* पटियाला हाउस कोर्ट ने मंगलवार अपराह्न 4:48 बजे इस मामले के चारों दोषियों का डेथ वारंट जारी कर दिया।
* जब निर्भया के चार दोषियों को कांफ्रेंसिंग कक्ष में ले जा रहे थे तो उनके चेहरे पर चिंता की लकीर थीं।
* सुनवाई के दौरान वह डरे सहमे थे और उनके चेहरे पर मौत का खौफ साफ तौर पर दिखने लगा था।
* हर दर्द में मेरा साथ देने और दोषियों को फांसी के फंदे तक पहुंचाने के लिए हमेशा मेरे साथ खड़े रहने वालों और पूरे देश का धन्यवाद।
(ब्यूरो ,न्यूज़ 1 हिन्दुस्तान )
नई दिल्ली। सात साल पहले खेले गए दुःसाहसिक खेल के पटाक्षेप होने के बाद अब उन्ही आरोपियों के चेहरों पर चिंता की लकीरे साफ तौर पर देखने को मिल रही है। जी हाँ ,सात साल पहले देश को दहला देने वाले निर्भया सामूहिक दुष्कर्म मामले के दोषियों को फांसी पर लटकाने का दिन और वक्त मुकर्रर हो गया। पटियाला हाउस कोर्ट ने मंगलवार अपराह्न 4:48 बजे इस मामले के चारों दोषियों का डेथ वारंट जारी कर दिया। इसके मुताबिक 22 जनवरी सुबह 7 बजे निर्भया के गुनहगारों को तिहाड़ जेल में फांसी के फंदे पर लटकाया जाएगा। इस फैसले के बाद तिहाड़ में दोषियों की निगरानी बढ़ा दी गई है।
वहीं, पटियाला हाउस कोर्ट में सुनवाई के दौरान जब निर्भया के चार दोषियों को कांफ्रेंसिंग कक्ष में ले जा रहे थे तो उनके चेहरे पर चिंता की लकीर थीं, लेकिन फैसला सुनते ही उन पर मौत का खौफ छा गया। दोषियों की आंखों से आंसू निकल गए। हालांकि अक्षय ने क्यूरेटिव याचिका दायर करने की बात कही।
जेल सूत्रों के मुताबिक चारों दोषी वीडियो कांफ्रेंसिंग कक्ष में करीब सवा घंटे तक रहे। अक्षय, पवन व मुकेश को जेल संख्या दो के वीडियो कांफ्रेंसिंग कक्ष में और विनय को जेल संख्या चार के वीडियो कांफ्रेंसिंग कक्ष से कोर्ट की कार्रवाई से जोड़ा गया था। जेल सूत्रों के मुताबिक दोषियों को उम्मीद थी कि उन्हें क्यूरेटिव याचिका दायर करने की मोहलत दी जाएगी। सजा सुनाने के बाद दोषियों के मन एक ख्याल जरूर आया होगा कि आखिर किस गाड़ी में यह दुराचार उनके द्वारा हुआ और क्यों ?
