देहरादून। सात मई को यमुनोत्री एवं गंगोत्री धाम के कपाट खुलने के साथ ही चारधाम यात्रा शुरु हो गई । इस बार सर्दियों में भीषण बर्फबारी और यात्रा से ऐन पहले लोकसभा चुनाव एवं आचार संहिता की बंदिशों के चलते यात्रा व्यवस्थाएं चाक चैबंद नहीं हो पाई हैं। अंत समय में व्यवस्थाएं दुरुस्त करने में पूरी ताकत झोंकने के साथ ही प्रशासन ने जोनल एवं सेक्टर मजिस्ट्रेट तैनात कर तीर्थयात्रियों को बेहतर सुविधाएं मुहैया कराने के लिए कमर कस ली है।
चारधाम यात्रा के पहले तीर्थ यमुनोत्री को देखें तो यहां अभी तक मंदिर को जोड़ने वाला पैदल पुल तैयार नहीं हो पाया है। मंदिर परिसर में ज्यादा संख्या में श्रद्धालुओं के खड़े होने लायक जगह नहीं है। गर्मपानी के कुंड का एक हिस्सा क्षतिग्रस्त पड़ा है। धाम में पर्याप्त शौचालय नहीं हैं। धरासू बैंड से जानकीचट्टी तक यमुनोत्री हाईवे कई जगह ऑल वेदर रोड के कारण उधड़ा पड़ा है। ओजरी डबरकोट स्लिप जोन तीन साल से नासूर बना है। गंगोत्री धाम में स्नान घाट बदहाल पड़े हैं। धरासू बैंड नालूपाणी एवं बड़ेथी चुंगी को छोड़ शेष गंगोत्री हाईवे अपेक्षाकृत ठीक है, लेकिन सुक्की बैंड पर सक्रिय भूस्खलन कभी भी यात्रा पर ब्रेक लग सकता है।
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यात्रा के लिए आरक्षित 1451 बसों का बेड़ा
ऋषिकेश। चारधाम यात्रा के लिए संयुक्त रोटेशन यात्रा व्यवस्था समिति ने 1451 बसों का बेड़ा आरक्षित किया है। संयुक्त रोटेशन सत्तर के दशक से चारधाम यात्रा के साथ गढ़वाल मंडल के लोकल मार्गों पर बसों का संचालन कर रहा है। चारधाम यात्रा के दौरान संयुक्त रोटेशन लोकल रूट व यात्रा के लिए 60-40 के अनुपात में बसों का संचालन करता है।
इस वर्ष चारधाम यात्रा को लेकर परिवहन व्यवसायियों में भी खासा उत्साह है। संयुक्त रोटेशन के पास ही अब तक 900 से अधिक बसों की एडवांस बुकिंग आ चुकी है। संयुक्त रोटेशन यात्रा व्यवस्था समिति के प्रशासनिक अधिकारी बृजभानु प्रकाश गिरी ने बताया कि यह बसें यात्रा के पहले सप्ताह में चारधाम के लिए चली जाएंगी। बताया कि कपाट खुलने की तिथि नजदीक आने के साथ ही एडवांस बुकिंग में तेजी आ गई है।
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डेढ़ हजार यात्रियों ने कराया फोटोमीट्रिक पंजीकरण
ऋषिकेश। सात मई को अक्षय तृतीय पर गंगोत्री व यमुनोत्री धाम के कपाट खुलने के साथ शुरू हो रही चार धामों की यात्रा के लिए अब तक डेढ़ हजार श्रद्धालु फोटोमीट्रिक पंजीकरण करा चुके हैं। इनमें बड़ी संख्या में पैदल यात्री भी शामिल हैं, जो कई दिन पहले ही पंजीकरण कराने के बाद अपनी पैदल यात्रा शुरू कर चुके हैं।
वर्ष 2013 की आपदा के बाद वर्ष 2014 में उत्तराखंड सरकार ने चारधाम यात्रा पर आने वाले श्रद्धालुओं के लिए फोटोमीट्रिक पंजीकरण की व्यवस्था शुरू की थी। चारधाम यात्रियों के पंजीकरण की जिम्मेदारी त्रिलोक सिक्योरिटी सिस्टम को सौंपी गई थी। इस बार भी त्रिलोक सिक्योरिटी सिस्टम को ही यात्रियों के फोटोमीट्रिक पंजीकरण का जिम्मा सौंपा गया है। त्रिलोक सिक्योरिटी सिस्टम ने चारधाम यात्रा के लिए ऋषिकेश के चारधाम यात्रा बस टर्मिनल कंपाउंड पर 15 पंजीकरण काउंटर खोले हैं। जबकि दो काउंटर हरिद्वार में रेलवे स्टेशन व राही होटल में शुरू कर दिए हैं। कंपनी के प्रबंधक प्रेम अनंत ने बताया कि यमुनोत्री मार्ग पर दोबाटा व बड़कोट में पंजीकरण काउंटर शुरू कर दिए गए हैं। जबकि गंगोत्री मार्ग पर हीना उत्तरकाशी में काउंटर खुल चुका है। उन्होंने बताया कि अब तक कुल 1472 यात्री चारधाम यात्रा के लिए पंजीकरण करा चुके हैं।
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