तो राहुल गांधी ही बने रहेंगे कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष।
(एस.पी.मित्तल)
दिल्ली । 25 मई को दिल्ली में कांगे्रस वर्किंग कमेटी की बैठक हुई। इस बैठक में लोकसभा चुनाव के परिणाम पर मंथन किया गया। कोई साढ़े तीन घंटे तक चली बैठक की कार्यवाही को गुप्त रखा गया। बैठक 11 बजे शुरू हुई और दोपहर ढाई बजे तक चली। इस बीच टीवी चैनलों पर खबर प्रसारित हो गई कि राहुल गांधी ने अध्यक्ष पद से इस्तीफे की पेशकश कर दी है। लेकिन थोड़ी ही देर में पार्टी के प्रवक्ता रणदीप सिंह सूरजेवाला ने स्पष्ट किया कि राहुल ने इस्तीफे की पेशकश नहीं की है। जानकार सूत्रों के अनुसार बैठक शुरू होने से पहले ही पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह, श्रीमती सोनिया गांधी, प्रियंका गांधी आदि ने राहुल से अकेले में बात की और उन्हें समझाया कि जब पार्टी संघर्ष के दौर से गुजर राही है तब इस्तीफा देकर कोई बखेड़ा नहीं करना चाहिए। राहुल के सामने यह सवाल भी रखा गया कि उनका विकल्प कौन होगा? यानि राहुल की जगह कांग्रेस का अध्यक्ष किसे बनाया जाए? लेकिन राहुल इस मान्यता के रहे कि उनके नेतृत्व में कांग्रेस की बुरी हार हुई है इसलिए वे अध्यक्ष पद पर रहना नहीं चाहते हैं। सूत्रों की माने तो वरिष्ठ नेताओं के समझाने पर राहुल गांधी फिलहाल अध्यक्ष पर बने रहने पर सहमत हो गए हैं। बैठक में राहुल को संगठन में बदलाव का अधिकार भी दिया गया। हो सकता है कि अगले कुछ दिनों में राहुल गांधी बड़ा फेरबदल करें। बैठक में राजस्थान के सीएम अशोक गहलोत, पंजाब के सीएम अमरेन्द्र सिंह, श्रीमती सोनिया गांधी, प्रियंका गांधी, शीला दीक्षित, केसी वेणुगोपाल, अंबिका सोनी, ज्योतिरादित्य सिंधिया, मोतीलाल बोहरा, गुलाब नबी आजाद, कुमारी शैलजा, पी चिदम्बरम, मल्लिकार्जुन खडगे नेता उपस्थित रहे। सभी ने राहुल गांधी के नेतृत्व में भरोसा जताया। एक स्वर से कहा गया कि पार्टी जिस गंभीर सकंट से गुजर रही है उससे राहुल गांधी ही बाहार निकाल सकते हैं। सभी ने लोकसभा चुनाव में राहुल गांधी के प्रचार की प्रशंसा की। बैठक में यह बात भी सामने आई कि कांग्रेस के अनेक वफादार नेता लोकसभा का चुनाव हार गए हैं। इनमें मध्यप्रदेश से ज्योतिरादित्य सिंधिया, दिग्विजय सिंह आदि प्रमुख है वहीं राजस्थान, मध्यप्रदेश और छत्तसीगढ़ में कांगे्रस की सरकार होने के बाद भी पार्टी को बुरी हार का सामना करना पड़ा है। हालांकि बैठक में नए पार्टी अध्यक्ष के बारे में कोई निर्णय नहीं हुआ। देखना है कि पार्टी के वरिष्ठ नेता राहुल गांधी को किस तरह मनाते हैं। जानकारों की माने तो पार्टी में राहुल का कोई विकल्प नहीं है, इसलिए राहुल गांधी ही राष्ट्रीय अध्यक्ष बने रहेंगे। किसी अन्य नेता को राष्ट्रीय अध्यक्ष बनाकर सोनिया गांधी कोई जोखिम नहीं लेना चाहती हैं।
