देश का गौरव बढ़ाकर वतन लौटे आचार्य बालकृष्ण महाराज, पतंजलि योगपीठ में हुए सम्मानित
जेनेवा से संयुक्त राष्ट्र द्वारा ‘10 अत्यंत प्रभावशाली व्यक्तित्व अवार्ड’ लेकर लौटे आचार्य बालकृष्ण महाराज
अनुसंधानात्मक पत्रिका ‘नेचर’ में पूज्य आचार्य बालकृष्ण महाराज का शोध-पत्र हुआ प्रकाशित
आचार्य बालकृष्ण का जीवन हम सभी के लिए प्रेरणादायक : स्वामी रामदेव महाराज
अनुसंधान के क्षेत्र में पतंजलि कर रहा है बृहद् कार्य : श्रद्धेय आचार्य जी महाराज
(ब्यूरो,न्यूज़ 1 हिंदुस्तान)
हरिद्वार। स्वास्थ्य संबंधी सेवाओं में अभूतपूर्व योगदान तथा आयुर्वेद और योग के क्षेत्र में नवीन अनुसंधान के लिए संयुक्त राष्ट्र द्वारा 10 अत्यंत प्रभावशाली व्यक्तित्व’ पुरस्कार लेकर लौटे आचार्य बालकृष्ण महाराज का पतंजलि योगपीठ में भव्य स्वागत किया गया। इस विशेष उपलब्धि पर पूज्य स्वामी जी महाराज ने आचार्य जी को पुष्पगुच्छ भेंट उन्हें बधाई दी। उन्होंने कहा कि आचार्य जी का जीवन हम सभी के लिए प्रेरणादायक है। सेवा के अटल भाव तथा पूर्ण पुरुषार्थ से उन्होंने यह उपलब्धि प्राप्त की है।
इस अवसर पर उपस्थित अधिकारियों, कर्मचारियों, सेवाव्रति भाई-बहनों, साधु व साध्वी बहनों, पतंजलि विश्वविद्यालय तथा पतंजलि आयुर्वेद महाविद्यालय के छात्र-छात्रओं को सम्बोधित करते हुए आचार्य बालकृष्ण महाराज ने कहा कि यह सम्मान मात्र मेरा या पतंजलि का नहीं है, इसमें आप सभी का सम्मान तथा सहभागिता है। उन्होंने कहा कि यूँ तो देश में अनुसंधान पर बड़े-बड़े कार्य किए जा रहे हैं किन्तु स्वास्थ्य के क्षेत्र में वैश्विक स्तर पर कार्य करना अभी शेष है। उन्होंने बताया कि भारत का एक भी विश्वविद्यालय विश्व के 200 सर्वश्रेष्ठ विश्वविद्यालय की सूची में शामिल नहीं है। इसका यह अर्थ यह नहीं कि भारत में शिक्षा का अभाव है, बल्कि भारतीय विश्वविद्यालयों से शिक्षित विद्यार्थी तो देश-विदेश की बड़ी-बड़ी कम्पनियों में शीर्ष पदों पर हैं। किन्तु भारतीय विश्वविद्यालयों में अनुसंधान पर विशेष बल नहीं दिया जा रहा है, केवल पूर्व में अनुसंधित ज्ञान को ही विद्यार्थियों को दिया जा रहा है।
आचार्य बालकृष्ण ने कहा कि पतंजलि अनुसंधान के क्षेत्र में बृहद् कार्य कर रहा है। पतंजलि अनुसंधानशालाओं में हजारों वर्षों से प्रचलित शास्त्रीय औषधों के प्रभाव को आधुनिक विज्ञान के अनुसार प्रमाणित करने के लिए ‘रिवर्स फार्माकोलॉजी’ के माध्यम से शोध कार्य किया जा रहा है। नए अनुसंधानों द्वारा पादपौषधों को ‘साक्ष्य आधारित औषध (एवीडेन्स बेस्ड मेडिसिन)’ के रूप में स्थापित करना हमारा लक्ष्य है। हाल ही में विश्व में अनुसंधान आधारित श्रेष्ठ पत्रिकाओं में शुमार ‘नेचर’ पत्रिका में आचार्य बालकृष्ण महाराज का रिसर्च-पेपर प्रकाशित हुआ है। जल्द ही सैकड़ों रिसर्च-पेपर विश्व की श्रेष्ठ पत्रिकाओं में प्रकाशित किए जाएँगे जिससे पतंजलि विश्वविद्यालय भी गौरवान्वित होगा।
कार्यक्रम में पतंजलि योगपीठ के मुख्य महाप्रबंधक ललित मोहन, पतंजलि विश्वविद्यालय के प्रति कुलपति डॉ. महावीर जी, पतंजलि आयुर्वेद कॉलेज के प्राचार्य डॉ. डी.एन. शर्मा, डॉ. दयाशंकर, डॉ. विनोद बंसल, डॉ. वेदप्रिया आर्य, डॉ. अनुपम श्रीवास्तव आदि ने गणमान्य व्यक्तियों ने पूज्य आचार्य जी को पुष्पगुच्छ भेंट कर शुभकामनाएँ प्रेषित की।
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