* अयोध्या केस के फैसले में सीजेआई रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली पांच जजों की पीठ ने कहा कि विवादित जमीन दी जाए रामलला विराजमान को।
* सुन्नी वक्फ बोर्ड को अयोध्या में कहीं भी पांच एकड़ जमीन देने का फैसला दिया।
(ब्यूरो ,न्यूज़ 1 हिन्दुस्तान )
नई दिल्ली। अयोध्या केस में सुप्रीम कोर्ट ने शनिवार को बड़ा फैसला सुनाया। सीजेआई रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली पांच जजों की पीठ ने फैसले में कहा कि विवादित जमीन रामलला विराजमान को दी जाए। साथ ही उन्होंने सुन्नी वक्फ बोर्ड को अयोध्या में कहीं भी पांच एकड़ जमीन देने का फैसला दिया। इस पर सुन्नी वक्फ बोर्ड के वकील जफरयाब जिलानी ने असंतुष्टि जताई।
उन्होंने कहा, 'हम सुप्रीम कोर्ट के फैसले का सम्मान करते हैं. लेकिन हम इससे संतुष्ट नहीं है. इसे लेकर हम विचार करेंगे।
सुप्रीम कोर्ट के फैसले की प्रमुख बातें...
- एएसआई की रिपोर्ट में जमीन के नीचे मंदिर के सबूत मिले: सुप्रीम कोर्ट
- विवादित जमीन रामलला विराजमान को दी गई- CJI
- सीजेआई ने कहा कि ट्रस्ट 3 महीने में मंदिर की योजना तैयार करे.
- 2.77 एकड़ विवादित जमीन पर सरकार का हक रहेगा- सुप्रीम कोर्ट
- संविधान की नजर में सभी आस्थाएं समान हैं- CJI
- कोर्ट आस्था नहीं सबूतों पर फैसला देती है- CJI
- अंदरूनी हिस्सा विवादित है. हिंदू पक्ष ने बाहरी हिस्से पर दावा साबित किया- CJI
- सुन्नी वक्फ बोर्ड को पांच एकड़ जमीन दी जाए. यह जमीन या तो अधिग्रहित जमीन हो या अयोध्या में कहीं भी हो- CJI
- प्राचीन यात्रियों ने जन्मभूमि का जिक्र किया है- सीजेआई
- 1949 तक मुस्लिम मस्जिद में नमाज अदा करते थे- CJI रंजन गोगोई
- समानता संविधान की मूल आत्मा है - CJI
- सीजेआई ने कहा कि सुन्नी वक्फ बोर्ड का दावा विचार योग्य.
- हिंदू पक्ष ने कई ऐतिहासिक सबूत दिए- सीजेआई
- सीजेआई रंजन गोगोई ने फैसला पढ़ते हुए कहा कि सभी धर्मों को समान नजर से देखना सरकार का काम है. अदालत आस्था से ऊपर एक धर्म निरपेक्ष संस्था हैं. 1949 में आधी रात में प्रतिमा रखी गई.
- सीजेआई ने कहा कि इतिहास जरूरी है लेकिन इन सबमें कानून सबसे ऊपर है, सभी जजों ने आम सहमति से फैसला लिया है.
- 2.77 एकड़ विवादित जमीन पर सरकार का हक रहेगा- सुप्रीम कोर्ट
- संविधान की नजर में सभी आस्थाएं समान हैं- CJI
- कोर्ट आस्था नहीं सबूतों पर फैसला देती है- CJI
- अंदरूनी हिस्सा विवादित है. हिंदू पक्ष ने बाहरी हिस्से पर दावा साबित किया- CJI
- सुन्नी वक्फ बोर्ड को पांच एकड़ जमीन दी जाए. यह जमीन या तो अधिग्रहित जमीन हो या अयोध्या में कहीं भी हो- CJI
- प्राचीन यात्रियों ने जन्मभूमि का जिक्र किया है- सीजेआई
- 1949 तक मुस्लिम मस्जिद में नमाज अदा करते थे- CJI रंजन गोगोई
- समानता संविधान की मूल आत्मा है - CJI
- सीजेआई ने कहा कि सुन्नी वक्फ बोर्ड का दावा विचार योग्य.
- हिंदू पक्ष ने कई ऐतिहासिक सबूत दिए- सीजेआई
- सीजेआई रंजन गोगोई ने फैसला पढ़ते हुए कहा कि सभी धर्मों को समान नजर से देखना सरकार का काम है. अदालत आस्था से ऊपर एक धर्म निरपेक्ष संस्था हैं. 1949 में आधी रात में प्रतिमा रखी गई.
- सीजेआई ने कहा कि इतिहास जरूरी है लेकिन इन सबमें कानून सबसे ऊपर है, सभी जजों ने आम सहमति से फैसला लिया है.
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