कांवड़ पटरी मार्ग पर लगी लोहे की रेलिंग में लगे सरियों पर चोरों ने किया हाथ साफ
(ब्यूरो,न्यूज़1हिंदुस्तान)
हरिद्वार। एशियन डेवलपमेंट बैंक सहायतित पर्यटन संरचना विकास निवेश कार्यक्रम के तहत लगभग 22 करोड़ की लागत से छह किलोमीटर लंबी कांवड़ पटरी के सौंदर्यीकरण का काम 2015 में शुरू किया गया था। जिसे 2017 को पूरा होना था। योजना के अंतर्गत नहर किनारे पैराफिट, बैठने के लिए बैंच, पथ प्रकाश के लिए सोलर स्ट्रीट लाइट, पौधरोपण करने सहित कई अन्य कार्य किए जाने थे। दो करोड़ से अधिक की लागत से गुरुकुल महाविद्यालय के समीप मल्टीफैसिलिटी सेंटर का निर्माण कराया जा रहा है। जिसमें कैंटीन, वेटिंग हॉल, शौचालय आदि की सुविधा होगी। अभी तक न तो कांवड़ पटरी का कार्य पूरा हुआ है और न ही मल्टीफैसिलिटी सेंटर बन पाया है। कांवड़ पटरी मार्ग पर सौंदर्यीकरण का काम कराया जा रहा हैं। इसी के कार्य के तहत सड़क की ओर कांवड़ पटरी मार्ग पर लोहे की रेलिंग लगाई गई है । एडीबी ने कार्य पूर्ण कराने के बाद इस कांवड़ पटरी मार्ग को पर्यटन विभाग को सौंपना हैं। अभी काम पूरा भी नहीं हुआ हैं इससे पहले ही जगह-जगह से रेंलिग में लगे सरियाें पर चोरों ने हाथ साफ कर दिया हैं। अंधेरी रातों में सुनसान राहों पर लगी रेलिंग से लाखों रूपए का सरिया चोर चुरा ले गए हैं। गंगा नहर की तरफ सुरक्षा दिवार हैं तो हाईवे की तरफ लोहे की रेलिंग लगाकर पटरी मार्ग को कवर्ड किया गया हैं। कांवड़ पटरी मार्ग पर सुबह शाम घूमने वालों की तदाद काफी संख्या में रहती हैं। मगर रात के समय यह पूरा क्षेत्र सुनसान हो जाता हैं। इसी के चलते मौका परस्त व नशेड़ियों ,चोरों के लिए कांवड़ पटरी मार्ग महफूज स्थान बना हुआ हैं। ठेकेदार द्वारा लगाई गई लोहे की रेलिंग में जिस तरीके से सरिया लगाया गया हैं वह हल्की सी पत्थर आदि की चोट भी सहने के लायक नहीं हैं। उसके ज्वाईंट हल्की सी चोट से रेलिंग से अलग हो सकते हैं। गुणवत्ता में खामियां चोरों के लिए वरदान साबित हो रही हैं। एक ओर जहां ठेकेदार की लापरवाही से चोरों को चोरी का अवसर मिल गया हैं वहीं एडीबी के ठेकेदार द्वारा कांवड़ पटरी मार्ग पर लगाई गई लोहे की रेलिंग की गुणवत्ता पर भी सवाल खड़े हो रहे हैं। रेलिंग से सरिया चोरी घटना की जानकारी सीमा नौटियाल, जिला पर्यटन अधिकारी, हरिद्वार को भी हैं । और उन्होंने इस मामले की शिकायत एडीबी अधिकारियों से की हुई हैं। साथ ही उन्होंने गुणवत्ता की जांच कराने के लिए एडीबी अधिकारियों को कहा हैं। वहीं एडीबी सपोर्ट अधिकारी विनोद रावत का कहना हैं कि मामला उनकी जानकारी में हैं और यह जिस ठेकेदार को निर्माण कार्य का ठेका दिया गया हैं। उसकी जिम्मेदारी हैं । वह कार्य पूर्ण करके देगा।
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