* जफराबाद में हुई हिंसा के बाद दिल्ली पुलिस ने भीड़ नियंत्रण करने के लिए आंसू गैस के गोले दागे।
* हालात पर नज़र बनाये रखने के लिए ड्रोन मंगाए गए है।
(ब्यूरो ,न्यूज़ 1 हिन्दुस्तान ) नई दिल्ली। केंद्र सरकार द्वारा लाये गए नागरिकता बिल के जहां हर तरफ लोगो में उबाल देखने को मिल रहा है चारो तरफ हिंसा भड़क उठी है। जोकि उत्तर प्रदेश के बाद दिल्ली तक पहुंच गई। दिल्ली के जामिया मिल्लिया इस्लामिया यूनिवर्सिटी हिंसा के बाद अब दिल्ली के जाफराबाद में हिंसा हुई है। संशोधित नागरिकता बिल के विरोध में प्रदर्शन के दौरान यह हिंसा हुई है। कई वाहनों में तोड़फोड़ की गई है।
वाहनों को आग लगा दी गई है। पुलिस ने भीड़ को नियंत्रित करने के लिए आंसू गैस के गोले दागे हैं। हालात पर नज़र बनाए रखने के लिए ड्रोन मंगाए गए हैं। दिल्ली पुलिस के कई वरिष्ठ अधिकारी मौके पर पहुंच गए हैं।
जामिया हिंसा में दिल्ली पुलिस पर लगे थे फायिरंग करने के आरोप
जामिया मिलिया इस्लामिया यूनिवर्सिटी बवाल में गृह मंत्रालय के अधिकारियों की ओर से भी एक बयान आया है। बयान में कहा गया है कि संशोधित नागरिकता कानून के खिलाफ रविवार 15 दिसंबर को जामिया मिलिया विश्वविद्यालय में हुए हिंसक प्रदर्शनों के दौरान दिल्ली पुलिस की तरफ से एक भी गोली नहीं चलाई गई थी। गौरतलब रहे कि घटना के बाद दिल्ली पुलिस पर यूनिवर्सिटी के छात्रों पर लाठीचार्ज, यूनिवर्सिटी के अंदर घुसने और फायरिंग करने के आरोप लगे थे।
* हालात पर नज़र बनाये रखने के लिए ड्रोन मंगाए गए है।
(ब्यूरो ,न्यूज़ 1 हिन्दुस्तान ) नई दिल्ली। केंद्र सरकार द्वारा लाये गए नागरिकता बिल के जहां हर तरफ लोगो में उबाल देखने को मिल रहा है चारो तरफ हिंसा भड़क उठी है। जोकि उत्तर प्रदेश के बाद दिल्ली तक पहुंच गई। दिल्ली के जामिया मिल्लिया इस्लामिया यूनिवर्सिटी हिंसा के बाद अब दिल्ली के जाफराबाद में हिंसा हुई है। संशोधित नागरिकता बिल के विरोध में प्रदर्शन के दौरान यह हिंसा हुई है। कई वाहनों में तोड़फोड़ की गई है।
वाहनों को आग लगा दी गई है। पुलिस ने भीड़ को नियंत्रित करने के लिए आंसू गैस के गोले दागे हैं। हालात पर नज़र बनाए रखने के लिए ड्रोन मंगाए गए हैं। दिल्ली पुलिस के कई वरिष्ठ अधिकारी मौके पर पहुंच गए हैं।
जामिया हिंसा में दिल्ली पुलिस पर लगे थे फायिरंग करने के आरोप
जामिया मिलिया इस्लामिया यूनिवर्सिटी बवाल में गृह मंत्रालय के अधिकारियों की ओर से भी एक बयान आया है। बयान में कहा गया है कि संशोधित नागरिकता कानून के खिलाफ रविवार 15 दिसंबर को जामिया मिलिया विश्वविद्यालय में हुए हिंसक प्रदर्शनों के दौरान दिल्ली पुलिस की तरफ से एक भी गोली नहीं चलाई गई थी। गौरतलब रहे कि घटना के बाद दिल्ली पुलिस पर यूनिवर्सिटी के छात्रों पर लाठीचार्ज, यूनिवर्सिटी के अंदर घुसने और फायरिंग करने के आरोप लगे थे।
0 comments:
Post a Comment