* दिल्ली हाईकोर्ट ने निर्भया गैंगरेप में शामिल पवन गुप्ता के मामले की सुनवाई अगली तारीख
24 जनवरी 2020 मुकर्रर की है।
* दोषी पवन के वकील एपी सिंह ने कोर्ट से इस मामले में नए कागजात दाखिल करने के लिए समय माँगा है।
(ब्यूरो ,न्यूज़ 1 हिन्दुस्तान )
नई दिल्ली। 'निर्भया' गैंगरेप और हत्या मामले के चार दोषियों में शामिल पवन गुप्ता की याचिका पर दिल्ली हाईकोर्ट में सुनवाई टल गई है। गुरुवार को दिल्ली हाईकोर्ट ने इस मामले की सुनवाई की अगली तारीख 24 जनवरी, 2020 मुकर्रर की है। दोषी पवन के वकील एपी सिंह ने कोर्ट से इस मामले में नए कागजात दाखिल करने के लिए समय मांगा है।
दरअसल पवन ने यह दावा किया है कि दिसंबर 2012 में जब ये अपराध हुआ, तब वो नाबालिग था। पवन ने घटना के समय नाबालिग घोषित करने का अनुरोध करते हुए आरोप लगाया कि जांच अधिकारी ने उसकी उम्र का पता लगाने के लिए हड्डियों संबंधी जांच नहीं की। उसने जुवेनाइल जस्टिस कानून के तहत छूट का दावा किया। अपनी याचिका में दोषी ने कहा कि जेजे कानून की धारा 7ए में प्रावधान है कि नाबालिग होने का दावा किसी भी अदालत में किया जा सकता है और इस मुद्दे को किसी भी समय यहां तक कि मामले के अंतिम निपटारे के बाद भी उठाया जा सकता है। आपको बता दें कि अदालत ने पवन को मौत की सजा सुनाई है और फिलहाल वो दिल्ली के तिहाड़ जेल में बंद है। उसने अनुरोध किया कि संबंधित प्राधिकरण को उसके नाबालिग होने के दावे का पता लगाने के लिए हड्डियों संबंधी जांच करने का निर्देश दिया जाए।
24 जनवरी 2020 मुकर्रर की है।
* दोषी पवन के वकील एपी सिंह ने कोर्ट से इस मामले में नए कागजात दाखिल करने के लिए समय माँगा है।
(ब्यूरो ,न्यूज़ 1 हिन्दुस्तान )
नई दिल्ली। 'निर्भया' गैंगरेप और हत्या मामले के चार दोषियों में शामिल पवन गुप्ता की याचिका पर दिल्ली हाईकोर्ट में सुनवाई टल गई है। गुरुवार को दिल्ली हाईकोर्ट ने इस मामले की सुनवाई की अगली तारीख 24 जनवरी, 2020 मुकर्रर की है। दोषी पवन के वकील एपी सिंह ने कोर्ट से इस मामले में नए कागजात दाखिल करने के लिए समय मांगा है।
दरअसल पवन ने यह दावा किया है कि दिसंबर 2012 में जब ये अपराध हुआ, तब वो नाबालिग था। पवन ने घटना के समय नाबालिग घोषित करने का अनुरोध करते हुए आरोप लगाया कि जांच अधिकारी ने उसकी उम्र का पता लगाने के लिए हड्डियों संबंधी जांच नहीं की। उसने जुवेनाइल जस्टिस कानून के तहत छूट का दावा किया। अपनी याचिका में दोषी ने कहा कि जेजे कानून की धारा 7ए में प्रावधान है कि नाबालिग होने का दावा किसी भी अदालत में किया जा सकता है और इस मुद्दे को किसी भी समय यहां तक कि मामले के अंतिम निपटारे के बाद भी उठाया जा सकता है। आपको बता दें कि अदालत ने पवन को मौत की सजा सुनाई है और फिलहाल वो दिल्ली के तिहाड़ जेल में बंद है। उसने अनुरोध किया कि संबंधित प्राधिकरण को उसके नाबालिग होने के दावे का पता लगाने के लिए हड्डियों संबंधी जांच करने का निर्देश दिया जाए।
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