दोपहर इसी उम्मीद में सभी दोषी कांफ्रेंसिंग कक्ष में पहुंचे, लेकिन कक्ष में पहुंचते ही उनके चेहरे पर चिंता की लकीरें उभरने लगी। सुनवाई के दौरान वह डरे सहमे थे और उनके चेहरे पर मौत का खौफ साफ तौर पर दिखने लगा था। फैसला आते ही विनय रोने लगा, वहीं मुकेश, अक्षय और पवन के भी आंसू निकल गए।
उनकी हालत देखकर जेल अधिकारियों ने शांत करवाया और फिर सभी की काउंसिलिंग भी कराई। जेल सूत्रों की माने तो कांफ्रेंसिंग कक्ष से निकलने के बाद इनके चेहरे उतर गए। मुकेश पूरी तरह से शांत हो गया जबकि अन्य दोषी भी दूसरे कैदियों से कोई बात नहीं कर रहे थे। हालांकि इनको सामान्य करने के लिए जेल अधिकारी व कर्मचारी इनसे बातचीत करने की कोशिश करने लगे।
निर्भया के गुनहगारों को डेथ वारंट मिलने की खबर के साथ ही अदालत में उसकी मां की आंखों में खुशी के आंसू छलक उठे। भरे गले से बोली कि मेरी बेटी को लंबे इंतजार के बाद आखिर इंसाफ मिल ही गया। अब उसकी आत्मा को सुकून मिलेगा। बस.....अब 22 जनवरी सुबह सात बजे का इंतजार रहेगा, जब उन चारों दंरिदों को फांसी के फंदे पर लटकाया जाएगा।
निर्भया की मां ने कहा कि अदालत के फैसले से देश की बच्चियों और महिलाओं को इंसाफ मिला है। न्यायपालिका ने मेरे भरोसे को पूरा किया। हर दर्द में मेरा साथ देने और दोषियों को फांसी के फंदे तक पहुंचाने के लिए हमेशा मेरे साथ खड़े रहने वालों और पूरे देश का धन्यवाद।
उन्होंने कहा कि चारों दोषियों की सजा देश की महिलाओं को सशक्त बनाएगी। इस फैसले से न्यायिक प्रणाली में लोगों का विश्वास और मजबूत होगा। अब मौत भी आ जाए तो कोई गम नहीं क्योंकि बेटी के पास जाने पर उसके गुनहगारों को सजा दिलाने की बात तो कह सकते हैं।
निर्भया के पिता ने कहा कि अदालत के फैसले से बेहद खुश हूं। आज मेरे लिए दिवाली सा त्योहार है। दिल करता है कि पटाखे चलाएं और सबका मुंह मीठा करवाऊं, क्योंकि 16 दिसंबर 2012 से 7 जनवरी 2020 तक हर दिन हम तिल-तिल मरे और रोये हैं।
उन्होंने कहा कि न्यायपालिका ने मेरी बेटी को आखिरी इंसाफ दिला ही दिया। मेरी बेटी के वो आखिरी पल हर वक्त कानों में गूंजते थे। जब उसने पांचों गुनहगारों को सख्त से सख्त सजा देने की मांग रखी थी। पांचवां तो उम्र कम होने के चलते बच गया पर उसे कभी माफ नहीं करेंगे। सरकार से मांग करते हैं कि उसकी भी समय-समय पर जांच करते रहे। क्योंकि एक बार गुनाह करने वाला कभी नहीं सुधरता।
* जब निर्भया के चार दोषियों को कांफ्रेंसिंग कक्ष में ले जा रहे थे तो उनके चेहरे पर चिंता की लकीर थीं।
* सुनवाई के दौरान वह डरे सहमे थे और उनके चेहरे पर मौत का खौफ साफ तौर पर दिखने लगा था।
* हर दर्द में मेरा साथ देने और दोषियों को फांसी के फंदे तक पहुंचाने के लिए हमेशा मेरे साथ खड़े रहने वालों और पूरे देश का धन्यवाद।
(ब्यूरो ,न्यूज़ 1 हिन्दुस्तान )
नई दिल्ली। सात साल पहले खेले गए दुःसाहसिक खेल के पटाक्षेप होने के बाद अब उन्ही आरोपियों के चेहरों पर चिंता की लकीरे साफ तौर पर देखने को मिल रही है। जी हाँ ,सात साल पहले देश को दहला देने वाले निर्भया सामूहिक दुष्कर्म मामले के दोषियों को फांसी पर लटकाने का दिन और वक्त मुकर्रर हो गया। पटियाला हाउस कोर्ट ने मंगलवार अपराह्न 4:48 बजे इस मामले के चारों दोषियों का डेथ वारंट जारी कर दिया। इसके मुताबिक 22 जनवरी सुबह 7 बजे निर्भया के गुनहगारों को तिहाड़ जेल में फांसी के फंदे पर लटकाया जाएगा। इस फैसले के बाद तिहाड़ में दोषियों की निगरानी बढ़ा दी गई है।
वहीं, पटियाला हाउस कोर्ट में सुनवाई के दौरान जब निर्भया के चार दोषियों को कांफ्रेंसिंग कक्ष में ले जा रहे थे तो उनके चेहरे पर चिंता की लकीर थीं, लेकिन फैसला सुनते ही उन पर मौत का खौफ छा गया। दोषियों की आंखों से आंसू निकल गए। हालांकि अक्षय ने क्यूरेटिव याचिका दायर करने की बात कही।
जेल सूत्रों के मुताबिक चारों दोषी वीडियो कांफ्रेंसिंग कक्ष में करीब सवा घंटे तक रहे। अक्षय, पवन व मुकेश को जेल संख्या दो के वीडियो कांफ्रेंसिंग कक्ष में और विनय को जेल संख्या चार के वीडियो कांफ्रेंसिंग कक्ष से कोर्ट की कार्रवाई से जोड़ा गया था। जेल सूत्रों के मुताबिक दोषियों को उम्मीद थी कि उन्हें क्यूरेटिव याचिका दायर करने की मोहलत दी जाएगी। सजा सुनाने के बाद दोषियों के मन एक ख्याल जरूर आया होगा कि आखिर किस गाड़ी में यह दुराचार उनके द्वारा हुआ और क्यों ?
