-मंदाकिनी नदी में बेरोक-टोक चल रहा है अवैध खनन का कारोबार
-खनन पटटे की अवधि समाप्त होने के बाद भी जारी है खनन चुगान
-ऊखीमठ तहसील की शह पर चल रहा है यह गोरखधंधा
रुद्रप्रयाग। सैंया भये कोतवाल तो डर काहे का। यह कहावत चरितार्थ हो रही है। जनता के विरोध के बावजूद भी केदारघाटी में चल रहे अवैध खनन के कारोबार में प्रशासन, पुलिस और माफिया का गठजोठ होने के कारण अवैध खनन का कारोबार धडल्ले से चल रहा है। जांच के नाम पर सिर्फ खानापूर्ति किये जाने से जनता में भारी आक्रोश बना हुआ है। केदारघाटी के सौड़ी में पटटे की अवधि समाप्त होने के बाद भी हर रोज सैकड़ों ट्रक रेत व पत्थरों के सप्लाई किये जा रहे हैं और खनन पर जेसीबी मशीन प्रतिबंधित होने के बाद भी बेरोक-टोक चलाकर मंदाकिनी के सीने को छलनी किया जा रहा है। सौड़ी के ग्रामीणों ने अवैध खनन के खिलाफ जिलाधिकारी से भी शिकायत करने के बाद जांच के नाम पर लीपापोती की गई और शिकायत के नाम पर ऊखीमठ तहसील ने खानापूर्ति तक ही कार्यवाही सीमित रही।
वर्ष 2015 में पांच सालों के लिये खनन पटटा स्वीकृत हुआ था।
वर्ष 2018-19 में दो पटटों में 30 हजार 60 घनमीटर और दूसरे पटटे में 2380 घन मीटर स्वीकृत हुआ था। अक्टूबर 2018 में खनन का कार्य शुरू हुआ। सात महीनों में खनन पटटे की आड़ में अब तक 2 लाख से अधिक घन मीटर रेत एवं पत्थर सप्लाई हो चुकी है। स्वीकृत दो पटटों में अप्रैल में मंदाकिनी नदी का जल स्तर बढ़ने और पटटे की अवधि समाप्त होने के बाद पटटे के बगल से ही तीन सौ मीटर से अधिक क्षेत्र में अवैध खनन किया जा रहा है। जिले में खनन अधिकारी न होने से अतिरिक्त कार्यभर चमोली के खनन के अधिकारी डाॅ अमित गौरव देख रहे हैं। जिले में खनन अधिकारी न होने के कारण खनन माफिया की पोबारह पड़ी हुई है और मनमर्जी से मंदाकिनी नदी से खनन का चुगान किया जा रहा है। खनन अवधि समाप्त होने के बाद भी अवैध तरीके से खनन चुगान किया जा रहा है। जबकि खनन के पटटे पर जेसीबी मशीन की कोई अनुमति न होने के बाद भी धडल्ले से मशीन से खनन कर चुगान किया जा रहा है। प्रदेश सरकार ने वर्ष 2018-19 में खनन के पटटे स्वीकृत न करने से धडल्ले से चल रहे अवैध खनन के कारोबार को रोकने में प्रशासन नाकाम रहा। घोड़े-खच्चर और गरीब पर प्रशासन के नुमाइंदों ने खनन के चुगान के नाम पर लटठ तो चलाये, लेकिन खनन माफिया पर हाथ डालने की हिम्मत तक नहीं जुटा पाया। जिले में चल रहे क्रशरों के लिये मंदाकिनी नदी से उठाये जा रहे अवैध पत्थरों की सप्लाई होने के बाद भी प्रशासन ने आंखों पर पटिटयां बांध रखी हैं। ऊखीमठ तहसील ओर थाना ऊखीमठ, थाना अगस्त्यमुनि, थाना गुप्तकाशी व थाना सोनप्रयाग की बहुत बड़ी सांठ-गांठ से यह अवैध कारोबार केदारघाटी में खूब फलफूल रहा है। पिछले वर्ष प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के केदारनाथ आगमन पर खनन माफिया ने रातो-रात दो सौ से अधिक रेत एवं पत्थरों के ट्रक क्रशरों पर डलवाये। प्रशासन के व्यस्त होने के कारण माफिया ने इसका भरपूर लाभ उठाया। इन दिनों बांसबाड़ा में आॅल वेदर मोटरमार्ग का निर्माण होने से मंदाकिनी नदी को डायवर्ट किया गया है और रातो-रात खनन माफिया नदी से पत्थर एवं रेत का चुगान करने में लगे हुये हैं। ऐसा नहीं कि प्रशासन को इसकी भनक न हो, लेकिन ऊखीमठ तहसील और पुलिस की मिलीभगत से यह गौरखधंधा फलफूल रहा है और अधिकारियों की मौज पड़ी हुई है। वहीं खनन अधिकारी डाॅ अमित गौरव ने कहा कि सौड़ी में खनन की अवधि समाप्त हो चुकी है और किसी भी प्रकार का खनन किया जाता है तो वह अवैध है। उन्होंने कहा कि खनन पटटे पर जेसीबी मशीन की कोई अनुमति नहीं है। इसके बाद भी जेसीबी मशीन लगाई गई है तो यह गैर कानूनी है। श्री गौरव ने कहा कि रुद्रप्रयाग का अतिरिक्त चार्ज होने के बाद क्षेत्र बड़ा हो गया है और सभी जगह निगरानी रखनी संभव नहीं है। उन्होंने कहा कि अवैध खनन कारोबियों के खिलाफ सख्त से सख्त कार्यवाही की जायेगी।
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