* संत महात्माओं ने मुख्यमंत्री के आश्वासन पर संतोष व्यक्त करते हुए मेले के सफल आयोजन के लिए अपना पूरा सहयोग देने का आश्वासन दिया।
(ब्यूरो ,न्यूज़ 1 हिन्दुस्तान )
हरिद्वार। मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने रविवार को हरिद्वार में कुम्भ 2021 के सम्बन्ध में अखाड़ा परिषद के संत महात्माओं के साथ विचार विमर्श किया। बैठक के दौरान मेलाधिकारी दीपक रावत ने कुम्भ मेले हेतु किए जा रहे कार्यों की अद्यतन जानकारी दी।
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हरिद्वार। मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने रविवार को हरिद्वार में कुम्भ 2021 के सम्बन्ध में अखाड़ा परिषद के संत महात्माओं के साथ विचार विमर्श किया। बैठक के दौरान मेलाधिकारी दीपक रावत ने कुम्भ मेले हेतु किए जा रहे कार्यों की अद्यतन जानकारी दी।
वहीं कुंभ मेले को लेकर मुख्यमंत्री के साथ बैठक में संतो का गुस्सा फुट पड़ा।हालत यह बने कि नाराजगी के चलते संतो ने अपने फोन बन्द कर सरकार और संतो संघ बेरुखी के बर्ताव को दर्शाया।इतना ही नहीं उसके बाद कुंभ मेले के बहिष्कार की धमकी भी से दी।CM बैठक और संतो की नाराजगी से अधिकारी मान मनौव्वल में जुटे गए।
आखिर सूबे के मुखिया कहे और संत ना माने ,ऐसा कभी हो सकता है क्या ? CM के आश्वासन कि प्रयागराज की तरह ही समुचित व्यवस्था रहेगी,सभी कार्य समय से पूर्ण होंगे।
बैठक से पूर्ब मुख्यमंत्री ने सभी महात्माओं का माल्यार्पण कर स्वागत करते हुए कहा कि कुंभ की परंपरा में संतों के आशीर्वाद की आवश्यकता रहती है। संत महात्माओं ने मुख्यमंत्री के आश्वासन पर संतोष व्यक्त करते हुए मेले के सफल आयोजन के लिए अपना पूरा सहयोग देने का आश्वासन दिया।
मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र ने सभी अखाड़ों के संत महात्माओं की उपस्थिति में उनकी सर्वसम्मति से आगामी कुंभ मेले में आयोजित होने वाले चार शाही स्नानों की घोषणा की ।
मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र ने सभी अखाड़ों के संत महात्माओं की उपस्थिति में उनकी सर्वसम्मति से आगामी कुंभ मेले में आयोजित होने वाले चार शाही स्नानों की घोषणा की ।
उससे पहले संतो ने कुछ ज्योतिषाचार्यो द्वारा अपनी वेबसाइट पर शाही स्नान की तिथियां घोषित करने पर नाराजगी जताई और कहा कि शाही स्नान अखाड़ों का होता है यह अधिकार भी उन्हीं का है तो ज्योतिषियों को यह अधिकार आखिर किसने दिए।
इस बार कुंभ मेले में हर बार की तरह 10 स्नान ही होंगे,परन्तु अखाड़ों का
पहला शाही स्नान 11 मार्च 2021 (महाशिवरात्रि), 12 अप्रैल 2021 सोमवती अमावस्या, 14 अप्रैल 2021 बैसाखी कुम्भ स्नान एवं 27 अप्रैल 2021 चैत्र पूर्णिमा स्नान आयोजित होंगे।
इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को सख्त निर्देश देते हुए कहा कि वे कुंभ कार्यों को समयबद्धता एवं गुणवत्ता के साथ संपन्न कराएं। इसमें जिन विभागों को कोई भी समस्या हो, उसे मेलाधिकारी के संज्ञान में लाएं। यदि स्वीकृति शासन स्तर से की जानी हो तो उसकी भी व्यवस्था की जाएगी।
