* उपमुख्यमंत्री अजित पवार और एनसीपी प्रमुख शरद पवार ने मंत्रिमंडल में विभागों के बंटवारे पर गठबंधन में मतभेद की बात का खंडन किया।
* कांग्रेस के वरिष्ठ नेता बालासाहेब थोरात के खाते में राजस्व मंत्रालय गया और पूर्व मुख्यमंत्री अशोक चव्हाण के खाते में पीडब्लूडी आया।
महाराष्ट्र। महाराष्ट्र में गठबंधन की सरकार में मतभेद शुरू हो गए। इसी बीच महाराष्ट्र में मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली महाविकास आघाड़ी सरकार के मंत्रियों के विभागों की सूची तैयार हो गई है। लेकिन तीनों दलों की खींचतान के बीच घोषणा से पहले अभी निर्णायक बातचीत जारी है।
हालांकि उपमुख्यमंत्री अजित पवार और एनसीपी प्रमुख शरद पवार ने मंत्रिमंडल में विभागों के बंटवारे पर गठबंधन में मतभेद की बात का खंडन किया है। सूत्रों के अनुसार शुक्रवार को मंत्रियों के विभागों की घोषणा हो सकती है। सूत्रों की माने तो बृहस्पतिवार को महाविकास आघाड़ी के तीनों दलों (शिवसेना, कांग्रेस और एनसीपी) के नेताओं की तीन दौर की बातचीत चार घंटे तक चली। इन बैठकों में कांग्रेस नेताओं ने प्रमुख विभागों की मांग की थी, जिन पर लंबी चर्चा हुई। सूत्रों के अनुसार कांग्रेस के वरिष्ठ नेता बालासाहेब थोरात के खाते में राजस्व मंत्रालय गया और पूर्व मुख्यमंत्री अशोक चव्हाण के खाते में पीडब्लूडी आया है।
वहीं, विभागों की तैयार सूची में एनसीपी के अनिल देशमुख (गृह), अजित पवार (वित्त), जयंत पाटिल (जल), दिलीप वलसे पाटिल (कौशल विकास और रोजगार), जितेंद्र अहवाड़ (गृह निर्माण), नवाब मलिक (अल्पसंख्यक) और धनंजय मुंडे (सामाजिक न्याय) को अहम मंत्रालयों की जिम्मेदारी मिली है।
शिवसेना के एकनाथ शिंदे (नगर विकास), सुभाष देसाई (उद्योग और खनन), अनिल परब (सीएमओ), आदित्य ठाकरे (पर्यावरण और तकनीकी शिक्षा) और उदय सामंत (परिवहन) के विभाग भी सुनिश्चित कर दिए गए हैं। उल्लेखनीय है कि विधानसभा चुनाव नतीजों के पश्चात लंबी उठापटक के बाद उद्धव ठाकरे महाविकास आघाड़ी के मुख्यमंत्री बने थे और करीब महीने भर बाद उन्होंने 30 दिसंबर को मंत्रिमंडल विस्तार किया था। जिसमें 26 कैबिनेट और 10 राज्यमंत्रियों ने शपथ ली थी। लेकिन तीनों दल खास मंत्रालयों पर अपना-अपना दावा कर रहे हैं। साथ ही जिन वरिष्ठ विधायकों को मंत्री पद नहीं मिले, वे खुल कर नाराजगी व्यक्त कर रहे हैं।
महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने करीब एक महीने पुराने अपने मंत्रिमंडल में सोमवार को विस्तार करते हुए अपने 29 वर्षीय बेटे आदित्य ठाकरे समेत 36 मंत्रियों को इसमें शामिल किया था। शिवसेना ने कहा, 'मंत्रिमंडल का विस्तार करने की आवश्यकता थी, इसमें देरी हुई लेकिन आखिरकार यह हुआ। जिन लोगों को शामिल नहीं किया गया, वे निराश हैं। पर संभावितों की सूची काफी बड़ी थी।'
उसने कहा कि विपक्ष (भाजपा) इस पर टीका-टिप्पणी कर रहा है लेकिन देवेंद्र फडणवीस नीत पूर्व सरकार में भी मंत्रिमंडल विस्तार को लेकर ऐसी परेशानियां सामने आई थीं। उसने कहा, 'मजबूत और अनुभवी मंत्रिमंडल सत्ता में है और उसे काम करने देना चाहिए।' शिवसेना विधायक भास्कर जाधव को मंत्रिमंडल में शामिल ना किए जाने पर उनके स्तब्ध होने पर सामना ने कहा कि मंत्रिमंडल में शामिल किए जाने का जाधव सहित किसी को वादा नहीं किया गया था। जाधव राकांपा छोड़कर ठाकरे के नेतृत्व वाली पार्टी में शामिल हुए थे।
कांग्रेस की एक और विधायक प्रणीति शिंदे भी मंत्रिमंडल में शामिल ना किए जाने को लेकर नाराज हैं और उनके समर्थक ने पार्टी प्रमुख सोनिया गांधी को खून से पत्र भी लिखा था। तीन बार की विधायक के समर्थक ने कहा था कि प्रणीति शिंदे और उनके पिता ने पार्टी के लिए कड़ी मेहनत की है और पार्टी नेतृत्व के प्रति हमेशा वफादार रहे हैं। शिवसेना ने कहा, 'उनके पिता गांधी परिवार और कांग्रेस की वजह से ही मुख्यमंत्री और केंद्रीय मंत्री बनें।' सोलापुर से विधायक प्रणीति कांग्रेस के वरिष्ठ नेता, पूर्व मुख्यमंत्री एवं केंद्रीय मंत्री सुशील कुमार शिंदे की बेटी हैं।
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