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Sunday, 12 May 2019

भीम आर्मी के प्रदर्शन के बाद मायावती आखिर क्यों चेती,पढ़े

अलवर गैंगरेप कांड में राजस्थान की कांग्रेस सरकार के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट संज्ञान ले।
सरकार की नीयत पर शक। भाजपा सांसद किरोड़ी मीणा हिरासत में।
(एस.पी.मित्तल)
अलवर | 11 मई को बसपा प्रमुख मायावती ने अलवर के बहुचर्चित गैंगरेप कांड में सुप्रीम कोर्ट से संज्ञान लेने की मांग की है। मायावती तब जागी है जब 10 मई को भीम आर्मी के संस्थापक चन्द्रशेखर के नेतृत्व में हजारों कार्यकर्ताओं ने जयपुर में प्रदर्शन किया। भीम आर्मी को बसपा का प्रतिद्वदी माना जाता है। चूंकि गैंगरेप की शिकार युवती दलित परिवार से है, इसलिए मायावती ने राजस्थान की कांग्रेस सरकार पर बड़ा हमला बोला है। मायावती ने आरोप लगाया कि 26 अप्रैल की घटना की रिपोर्ट पुलिस ने 4 मई तक नहीं लिखी और 6 मई को लोकसभा चुनाव के दूसरे चरण के मतदान के दिन मामला उजागर हुआ। राजस्थान में 29 अप्रैल और 6 मई को दो चरणों में चुनाव हुए हैं। मायावती ने कहा कि अब सुप्रीम कोर्ट को संज्ञान लेकर पुलिस और कांग्रेस सरकार पर सख्त कार्यवाही करनी चाहिए। चुनाव को देखते हुए मामले को दबाए रखने से प्रतीत होता है कि अशोक गहलोत के नेतृत्व में चलने वाली कांग्रेस सरकार दोषियों को बचा रही है। यह मामला एक दलित महिला का नहीं है, बल्कि समाज की सभी महिलाओं के सम्मान से जुड़ा हुआ है। मायावती ने कहा कि अलवर गैंगरेप केस को लेकर सम्पूर्ण समाज में रोष व्याप्त है।
अब तक सिर्फ एक थानेदार संस्पेंड:
जिस अलवर गैंगरेप कांड की गूंज पूरे देश में हो रही है, उसमें अब तक एक थानेदार को ही सस्पेंड किया गया है। एसपी राजीव पचार को सिर्फ अलवर से हटाया है, जबकि पूरे प्रकरण में पुलिस की भूमिका बेहद खराब रही है। राष्ट्रीय अनुसूचित जाति जनजाति आयोग का भी मानना है कि एसपी के आदेश के बाद भी थाने पर रिपोर्ट नहीं लिखी। 26 अप्रैल की घटना की रिपोर्ट 3 मई तक नहीं लिखा जाना यह बताता है कि पुलिस और सरकार के प्रतिनिधि आरोपियों को संरक्षण दे रहे थे। यदि सोशल मीडिया पर गैंगरेप का वीडियो वायरल नहीं होता तो पुलिस पूरे मामले को ही रफा-दफा कर देती। इससे ज्यादा शर्मनाक बात और क्या हो सकती है कि जब पीडि़ता और उसका पति थाने पर रिपोर्ट लिखाने पहुंचा तो थानेदार ने कहा कि पुलिस अभी चुनाव में व्यस्त है। इस बीच  पांच बलात्कारी पीडि़त दम्पत्ति को वीडियो दिखाकर ब्लैकमेल करते रहे। समझ में नहीं आता कि संभागीय आयुक्त से जांच करवा कर राज्य सरकार अपनी नाकामियों को क्यों छिपा रही है?
किरोड़ी मीणा हिरासत में:
दलित युवती से उसके पति के सामने गैंगरेप की घटना के विरोध में 11 मई को भाजपा सांसद डॉ. किरोड़ी लाल मीणा के नेतृत्व में अलवर में बड़ा प्रदर्शन किया गया। डॉ. मीणा ने कहा कि कांग्रेस की सरकार ने इस शर्मनाक कांड में अब तक सिर्फ एक थानेदार को सस्पेंड किया है। एसपी को हटाया जाना कोई कार्यवाही नहीं है। अब जब यह बात उजागर हो गई कि पुलिस ने लापरवाही बरती है तो दोषी पुलिस कर्मियों के विरुद्ध मुकदमा दर्ज होना चाहिए। मीणा ने कहा कि सरकार पुलिस पर कार्यवाही करने से घबरा रहा है क्योंकि लोकसभा चुनाव की वजह से सरकार उच्च निर्दोश पर ही मामले को दस दिनों तक दबाए  रखा गया। मीणा के नेतृत्व में जब सैकड़ों ग्रामीण रूपावास रेल फाटका की ओर जा रहे थे कि तभी पुलिस ने मीणा और उनके कुछ समर्थकों को हिरासत में ले लिया। पुलिस को अंदेशा था कि प्रदर्शन कारी रेल ट्रेक को जाम करेंगे। पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को तितर-बितर कर दिया। मीणा ने उन्हें हिरासत में लिए जाने की भी निंदा की है।

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