प्रेम व सद्भाव का प्रतीक है होली-स्वामी कैलाशानंद ब्रह्मचारी
हरिद्वार, 22 मार्च। श्री दक्षिण काली मंदिर के प्रांगण में महामण्डलेश्वर स्वामी कैलाशानंद ब्रह्मचारी महाराज के सानिध्य में संत महापुरूषों ने जमकर होली
के रंग खेले। इस दौरान संतों ने आश्रम में श्रद्धालु भक्तों को चंदन का तिलक लगाकर व पुष्प वर्षा कर होली पर्व की शुभकामनाएं दी। इस अवसर पर स्वामी
कैलाशानंद ब्रह्मचारी महाराज ने कहा कि आदि अनादि काल से भारत के विभिन्न राज्यों में होली पर्व उमंग व उल्लास के साथ मनाया जाता है।
बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक यह पर्व आपसी सद्भावना व प्रेम को भी दर्शाता है। परिवार एक साथ मिलकर होली पर्व की खुशीयों को बांटते हैं।
उन्होंने कहा कि होली पर्व भारतीय संस्कृति की छटा को बिखेरता है। रंगों के इस पर्व को मनमुटाव भुलाकर मनाना चाहिए।
अखाड़ा परिषद के पूर्व प्रवक्ता बाबा हठयोगी ने कहा कि होली पर्व आपसी भाईचारे व सद्भावना का प्रतीक है। सच्चाई के मार्ग पर चलकर मनुष्य कल्याण में अपना सहयोग देना चाहिए। पर्वो पर दीन दुखियों की मदद के लिए भी संकल्पबद्ध होकर राष्ट्र कल्याण में अपनी सहभागिता सुनिश्चित करनी चाहिए। गंगा व गौ सेवा से जुड़कर हिन्दू धर्म
का प्रचार प्रसार बढ़ चढ़ करें। उन्होंने कहा कि रंगों के इस पर्व को धर्मनगरी में उल्लास के साथ मनाया जाता है। होली पर्व ऋतु परिवर्तन का भी संकेत देता है। उन्होंने कहा कि होली स्वच्छता का संदेश भी देती है। अपने आसपास के वातावरण स्वच्छ रखने के लिए सभी को अपनी सहभागिता सुनिश्चित करनी चाहिए। कष्टों से मुक्ति चाहिए तो ईश्वर का सच्चे दिल से सिमरन करें। इस दौरान संतों महंतों ने एक दूसरे पर अबीर गुलाल व फूलों की वर्षा कर होली की शुभकामनाएं दी। शहरी विकास मंत्री मदन कौशिक ने हाली के अवसर पर दक्षिण काली मंदिर में मां की पूजा अर्चना कर संतों का आशीर्वाद ग्रहण किया। इस अवसर पर स्वामी अनन्तानंद, स्वामी सत्यव्रतानंद, बाबा काली कमली वाले, स्वामी धर्मदेव, स्वामी रामस्वरूप ब्रह्मचारी, म.म.स्वामी कृष्णानंद, महंत कमलदास, स्वामी हरिचेतनानंद, पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष ब्रजरानी, संघ के वरिष्ठ नेता पदम्सिंह, विक्रम भुल्लर, अंकुश शुक्ला, अनुज दुबे, आचार्य पवन दत्त मिश्र, रामसिंह, मुकुंदानंद ब्रह्मचारी, पंडित शिवकुमार शर्मा, स्वामी शिवानंद सहित बड़ी संख्या में श्रद्धालु भक्त व स्थानीय लोगों ने होली पर्व मनाने के साथ संतो का आशीर्वाद प्राप्त किया।
0 comments:
Post a Comment