हरिद्वार २२ मार्च। देवसंस्कृति विश्वविद्यालय तथा गायत्री तीर्थ शांतिकुंज में कुरीति मिटाने व आतंकियों के स फाया के लिए विशेषजप के साथ हो ली मनाई गयी। सैकड़ों लोगों केप् रतिनिधि के रूप में गायत्री परि वार प्रमुख डॉ. प्रणव पण्ड्या व शैलदीदी ने वैदिक मंत्रोच्चा रणके साथ होली पर्व का पूजन सम् पन्न कराया।
इस अवसर पर श् रद्धेय डॉ. पण्ड्या ने कहाकि जा ति, वर्ग भेद के उन्मूलन का महा पर्व है- होली।होली के अवसर पर विषमताओं-दुर्भावों को मिटाने केलिए आगे आने की जरुरत है। उन्हों ने कहा किब्राह्मणत्व (समाज हित में निःस्वार्थ भाव से कार्य क रनेवाला) के अभिवर्द्धन के लिए पूज्य गुरुदेव ने जो सूत्रदिया है, यह पर्व -आयोजन उस दिशा में एक सार्थकपहल है। डॉ. पण्ड्या ने कहा कि कृषि व ऋषि नेभारतीय संस्कृति की आधारशिला रखी है। हो ली केवलरंग खेलकर मनाया जाने वा ला पर्व ही नहीं है, वरन् यहआत् मीयता विस्तार, उमंग, उत्साह, सा माजिक समानता-समरता का भी पर्व है। डॉ. पण्ड्या ने कहा कि युवा जोश को अश्लीलता की अनगढ़ता से चाकर शालीनताकी, सृजन की दिशा में लगाया जाना जरूरी है। समाजकी ऊ र्जा को कुयोग से बचाकर सुयोग में लगाने कोअभियान का एक महत्त् वपूर्ण चरण मानकर इसे व्यापकरूप दिया जाना चाहिए। इससे पूर्व हो ली महापर्व के दौरान आयोजितसामू हिक जप में सैकड़ों लोगों ने भा गीदार करआतंकियों को जड़ से मिटा
ने हेतु प्रार्थना की, तो बहिनोंद्वारा संचालित हवन में देश के
वहीं इस अवसर प र संगीत विभाग भाइयों नेहोली पर् व की गीत व भजन प्रस्तुत किया। इस अवसरपर व्यवस्थापक शिवप्रसाद मिश्र, देसंविवि के कुलपति शर द पारधी, प्रतिकुलपति डॉ. चिन् मयपण्ड्या
सहित देश के कोने-कोने से आये सा धकगणसहित शांतिकुंज, देसंविवि प रिवार व ब्रह्मवर्चस शोधसंस्थान के डॉक्टर व वैज्ञानिक सहित
सैकड़ों लोगउपस्थित रहे।
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