बहुत मायने रखता है अमित शाह का भारत का गृहमंत्री बनना।
(एस.पी.मित्तल)
मोदी सरकार में अंदर तक की खबर रखने वाले न्यूज चैनल आर भारत के संपादक और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का सबसे पहले इन्टरव्यू लेने वाले अर्नब गोस्वामी का भी मानना था कि अमित शाह वित्त मंत्री बनेंगे, लेकिन 31 मंत्री को जब मोदी ने मंत्रियों के विभाग घोषित किए तो सबको चैंका दिया। राजनीतिक पंडितों का भी मानना था कि राजनाथ सिंह की वरिष्ठता को देखते हुए उनके विभाग से कोई छेड़छाड़ नहीं की जाएगी, लेकिन राजनाथ सिंह से न केवल गृह मंत्रालय वापस लिया गया बल्कि उन्हें रक्षा मंत्री की जिम्मेदारी दी गई। अब अमित शाह गृह मंत्री की जिम्मेदारी निभाएंगे। जिन अमित शाह को कभी गुजरात से तड़ीपार कर दिया गया था, आज उन्हीं शाह के अधिन अद्र्वसैनिक बल होंगे। राज्यपालों की नियुक्ति और जरूरत पड़ने पर गैर भाजपा शासिक सरकारों की बर्खास्तगी भी गृह मंत्रालय की सिफारिश से होगी। हाई कोर्ट और सुप्रीम कोर्ट के जज भी गृह मंत्रालय की जांच-पड़ताल के बाद बनेंगे। अब जब अमित शाह पश्चिम बंगाल के दौरे पर जाएंगे तब ममता बनर्जी की सरकार को सुरक्षा के कड़े इंतजाम करने होंगे। हो सकता है कि मीडिया में अमित शाह की छवि भारत के पहले गृहमंत्री सरदार वल्लभ भाई पटेल की जैसी बनाने की कोशिश की जाए। आजादी के बाद पटेल ने अपनी दृढ़ इच्छाशक्ति से छोटी-बड़ी रियासतों को भारत में मिलाया और अब अमित शाह कई राज्यों में बिगड़ी कानून व्यवस्था को सुधारने का काम करेंगे। मोदी ने शाह को गृहमंत्री बनाकर सबको चैंका दिया है। गृहमंत्री बनने से केन्द्रीय मंत्रीमंडल में शाह की स्थिति अपने आप 2 नम्बर की हो गई है। अमेठी में कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी को हराने के बाद उम्मीद की जा रही थी कि स्मृति ईरानी को महत्वपूर्ण विभाग मिलेगा, लेकिन उम्मीद के विपरीत ईरानी को पहले की तरह कपड़ा मंत्रालय दिया गया है। इसके साथ ही महिला एवं बाल विकास विभाग की जिम्मेदारी भी दी गई है। राफाल विमान सौदे में कांग्रेस को करारा जवाब देनेे वाली रक्षामंत्री निर्मला सीतारमण अब नई वित्त मंत्री होगी यानि सीतारमण तो अरूण जेटली की जगह और राजनाथ सिंह सीतारमण की जगह आ रहे हैं। जिन नितिन गडकरी को प्रधानमंत्री पद के लिए नरेन्द्र मोदी का विकल्प माना जा रहा था, उन्हें सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय में ही बनाए रखा गया है। नरेन्द्र मोदी के नौ रत्न में से एक पीयूष गोयल को रेल मंत्रालय के साथ-साथ उद्योग मंत्रालय की भी जिम्मेदारी दी गई है। पूर्व विदेश सचिव एस जयशंकर को विदेश मंत्री बनाकर मोदी ने सभी को चैकाया है। रमेश पोखरियाल को मानव संसाधन मंत्रालय की महत्वपूर्ण जिम्मेदारी दी गई है। इसी प्रकार धर्मेन्द्र प्रधान पेट्रोलियम, रामविलास पासवान खाद्य एवं आपूर्ति, रविशंकर प्रसाद कानून, न्याय व संचार, थावरचंद गहलोत सामाजिक न्याय, हर्षवर्धन स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण, प्रकाश जावड़ेकर सूचना एवं प्रसारण व पर्यावरण, वन, नरेन्द्र तोमर कृषि, हरसिमरत कौर फूड प्रोसेसिंग, अर्जुन मुण्डा आदिवासी, मुख्तार अब्बास नकवी अल्पसंख्यक मंत्रालय, गिरिराज सिंह पशुपालन व डेयरी, प्रहलाद जोशी संसदीय कार्य मंत्रालय की जिम्मेदारी दी गई है।
राजस्थान के सांसदों को जिम्मेदारी:
30 मई को जोधपुर के सांसद गजेन्द्र सिंह शेखावत ने केबिनेट मंत्री की शपथ ली थी। 31 मई को शेखावत को जल शक्ति मंत्रालय की जिम्मेदारी दी गई है। शेखावत के पास गंगा सफाई और नदियों को जोड़ने जैसे महत्वपूर्ण कार्य भी होंगे। इसी प्रकार कैलाश चैधरी को कृषि एवं किसान कल्याण तथा अर्जुनराम मेघवाल को भारी उद्योग मंत्रालय में राज्यमंत्री के तौर पर जिम्मेदारी दी गई है।
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