* अश्वगंधा ¼Withania Sonifora½ पारम्परिक चिकित्सा पद्धति में एक बहुत महत्वपूर्ण पौधा है।
* यह आयुर्वेद की बड़ी जीत है। इस कार्य में निमित्त बनने पर हमें प्रसन्नता है।
हरिद्वार। आचार्य बालकृष्ण महाराज के प्रयासों से विश्व प्रसिद्ध Journal biomoleculess में पहली बार अश्वगंधा के गुणों का प्रकाशन हुआ। इस प्रकाशन के साथ अश्वगंधा के गुणों को प्रदर्शित करते हुए, श्रद्धेय आचार्य जी के संस्कृत के वक्तव्य को भी उन्होंने अपनी wall पर स्थान दिया, ये न केवल अभूतपूर्व है अपितु यह विश्व में संस्कृत भाषा की अनुसंधान के क्षेत्र में स्वीकार्यता का पहला उदाहरण है। इस स्वीकार्यता से न केवल आयुर्वेद का अनुसंधान अपितु संस्कृत भाषा भी गौरवान्वित हुई है। इस अवसर पर आचार्य बालकृष्ण महाराज ने कहा कि यह आयुर्वेद की बड़ी जीत है। इस कार्य में निमित्त बनने पर हमें प्रसन्नता है।आचार्य बालकृष्ण महाराज ने कहा कि अश्वगंधा ¼Withania Sonifora½ पारम्परिक चिकित्सा पद्धति में एक बहुत महत्वपूर्ण पौधा है। इसकी जड़, पत्ती, तना का औषधीय प्रयोग बहुत जगह बताया गया है और इसे वैज्ञानिक तरीके से प्रमाणित भी किया जा रहा है। एक रोचक बात ये है कि अश्वगंधा के बीजों का औषधीय उपयोग कहीं भी वर्णित या प्रमाणित नहीं है। पतंजलि अनुसंधान संस्थान ने इसी महत्वपूर्ण घटक पर रिसर्च एवं प्रमाणन किया है। आचार्य बालकृष्ण महाराज ने कहा कि हमने विश्व में पहली बार अश्वगंधा के बीजों से Super Critical Etraction (CO2) के साथ Fatty Acids युक्त तेल (WSSO) उद्धरित किया है। रासायनिक संघटन में ये पदार्थ ओमेगा वसीय अम्लों से परिपूर्ण है, GC-FID एवं HPLC विशेषज्ञों ने WSSO के औषधीय प्रारूप को रेखाँकित किया है।
सोरियासिस एक Autoimmune त्वचा रोग है और इसका पूर्ण उपचार उपलब्ध नहीं है। PRI की अनुसंधान टीम ने आचार्य बालकृष्ण महाराज के नेतृत्व में कोशिकीय विज्ञान एवं प्रायोगिक प्राणी विज्ञान के उत्कर्ष प्रयोग किए जिसमें पाया गया कि अश्वगंधा के बीजों के वसीय अम्ल (WSSO) Inflamation की पूर्ण रोकथाम करते हैं। मनुष्य की त्वचा की कोशिकाएँ, A-431 रक्त कोशिकाएँ THP-1 में Inflamation के कारक तत्व (Cytokins) IL-6 & TNF- अल्फा, NFKB, WSSO के उपचार से पाया गया।
चूहों के TPA सोरियासिस माॅडल में भी WSSO ने उत्कृष्ट श्रेष्ठता सिद्ध की है। त्वचा के घावों पर WSSO का लेपन एवं WSSO का सेवन, दोनों तरीके से WSSO के प्रभाव को मापा गया। माॅडर्न मेडिसिन, Doxamethasone के साथ तुलना में WSSO ने लगभग एक प्रकार का ही प्रभाव दिखाया है।
अश्वगंधा के बीजों की पहली विस्तारित जैवीय अनुसंधान श्रृंखला हमें ये दर्शाती है कि ये बीज औषधीय गुणों में लाभकारी हो सकते हैं। पतंजलि अनुसंधान संस्थान इन बीजों एवं इसके उत्पादों के समग्र नैदानिक परीक्षणों की अनुशंसा करता है।
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