* शिकायत करता के अनुसार पिछले सात सालो से कर रहे बिजली चोरी।
* हाइडिल विजलेंस के एइ नहीं हो रही बिजली चोरी।
* राजा जी पार्क निदेशक ने कहा घर के बिजली पानी का बिल खुद भरना होता है।
* बिजली विभाग का पेंच।
हरिद्वार। राजाजी टाइगर रिजर्व पार्क के वन्य जीव प्रतिपालक (वार्डन ) के घर पर देहरादून से आई हाइडिल विजलेंस ने छापा मारा। शिकायत थी कि वार्डन पिछले 7 सालो से बिजली चोरी कर रहे है। उधर हाइडिल विजलेंस को मौके पर बिजली चोरी का मामला नहीं मिला। बिजली विभाग अधिकारी ने कहा घरेलु कनेक्शन की बजाय उन्हें कमर्शियल का बिल मिल रहा है तो हमें क्या लेना ? उधर राजा जी टाइगर रिजर्व पार्क के निदेशक ने कहा घर का बिजली व् पानी का बिल खुद को देना होना है। वही वार्डन का कहना है कि घर कम कार्यालय होने के कारण बिजली उपयोग कर रहे है।बिजली के बिल का कुछ भुगतान विभाग द्वारा किया जा चूका है और आगे भुगतान के लिए विभाग को लिखा भी जा चूका है।
जानकारी के अनुसार राजाजी टाइगर रिजर्व पार्क के वन्य जीव प्रतिपालक (वार्डन )कोमल सिंह के बिल्केश्वर कालोनी स्थित (डीएफओ कार्यालय परिसर )सरकारी आवास पर देहरादून से आई हाइडिल विजलेंस की टीम ने पीपुल्स फार एनीमल संस्था के सदस्य आदित्य शर्मा की शिकायत के आधार पर छापा मारा। मौके पर पहुंचे हाइडिल विजलेंस के अस्सिस्टेंस इंजिनियर हनुमान सिंह रावत ने कहा कि उनको शिकायत मिली थी कि कोमल सिंह पिछले 7 सालो से बिजली चोरी कर रहे है।रावत ने पाया कि एक ही मीटर से दोनो जगहो पर (आवास और कार्यालय ) कनेक्शन जा रहा है,और मीटर भी ख़राब पड़ा हुआ है।
हाइडिल विजलेंस के ए ई ने बिजली विभाग के जे ई को आनन फानन में तलब किया। दूसरे तरफ वार्डन कार्यालय कर्मचारियों ने घंटो बाद बिजली का बिल दिखा पाए। तब जाकर स्थिति साफ हुई कि मीटर ख़राब कारण बिल आईडीएफ में आ रहा है। जोकि प्रतिमाह 11176 /- रूपये के हिसाब से आ रहा है। जबकि पिछले कई सालो से बिजली बिल बकाया चल रहा है जोकि लगभग ढाई लाख से ऊपर का बिल है। हाइडिल विजलेंस ने जेई एच एस वोहरा को तत्काल प्रभाव से मीटर बदलने को कह कार्य इतिश्री कर लिया गया ।
इस सम्बन्ध में वार्डन कोमल सिंह का कहना है की वह जब इस मकान में रहने आये तभी से मकान की बिजली कटी हुई है। उन्होंने कहा कि घर कम ऑफिस होने कारण बिजली यूज करने का उनको अधिकार है।
आपको बता दे कि राजाजी टाइगर रिजर्ब पार्क या वन विभाग के अधिकारियो व् कर्मचारियों को आवास विभाग द्वारा आवंटित होता है ,जिसका किराया विभाग द्वारा उनके वेतन काट लिया जाता है। परन्तु बिजली व् पानी के बिल का भुगतान खुद करना होता है। यहाँ स्थिति यह थी कि मकान की बिजली गत 7 सालो से भुगतान ना होने के कारण कटी पड़ी है। जिसको खुद वार्डन कोमल सिंह भी स्वीकारते है। तब सवाल यह उठता है कि फिर आखिर बिजली कहा से यूज हो रही थी या है ।
दूसरी तरफ यदि कोमल सिंह की माने तो उनका यह आवास कम कार्यालय है तो फिर कार्यालय कर्मचारियों ने विजलेंस विभाग अधिकारी से यह क्यों कहा कि अभी पांच या छः माह से कार्यालय वहा सिफ्ट हुआ है। वार्डन का कार्यालय व् आवास महज चंद कदमो पर ही स्थित है और इस वक्त उनके कार्यालय में तोड़ फोड़ हुई है। इस पुरे प्रकरण में देहरादून से आई हाइडिल विजलेंस टीम को कही से भी बिजली चोरी का मामला प्रकाश में नहीं आया। तो उन्होंने जेई को तत्काल प्रभाव से मीटर बदले को कह अपने कार्य की इतिश्री कर ली।
राजाजी टाइगर रिजर्व पार्क के निदेशक पी के पात्रो बात की गई तो उन्होंने भी वही बात बताई जो कि हम आपको ऊपर बता चुके है। पात्रो कि यदि हाइडिल विजलेंस द्वारा यह बात उनके संज्ञान में लाई जाती है कि बिजली एक ही मीटर से दोनों स्थानों ( आवास व कार्यालय ) पर यूज रहा था तो विभाग उनसे रिकवरी की कार्यवाही करेगा।
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