* सत्ता पक्ष द्वारा कहा गया है कि श्राइन बोर्ड के गठन से पुरोहितों और पुजारियों के हक प्रभावित नहीं होगें।
* गंगा सभा ने कहा ,कोई भी व्यवस्था जो तीर्थ पुरोहितो के अधिकारों का हनन करती है उसका सभी मिलकर विरोध करते है।
* गंगा सभा ने कहा ,कोई भी व्यवस्था जो तीर्थ पुरोहितो के अधिकारों का हनन करती है उसका सभी मिलकर विरोध करते है।
देहरादून / हरिद्वार । सरकार द्वारा चारधाम श्राइन बोर्ड गठन के फैसले को लेकर तीर्थ पुरोहितों तथा हक हुकूकधारियों का विरोध जारी है। सभी मन्दिरों के पुरोहितों व पुजारियों ने जहंा सीएम आवास कूच कर अपना विरोध प्रदर्शन किया। वहीं सत्ता पक्ष द्वारा एक बार फिर अपने निर्णय को सही ठहराते हुए कहा गया है कि श्राइन बोर्ड के गठन से पुरोहितों और पुजारियों के हक प्रभावित नहीं होगें बल्कि आने वाले समय में उन्हे इसका लाभ ही होगा।
सरकार द्वारा 27 नवम्बर को कैबिनेट की बैठक में श्राइन बोर्ड गठन के फैसले को हरी झंडी दिखाये जाने के बाद से ही प्रदेश भर के पुरोहित और पुजारी इसका विरोध कर रहे है। उनका साफ कहना है कि इस फैसले के जरिए सरकार द्वारा उनकी सनातन परम्पराओं के साथ छेड़छाड़ की जा रही है जिससे उनके हित प्रभावित होगें। इस फैसले के खिलाफ लगातार विरोध किये जा रहे है आज उत्तरकाशी के मणिकर्णिका घाट पर बुद्धि शुद्धि यज्ञ का आयोजन किया गया वहीं दून में उन 51 मन्दिरों के पुरोहित और पुजारियों ने सीएम आवास कूच किया जिन्हे श्राइन बोर्ड की सूची में रखा गया है। भले ही पुलिस द्वारा इन्हे रास्ते में ही रोक दिया गया हो लेकिन उन्होने कल विधानसभा घेराव की घोषणा की है।
उधर मसूरी विधायक गणेश जोशी ने आज एक पत्रकार वार्ता कर सरकार के श्राइन बोर्ड के फैसले को सही ठहराया है और कहा है कि इस फैसले से चारधाम यात्रा का विकास होगा। उनका कहना है कि पुरोहित और पुजारियों के इससे हित प्रभावित नहीं होगें। इसलिए उन्हे डरने की कोई जरूरत नहीं है। गंगोत्री धाम समिति के अध्यक्ष सुरेश सेमवाल का कहना है कि हमारी पूजा पद्धति अलग है, मान्यताए व प्रथाएं अलग है ऐसी स्थिति में वैष्णो देवी जैसे श्राइन बोर्ड द्वारा यह काम नहीं किया जा सकता है। उनका कहना है कि हमारी सरकार से मांग है कि वह अपने इस निर्णय को तुरन्त वापस ले।
वही गंगा सभा हरिद्वार के महामन्त्री तन्मय वशिष्ठ का कहना है ऐसी कोई भी व्यवस्था जो तीर्थ पुरोहितो के अधिकारों का हनन करती है उसका सभी मिलकर विरोध करते है और आने वाले समय में भी किया जायेगा।
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