Breaking News
Breaking News कैबिनेट मंत्री ------ 1 -नरेंद्र मोदी 2 ,राजनाथ सिंह 3 ,अमित शाह 4 ,नितिन गडकरी 5 ,डी बी सदानंद गौड़ा 6 ,श्री मति निर्मला सीता रमण 7 ,राम विलास पासवान 8 ,नरेंद्र सिंह तोमर 9 ,रवि शंकर प्रशाद 10 ,हरसिमरत कौर बादल 11 ,थावर सिंह गहलोत 12 ,एस जयशंकर 13 ,रमेश पोखरियाल निशंक 14 ,अर्जुन मुण्डा 15 ,स्मृति ईरानी 16 ,डॉ हर्ष वर्धन 17,प्रकाश जावड़ेकर 18 ,पियूष गोयल 19 ,धर्मेंद्र प्रधान 20 ,मुख़्तार अब्बास नकवी 21 ,प्रह्लाद जोशी 22 ,डॉ महेंद्र नाथ पाण्डेय 23 ,डॉ अरविन्द सावंत 24 ,गिरिराज सिंह 25,गजेंद्र सिंह शेखावत ---------- राज्य मंत्री (स्वत्रन्त्र प्रभार ) --------- 1 ,संतोष गंगवार 2 ,राव इंद्रजीत सिंह 3 ,श्री पद इस्वर नाइक 4 ,डॉ जीतेन्द्र सिंह 5 ,किरण रिजजू 6 ,प्रह्लाद सिंह पटेल 7 ,राज कुमार सिंह 8 ,हरदीप सिंह पूरी 9 ,मनसुख मंडविया ---- राज्य मंत्री -------------------------------------------- 1 ,फग्गन सिंह कुलस्ते 2 ,अश्वनी कुमार चौबे 3 ,अर्जुन राम मेघवाल 4 ,ज0 वी के सिंह 5 ,कृष्ण पल गुज्जर 6 ,राव साहब दानवे 7 ,जी कृष्ण रेड्डी 8 ,पुरुषोत्तम रुपाला 9 ,राम दास अठावले 10 ,साध्वी निरंजन ज्योति 11 ,बाबुल सुप्रियो 12 ,संजीव कुमार वालियान 13 ,धोत्रे संजय राव् 14 ,अनुराग सिंह ठाकुर 15 ,सुरेश अगड़ी 16 ,नित्य नन्द राय 17 ,रतन लाल कटारिया 18 ,वी मुरलीधरन 19 ,रेणुका सिंह 20 ,सोम प्रकाश 21 ,रामेश्वर तेली 22 ,प्रताप चंद्र सारंगी 23 ,कैलाश चौधरी 24 ,श्री मति देवश्री चौधरी Apka din mngalmay ho

Sunday, 19 January 2020

कलियुगी सृष्टि का आमूल-चूल परिवर्तन कर इसे सतयुगी देवालय बनाने की ईश्वरीय योजनानुसार,आखिर कौन बने शिव के भाग्यशाली रथ ? जाने