(एस.पी.मित्तल)
दिल्ली । 25 मई को दिल्ली में कांगे्रस वर्किंग कमेटी की बैठक हुई। इस बैठक में लोकसभा चुनाव के परिणाम पर मंथन किया गया। कोई साढ़े तीन घंटे तक चली बैठक की कार्यवाही को गुप्त रखा गया। बैठक 11 बजे शुरू हुई और दोपहर ढाई बजे तक चली। इस बीच टीवी चैनलों पर खबर प्रसारित हो गई कि राहुल गांधी ने अध्यक्ष पद से इस्तीफे की पेशकश कर दी है। लेकिन थोड़ी ही देर में पार्टी के प्रवक्ता रणदीप सिंह सूरजेवाला ने स्पष्ट किया कि राहुल ने इस्तीफे की पेशकश नहीं की है। जानकार सूत्रों के अनुसार बैठक शुरू होने से पहले ही पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह, श्रीमती सोनिया गांधी, प्रियंका गांधी आदि ने राहुल से अकेले में बात की और उन्हें समझाया कि जब पार्टी संघर्ष के दौर से गुजर राही है तब इस्तीफा देकर कोई बखेड़ा नहीं करना चाहिए। राहुल के सामने यह सवाल भी रखा गया कि उनका विकल्प कौन होगा? यानि राहुल की जगह कांग्रेस का अध्यक्ष किसे बनाया जाए? लेकिन राहुल इस मान्यता के रहे कि उनके नेतृत्व में कांग्रेस की बुरी हार हुई है इसलिए वे अध्यक्ष पद पर रहना नहीं चाहते हैं। सूत्रों की माने तो वरिष्ठ नेताओं के समझाने पर राहुल गांधी फिलहाल अध्यक्ष पर बने रहने पर सहमत हो गए हैं। बैठक में राहुल को संगठन में बदलाव का अधिकार भी दिया गया। हो सकता है कि अगले कुछ दिनों में राहुल गांधी बड़ा फेरबदल करें। बैठक में राजस्थान के सीएम अशोक गहलोत, पंजाब के सीएम अमरेन्द्र सिंह, श्रीमती सोनिया गांधी, प्रियंका गांधी, शीला दीक्षित, केसी वेणुगोपाल, अंबिका सोनी, ज्योतिरादित्य सिंधिया, मोतीलाल बोहरा, गुलाब नबी आजाद, कुमारी शैलजा, पी चिदम्बरम, मल्लिकार्जुन खडगे नेता उपस्थित रहे। सभी ने राहुल गांधी के नेतृत्व में भरोसा जताया। एक स्वर से कहा गया कि पार्टी जिस गंभीर सकंट से गुजर रही है उससे राहुल गांधी ही बाहार निकाल सकते हैं। सभी ने लोकसभा चुनाव में राहुल गांधी के प्रचार की प्रशंसा की। बैठक में यह बात भी सामने आई कि कांग्रेस के अनेक वफादार नेता लोकसभा का चुनाव हार गए हैं। इनमें मध्यप्रदेश से ज्योतिरादित्य सिंधिया, दिग्विजय सिंह आदि प्रमुख है वहीं राजस्थान, मध्यप्रदेश और छत्तसीगढ़ में कांगे्रस की सरकार होने के बाद भी पार्टी को बुरी हार का सामना करना पड़ा है। हालांकि बैठक में नए पार्टी अध्यक्ष के बारे में कोई निर्णय नहीं हुआ। देखना है कि पार्टी के वरिष्ठ नेता राहुल गांधी को किस तरह मनाते हैं। जानकारों की माने तो पार्टी में राहुल का कोई विकल्प नहीं है, इसलिए राहुल गांधी ही राष्ट्रीय अध्यक्ष बने रहेंगे। किसी अन्य नेता को राष्ट्रीय अध्यक्ष बनाकर सोनिया गांधी कोई जोखिम नहीं लेना चाहती हैं।
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