* महाराज अग्रसेन घाट समिति के तत्वावधान में अग्रेसन घाट पर आयोजित सात दिवसीय श्रीमद्भागवत कथा ज्ञान यज्ञ।
* जन्म जन्मांतर के पापों को नष्ट करती है श्रीमद्भागवत कथा-पंडित पवन कृष्ण शास्त्री।
हरिद्वार। महाराज अग्रसेन घाट समिति के तत्वावधान में अग्रेसन घाट पर आयोजित सात दिवसीय श्रीमद्भागवत कथा ज्ञान यज्ञ के विश्राम अवसर पर श्रद्धालुओं को सुदामा चरित्र और परीक्षित मोक्ष की कथा श्रवण कराते हुए कथा व्यास भागवताचार्य पंडित पवन कृष्ण शास्त्री ने कहा कि श्राप के कारण सृप दंश से मृत्यु को प्राप्त हुए राजा परीक्षित को श्रीमद्भागवत कथा श्रवण के प्रभाव से मोक्ष प्राप्त हुआ। कथा श्रवण करने से जन्म जन्मांतर के पापों का नाश होता है और विष्णुलोक की प्राप्ति होती है। संसार में मनुष्य को सदा अच्छे कर्म करना चाहिए, तभी उसका कल्याण संभव है। माता-पिता के संस्कार ही संतान में जाते हैं।
कथा के अंतिम दिन सुदामा चरित्र की लीला का भावपूर्ण वर्णन करते हुए कथा व्यास ने कहा कि मित्रता जीवन का आधार है। लेकिन आज सच्चे मित्र कम ही मिलते हैं। सुदामा और कृष्ण की मित्रता आज भी प्रासंगिक है। सुदामा गरीब ब्राह्मण थे। अपने बच्चों का पेट भर सके उतना धन भी सुदामा के पास नहीं था। सुदामा की पत्नी ने कहा, हम भले ही भूखे रहें, लेकिन बच्चों का पेट तो भरना चाहिए। पत्नी ने सुदामा से कहा, आप कई बार कृष्ण की बात करते हो। आपकी उनके साथ बहुत मित्रता है। ऐसा कहते हो। वहां क्यों नहीं जाते। वहां कुछ भी मांगना नहीं पड़ेगा और हुआ भी वैसा ही। सुदामा अपने मित्र के यहां गए और बगैर मांगे ही उन्हें वह सभी कुछ मिल गया। जिसकी ईच्छा को मन में धारण करते हुए वह गए थे। कथा व्यास पंडित पवन कृष्ण शास्त्री ने कहा कि कृष्ण और सुदामा का प्रेम यानी सच्चा मित्र प्रेम। सच्चे प्रेम में ऊंच या नीच नहीं देखी जाती और न ही अमीरी-गरीबी देखी जाती है।
इसीलिए आज इतने युगों के बाद भी दुनिया कृष्ण और सुदामा की दोस्ती को सच्चे मित्र प्रेम के प्रतीक के रूप में याद करती है। कथा में पहुंचे प्राचीन अवधूत मण्डल के परमाध्यक्ष स्वामी रूपेंद्र प्रकाश, पंडित अधीर कौशिक, दिनेश जोशी, नागेंद्र राणा, संदीप जैन आदि ने व्यास पीठ का पूजन कर आशीर्वाद प्राप्त किया। श्रद्धालुओं को श्रीमद्भागवत कथा की महिमा से अवगत कराते हुए स्वामी रूपेंद्र प्रकाश ने कहा कि भगवान श्रीकृष्ण की वाणी श्रीमद्भागवत कथा मोक्षदायिनी है। कथा सुनने से मनुष्य के कई जन्मों के पापों का क्षय हो जाता है। भागवत कथा सुनने के साथ कथा की शिक्षाओं पर भी अमल करना चाहिए। आयोजक महाराज अग्रसेन घाट समिति के अध्यक्ष रामबाबू बंसल व महामंत्री विशाल गर्ग ने सभी अतिथीयों को फूलमालाएं पहनाकर तथा स्मृति चिन्ह प्रदान कर स्वागत किया। श्रीमद्भागवत एक ज्ञान यज्ञ है।
यह मानवीय जीवन को रसमय बना देता है। भव-सागर से पार पाने के लिये श्रीमद्भागवत कथा एक सुन्दर सेतु है। श्रीमद्भागवत कथा सुनने से जीवन धन्य हो जाता है। श्रीमद्भागवत का श्रवण करने से अधोगति में पड़े पित्रों का उद्धार हो जाता है। कथा मंच से उन्होंने बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ का संदेश देते हुए कहा कि आज के दौर में बेटियों के साथ हो रही नृशंता बेहद चिंता का विषय बन गयी है। बेटियों की रक्षा केवल कानून से नहीं की जा सकती। इसके लिए समाज को भी आगे आना होगा। पंडित अधीर कौशिक ने कहा कि गंगा तट पर श्रीमद्भागवत कथा का आयोजन बेहद कल्याणकारी है। उन्होंने सभी से गंगा को स्वच्छ, निर्मल व अविरल बनाए रखने के लिए सहयोग करने की अपील भी की। इस अवसर पर विक्रम सिंह नाचीज, विनोद गुप्ता, विकास गर्ग, पार्थ अग्रवाल, पुनीत गोयल, मनोज अग्रवाल, गोपाल शर्मा, सुखबीर, आलोक गर्ग, सचिन अरोड़ा, मनोज गुप्ता, पंकज बंसल, जितिन जैन, वीर गुज्जर, मोहित गुप्ता, मनीष गर्ग, आलोक गर्ग, प्रदीप सहगल, एसपी अग्रवाल, टीआर सहगल आदि मौजूद रहे।
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