मुख्यमंत्री ने जल संस्थान के अधिकारियों को सीवर के कार्यों में तेजी लाते हुए निर्धारित समय पर कार्य पूर्ण करने के निर्देश दिए। उन्होंने एनएचएआई को भी कुम्भ क्षेत्र में नेशनल हाइवे के कार्यों को पूरा करने के निर्देश दिए। मुख्यमंत्री ने निर्माण कार्यों को दिन रात करते हुए युद्ध स्तर पर करने के निर्देश देते हुए कहा कि राज्य सरकार की ओर से हर संभव सहायता दी जाएगी। उन्होंने सभी आवश्यक अधिकारी तैनात किए जाने के भी निर्देश दिए।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रमुख संतों को आवश्यक सुरक्षा एवं अखाड़ों से लगातार संपर्क कर कुंभ मेले हेतु कार्य किए जाएं। उन्होंने कहा कि अतिक्रमण हटाने के लिए समयबद्धता के साथ कार्य किया जाए।कुंभ क्षेत्र में निर्माण कार्यों के लिए निर्माण सामग्री की आवश्यकता के अनुसार विभागों को पट्टे आबंटित किए जाएंगे। इसके लिए दिन रात कार्य करने हेतु परमिट दिया जाए। मुख्यमंत्री ने कहा कि कुंभ मेले के सफल आयोजन हेतु सभी अखाड़ों के संत महात्माओं का सहयोग आवश्यक है।
बैठक में कैबिनेट मंत्री मदन कौशिक, विधायक सुरेश राठौर, अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद अध्यक्ष श्रीमहंतनरेंद्र गिरी महाराज, महामंत्री श्रीमहंत हरिगिरी महाराज,श्रीमहंत रविन्द्र पुरी महाराज, श्रीमहंत प्रेम गिरी महाराज, श्रीमहंत धर्म दास , श्रीमहंत राजेन्द्र दास, मुखिया मंहत भगत राम, श्रीमहंत जसविंदर सिंह, श्रीमहंत साधना नन्द, मंहत देवेंद्र सिंह शास्त्री, महंत राम दास सहित समस्त 13 अखाड़ो के प्रतिनिधि उपस्थित थे।
मुख्यमंत्री ने जल संस्थान के अधिकारियों को सीवर के कार्यों में तेजी लाते हुए निर्धारित समय पर कार्य पूर्ण करने के निर्देश दिए। उन्होंने एनएचएआई को भी कुम्भ क्षेत्र में नेशनल हाइवे के कार्यों को पूरा करने के निर्देश दिए। मुख्यमंत्री ने निर्माण कार्यों को दिन रात करते हुए युद्ध स्तर पर करने के निर्देश देते हुए कहा कि राज्य सरकार की ओर से हर संभव सहायता दी जाएगी। उन्होंने सभी आवश्यक अधिकारी तैनात किए जाने के भी निर्देश दिए।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रमुख संतों को आवश्यक सुरक्षा एवं अखाड़ों से लगातार संपर्क कर कुंभ मेले हेतु कार्य किए जाएं। उन्होंने कहा कि अतिक्रमण हटाने के लिए समयबद्धता के साथ कार्य किया जाए।कुंभ क्षेत्र में निर्माण कार्यों के लिए निर्माण सामग्री की आवश्यकता के अनुसार विभागों को पट्टे आबंटित किए जाएंगे। इसके लिए दिन रात कार्य करने हेतु परमिट दिया जाए। मुख्यमंत्री ने कहा कि कुंभ मेले के सफल आयोजन हेतु सभी अखाड़ों के संत महात्माओं का सहयोग आवश्यक है।
बैठक में कैबिनेट मंत्री मदन कौशिक, विधायक सुरेश राठौर, अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद अध्यक्ष श्रीमहंतनरेंद्र गिरी महाराज, महामंत्री श्रीमहंत हरिगिरी महाराज,श्रीमहंत रविन्द्र पुरी महाराज, श्रीमहंत प्रेम गिरी महाराज, श्रीमहंत धर्म दास , श्रीमहंत राजेन्द्र दास, मुखिया मंहत भगत राम, श्रीमहंत जसविंदर सिंह, श्रीमहंत साधना नन्द, मंहत देवेंद्र सिंह शास्त्री, महंत राम दास सहित समस्त 13 अखाड़ो के प्रतिनिधि उपस्थित थे।
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