* अल्पकालिक और आंशिक परिवर्तनों के पुरोधाओं की भीड़ से हटकर उन्होंने सम्पूर्ण और सर्वकालिक       परिवर्तन का ऐसा बिगुल बजाया जो परवान चढ़ते-चढ़ते सातों महाद्वीपों को अपने आगोष में समा चुका है।
(डॉ.श्रीगोपाल नारसन )
देहरादून। प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्व विद्यालय देहरादून, के स्थानीय मुख्य सेवाकेन्द्र सुभाष नगर के सभागार में संस्था के साकार संस्थापक पिताश्री प्रजापिता ब्रह्मा बाबा की 51 वीं पूण्य तिथि को विश्व शान्ति दिवस के रूप में मनाया गया। इस कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए राजयोगिनी ब्रह्माकुमारी मन्जू  बहन ने कहा कि प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्व विद्यालय के साकार संस्थापक पिताश्री प्रजापिता ब्रह्मा के नाम से आज जन-जन भिज्ञ हो चुका है। सन् 1937 से सन् 1969 तक की 33 वर्ष की अवधि में तपस्यारत रह वे ‘सम्पूर्ण ब्रह्मा’ की उच्चतम स्थिति को प्राप्त कर आज भी विश्व सेवा कर रहे हैं।
उनके द्वारा किए गए असाधारण, अद्वितीय कर्तव्य की मिसाल, सृष्टि-चक्र के 5 हजार वर्षो के इतिहास में कहीं भी मिल ही नही सकती। अल्पकालिक और आंशिक परिवर्तनों के पुरोधाओं की भीड़ से हटकर उन्होंने सम्पूर्ण और सर्वकालिक परिवर्तन का ऐसा बिगुल बजाया जो परवान चढ़ते-चढ़ते सातों महाद्वीपों को अपने आगोष में समा चुका है। वे आज की कलियुगी सृष्टि का आमूल-चूल परिवर्तन कर इसे सतयुगी देवालय बनाने की ईश्वरीय योजनानुसार, परमपिता परमात्मा शिव के भाग्यशाली रथ बने। जैसे हुसैन की शान बहुत थी परन्तु जिस घोड़े पर वे सवार होते थे, उसकी शान भी कम नहीं थी। इसी प्रकार सर्वशक्तिवान, सर्वज्ञ, सर्व रक्षक परमात्मा शिव की महिमा अपरमपार है परन्तु जिस मानवीय रथ पर सवार हो वे विश्व परिवर्तन का कर्तव्य करते हैं उसकी आभा, प्रतिभा का वर्णन भी कम नहीं है। आखिर दादा लेखराज के जीवन के वे कौन-से गुण थे, कौन-सी विशेषतायें थीं, जो भोलानाथ शिव उन पर आकर्षित हो गए, उनके तन में सन्निविष्ट हो गए और विश्व परिवर्तन जैसे असम्भव दिखने वाले कार्य के निमित्त उन्हें बना दिया।
भ्राता डॉ श्रीगोपाल नारसन एडवोकेट (स्टेट कन्वीनर, वैल्यू बेस्ट मीडिया)-आज परमपिता परमात्मा शिव प्रजापिता ब्रह्मा बाबा का स्मृति दिवस मना रहे है। ब्रह्माबाबा इस संस्था के संस्थापक थे उन्होने पूरी दूनिया में नारी शक्ति को आगे बढ़ाया। आगे उन्होने बताया जब परमपिता परमात्मा शिव की प्रवेशता हुई तो उनको आवाज आई आपको एक नई दूनिया बनानी है। उन्होने शुरूवात में कई बच्चो को लेकर ओम मण्डली की स्थापना की| अपना सबकुछ इन बच्चो के नाम कर दिया। आज युग परिवर्तन करने के लिए यह संस्था पूरी दूनिया मे आगे बढ़ रही है। मैने ऐसी कोई जगह नही देखी जहा एकता हो, रूहानियत हो वह मैने इस संस्था मे देखा। उन्होने बताया ब्रह्मा बाबा ने इस संसार को युग परिवर्तन के लिए जो यज्ञ रचा उनमे यह सफल हुए परमात्मा की याद से। हमे मानव से देवता बनने की प्रक्रिया सिखाई।
स्वामी असीमात्मानन्द जी (सचिव-रामकृष्ण मिशन आश्रम, देहरादून)-  हम देखते है की आज हम विश्व के मायाजाल मे फसकर छट-पटाते है। हम अज्ञानता वश शान्ति को खो  चुके है। विश्व मे शान्ति तभी हो सकती है जब हम मैं पन का त्याग करेंगे और दूसरो की बुराईयो को नही देखेगें। हमे सबको एक आत्मा समझना है और मौन से ही हमारे अन्दर शान्ति आ सकता है।
भ्राता देवेन्द्र भसीन (मीडिया प्रभारी, भा0ज0पा0) -ब्रह्मा बाबा के 51 वें अव्यक्त आरोहण दिवस पर हम विश्व शान्ति दिवस मना रहे है। यह संस्था बहुत विशाल है जो पूरे विश्व मे कार्य कर रही है। ब्रह्मा बाबा के बारे मे मैने पड़ा की कैसे उन्होने नैतिकता के उपर बहुत जोर दिया। नैतिकता के आधार पर हमे बहुत संघर्ष करना पड़ता है। नैतिकता के आधार पर हमे अपने  जीवन मे कई बार दबाव, लालच में आना पड़ता है। लेकिन ब्रह्मा बाबा ने हर समय नैतिकता को उपर रखा। विश्व के 140 देशो मे इस संस्था की शाखा है। उन्होने स्वंय को नही बल्कि व्यक्ति को निर्माण किया। इसके लिए शान्ति की शुरूवात पहले अपने अन्दर होना चाहिए। शान्ति का जो भाव है तभी पूरा होगा जब हम ब्रह्मा बाबा के बताए हुए रास्ते पर चलेगे। हम पूरे विश्व मे शान्ति चाहते है लेकिन शान्ति तभी होगी जब हम मैं को अपने जीवन से निकाल देगें। तब समाज मे शान्ति होगी और समाज आगे बढ़ेगा। हमे निश्चित तौर पर आज उनके दिये हुए मार्गो पर आगे चलना होगा।
भ्राता डा0 अतुल शर्मा (उत्तराखण्ड के लोकप्रिय जन कवि)- उन्होंने कहा कि जैसे मैं अन्दर आया मुझे सकारात्मक उर्जा की अनुभूती हुई। जब हम अपना मोबाइल चार्ज करते है तो वह चार्ज कैसे होता है? उसी प्रकार जब हम अपने मन को परमात्मा मे लगाते है जब हमारी आत्मा रूपी बैटरी चार्ज होती है। विश्व मे शान्ति के लिए सबसे पहले जरूरी है हमारे विचार सकारात्मक होने चाहिए और हमे अपने जीवन मे मौन को धारण करना चाहिए।
Share:

0 comments:

Post a Comment

Contact Form

Name

Email *

Message *


Popular News