाने के लिए टीम के सदस्य कड़ी मेहनत कर पुराने दीयों की साफ सफाई व पेंट कर भव्य रूप प्रदान कर रहे हैं।
किसी भी पुरानी सामग्री को नया लुक देकर इस्तेमाल में लाने का यह तरीका बीइंग भगीरथ की टीम भी धर्मनगरी में करती चली आ रही है। शासन प्रशासन भी इस अभियान में लगातार बीइंग भगीरथ टीम का सहयोगी बना हुआ है। कड़ी मेहनत व ईमानदारी से शहर को स्वच्छ रखने की यह मुहिम अवश्य ही रंग ला रही है। पुराने दीयों को इस्तेमाल किया जाना प्रशंसनीय है। व्यापारियों, तीर्थ पुरोहित समाज आदि से भी पुराने दीयों को लेकर विचार विमर्श किया जा रहा है। पुरानी वस्तुओं का सद्पयोग अवश्य किया जाना चाहिए। इस अवसर पर टीम के वरिष्ठ सदस्य हन्नी सैनी, विपिन सैनी, आदित्य भाटिया, संदीप खन्ना, जितेंद्र चैहान, मधु भाटिया, सन्नी सैनी, दिव्यांशु शर्मा, अनुराग श्रीवास्तव, जिया, संतोष साहु, अमित जांगिड़ आदि मौजूद रहे।
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