दोपहर इसी उम्मीद में सभी दोषी कांफ्रेंसिंग कक्ष में पहुंचे, लेकिन कक्ष में पहुंचते ही उनके चेहरे पर चिंता की लकीरें उभरने लगी। सुनवाई के दौरान वह डरे सहमे थे और उनके चेहरे पर मौत का खौफ साफ तौर पर दिखने लगा था। फैसला आते ही विनय रोने लगा, वहीं मुकेश, अक्षय और पवन के भी आंसू निकल गए।
उनकी हालत देखकर जेल अधिकारियों ने शांत करवाया और फिर सभी की काउंसिलिंग भी कराई। जेल सूत्रों की माने तो कांफ्रेंसिंग कक्ष से निकलने के बाद इनके चेहरे उतर गए। मुकेश पूरी तरह से शांत हो गया जबकि अन्य दोषी भी दूसरे कैदियों से कोई बात नहीं कर रहे थे। हालांकि इनको सामान्य करने के लिए जेल अधिकारी व कर्मचारी इनसे बातचीत करने की कोशिश करने लगे।
निर्भया के गुनहगारों को डेथ वारंट मिलने की खबर के साथ ही अदालत में उसकी मां की आंखों में खुशी के आंसू छलक उठे। भरे गले से बोली कि मेरी बेटी को लंबे इंतजार के बाद आखिर इंसाफ मिल ही गया। अब उसकी आत्मा को सुकून मिलेगा। बस.....अब 22 जनवरी सुबह सात बजे का इंतजार रहेगा, जब उन चारों दंरिदों को फांसी के फंदे पर लटकाया जाएगा।
निर्भया की मां ने कहा कि अदालत के फैसले से देश की बच्चियों और महिलाओं को इंसाफ मिला है। न्यायपालिका ने मेरे भरोसे को पूरा किया। हर दर्द में मेरा साथ देने और दोषियों को फांसी के फंदे तक पहुंचाने के लिए हमेशा मेरे साथ खड़े रहने वालों और पूरे देश का धन्यवाद।
उन्होंने कहा कि चारों दोषियों की सजा देश की महिलाओं को सशक्त बनाएगी। इस फैसले से न्यायिक प्रणाली में लोगों का विश्वास और मजबूत होगा। अब मौत भी आ जाए तो कोई गम नहीं क्योंकि बेटी के पास जाने पर उसके गुनहगारों को सजा दिलाने की बात तो कह सकते हैं।
निर्भया के पिता ने कहा कि अदालत के फैसले से बेहद खुश हूं। आज मेरे लिए दिवाली सा त्योहार है। दिल करता है कि पटाखे चलाएं और सबका मुंह मीठा करवाऊं, क्योंकि 16 दिसंबर 2012 से 7 जनवरी 2020 तक हर दिन हम तिल-तिल मरे और रोये हैं।
उन्होंने कहा कि न्यायपालिका ने मेरी बेटी को आखिरी इंसाफ दिला ही दिया। मेरी बेटी के वो आखिरी पल हर वक्त कानों में गूंजते थे। जब उसने पांचों गुनहगारों को सख्त से सख्त सजा देने की मांग रखी थी। पांचवां तो उम्र कम होने के चलते बच गया पर उसे कभी माफ नहीं करेंगे। सरकार से मांग करते हैं कि उसकी भी समय-समय पर जांच करते रहे। क्योंकि एक बार गुनाह करने वाला कभी नहीं सुधरता।
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