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Thursday, 30 May 2019

उत्तराखण्ड में दोबारा संभाल सकतें हैं हरीश रावत संगठन की कमान !

कांग्रेस की करारी हार के बाद प्रदेश कांग्रेस आत्ममंथन में लगी
(ज्ञान प्रकाश पाण्डेय )
देहरादून। लोकसभा चुनाव में उत्तराखण्ड में कांग्रेस की करारी हार के बाद प्रदेश कांग्रेस आत्ममंथन में लगी हुई है। साथ ही सूत्रों से यह भी संकेत मिल रहे है कि पार्टी आलाकमान हरीश रावत को दोबारा उत्तराखण्ड में संगठन की कमान सौंपने की तैयारी कर रही है।
लोकसभा चुनाव में कांग्रेस की हार का जिम्मेदारी के लिए राजनीतिक गलियारों में चर्चा जोरांे पर है। चर्चाओं के अनुसार जब से उत्तराखण्ड में प्रीतम सिंह ने कांग्रेस संगठन की कमान संभाली थी। तब से पार्टी संगठन की गतिविधियां काफी ढीली ढाली हो गयी थी। जिसके चलते कांग्रेस संगठन किसी भी मामले में त्रिवेन्द्र सरकार को घेरने में विफल साबित रहा। उपर से प्रदेश संगठन ने पूरी तरह से हरीश गुट से भी दूरी बनाए रखी। जिसके चलते कांग्रेस दो धड़ों में बंट गयी और दोनों ही धडे एक दुसरे की टांग खीचने का काम चुनाव तक करते रहे। नतीजन कांग्रेस का उत्तराखण्ड में पूरी तरह से सूपड़ा साफ हो गया। जिसके बाद राजनीतिक गलियारों में इस हार का ठीकरा प्रदेश कांग्रेस संगठन की कमजोर गतिविधियोें पर फोड़ा जा रहा है। बताया जा रहा है कि राज्य गठन के समय जब उत्तराखण्ड में कांग्रेस पूरी तरह से जीर्णशीर्ण हालत में थी। उस समय हरीश रावत को प्रदेश संगठन की कमान सौंपी गयी थी। जिसके बाद हरीश रावत के अथक प्रयासों की बदौलत उत्तराखण्ड में कांग्रेस एक बार तो मजबूती के चरम तक पहंुच गयी थी। इतना ही नही राज्य के पहले आम चुनाव में कांग्रेस सत्ता पर काबिज हुई थी। हरीश रावत के संगठन से हटने के बाद जितने भी प्रदेश संगठन में मुखिया बने वे उस हिसाब से कांग्रेस की लोप्रियता जनता के बीच बनाए रखने में सफल नही हो पाए। अब के जब उत्तराखण्ड में फिर से कांग्रेस हाशिए पर पहंुच गयी है। ऐसे में राजनीतिक गलियारों में चर्चा जोरों पर चल रही है कि कांग्रेस आलाकमान एक बार फिर हरीश रावत को उत्तराखण्ड में कांग्रेस संगठन को नए सिरे से आक्सीजन देने के लिए आगे कर सकती है।
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