* जानकारों का कहना है एनसीपी प्रमुख शरद पवार का ‘गेम’ अभी खत्म नहीं हुआ है।
* उद्धव सरकार ने भाजपा के समय शुरू हुए आधे दर्जन काम रोके।
* अलगाव के बाद पहली बार उद्धव और मोदी-शाह का आमना-सामना होगा।
महाराष्ट्र। सत्ता के संग्राम के बीच एक माह तक चले सियासी ड्रामे के पटाक्षेप होने के उपरांत महाराष्ट्र में महाविकास आघाड़ी की सरकार में मंत्री पदों के बंटवारे का नया फार्मूला सामने आया है। इसके मुताबिक शिवसेना को मुख्यमंत्री पद मिलने के बाद मंत्रिमंडल में सबसे ज्यादा मंत्री पद अब एनसीपी के रहेंगे। सूत्रों के अनुसार मंत्रिमंडल में शिवसेना के 15 मंत्री जबकि एनसीपी के 16 व कांग्रेस के 12 मंत्री रहेंगे।
क्योंकि जानकारों का कहना है एनसीपी प्रमुख शरद पवार का ‘गेम’ अभी खत्म नहीं हुआ है। सूत्रों के अनुसार भाजपा को राज्य में सत्ता के खेल से बाहर करने के बाद पवार अब ‘पावर गेम’ में कांग्रेस-शिवसेना को उलझा रहे हैं। उन्होंने साफ कहा है कि शिवसेना को मुख्यमंत्री पद मिल गया, कांग्रेस को विधानसभा अध्यक्ष की कुर्सी मिल गई। एनसीपी को क्या मिला? हालांकि अभी तय नहीं है कि एनसीपी का उपमुख्यमंत्री कौन होगा। लेकिन अजित पावर मुख्य दावेदार हैं। जानकारों के अनुसार अपने बयानों से पवार न साफ कर दिया है कि न केवल उद्धव मंत्रिमंडल में एनसीपी के मंत्री ज्यादा होंगे, बल्कि उन्हें खास मंत्रालय भी मिलने चाहिए। इनमें वित्त, गृह, राजस्व और कृषि शामिल हैं।
बताया जाता है कि शिवसेना के 11 कैबिनेट और चार राज्यमंत्री होंगे। एनसीपी के 12 कैबिनेट और चार राज्यमंत्री रहेंगे। इस तरह एनसीपी को पहले तय फार्मूले से एक कैबिनेट मंत्री पद अधिक मिलेगा। जबकि कांग्रेस को नौ कैबिनेट और तीन राज्यमंत्री पद मिल सकते हैं। हालांकि अभी यह अंतिम निर्णय नहीं है।
क्योंकि जानकारों का कहना है एनसीपी प्रमुख शरद पवार का ‘गेम’ अभी खत्म नहीं हुआ है। सूत्रों के अनुसार भाजपा को राज्य में सत्ता के खेल से बाहर करने के बाद पवार अब ‘पावर गेम’ में कांग्रेस-शिवसेना को उलझा रहे हैं। उन्होंने साफ कहा है कि शिवसेना को मुख्यमंत्री पद मिल गया, कांग्रेस को विधानसभा अध्यक्ष की कुर्सी मिल गई। एनसीपी को क्या मिला? हालांकि अभी तय नहीं है कि एनसीपी का उपमुख्यमंत्री कौन होगा। लेकिन अजित पावर मुख्य दावेदार हैं। जानकारों के अनुसार अपने बयानों से पवार न साफ कर दिया है कि न केवल उद्धव मंत्रिमंडल में एनसीपी के मंत्री ज्यादा होंगे, बल्कि उन्हें खास मंत्रालय भी मिलने चाहिए। इनमें वित्त, गृह, राजस्व और कृषि शामिल हैं।
0 comments:
Post a Comment