श्री ब्राह्मण समाज ने बंद कराया आर्टिकल-15‘ का प्रदर्शन
सेंसर बोर्ड ने फिल्म का प्रसारण नहीं रोका तो ब्राह्मण समाज उग्र आंदोलन करेगा
(ब्यूरो ,न्यूज़ 1 हिन्दुस्तान )
हरिद्वार। श्री ब्राह्मण सभा, परशुराम सेना व विभिन्न ब्राह्मण संगठनों ने सिडकुल स्थित वेव सिनेमा में प्रदर्शन कर फिल्म ‘आर्टिकल-15‘ का प्रदर्शन बंद करा दिया। फिल्म के विरोध में जमकर नारेबाजी और प्रदर्शन भी किया गया। ब्राह्मण समाज ने फिल्म को बैन करने की मांग भी की।
इस दौरान सिनेमा हॉल पर भारी पुलिस बल तैनात रहा। श्री ब्राह्मण सभा के अध्यक्ष पंडित अधीर कौशिक ने कहा कि फिल्म ब्राह्मण समाज को बदनाम करने की सुनियोजित साजिश है। सत्य घटना को असत्य रूप में जनता के सामने परोस कर सामाजिक समरसता को खत्म करने की एक सोची समझी चाल है। फिल्म में ब्राह्मण और महन्तों के नाम लेकर बदनाम किया गया है। श्री ब्राह्मण सभा इसे कतई बर्दाश्त नहीं करेगी। उन्होंने देश भर के सिनेमा मालिकों से अपील की कि इस फिल्म का प्रदर्शन न करें।
सेंसर बोर्ड को फिल्म के प्रसारण से पहले फिल्म की पूरी जानकारियां लेनी चाहिए। एक ही समाज के ऊपर कटाक्ष कर फिल्म को बनाया गया है। जिससे ब्राह्मण समाज की भावनाएं आहत हुई हैं। उन्होंने कहा कि देश भर में फिल्म का प्रसारण पूर्ण रूप से बंद किया जाना चाहिए। उन्होंने चेतावनी देते हुए कहा कि यदि सेंसर बोर्ड ने फिल्म का प्रसारण नहीं रोका तो ब्राह्मण समाज उग्र आंदोलन करेगा। परशुराम सेना के राष्ट्रीय प्रवक्ता म.म.स्वामी विवेकानन्द सरस्वती महाराज ने कहा कि फिल्म वर्ष 2014 में हुई बंदायू की एक सत्य घटना पर आधारित है। जिसमें यादव जाति के लडकों ने मौर्या जाति की लड़कियों की दुष्कर्म करके हत्या कर दी थी। यानी अभियुक्त और भुक्तभोगी दोनो ओबीसी वर्ग के थे। इस सत्यता को नकारते हुए इस फिल्म में ब्राह्मण समाज के व्यक्तियों को अभियुक्त दर्शा कर उन्हें कलंकित किया गया है। जिससे उनका चारित्रिक हनन हुआ है। उन्होंने कहा कि जात पात के भेदभाव को फिल्म के माध्यम से बढ़ाया जा रहा हैं जो कि समाज हित में नहीं है। फिल्म को लेकर समस्त ब्राह्मणों में आक्रोश है। इस फिल्म में सन्तों को भी बदनाम किया जा रहा है। बलात्कारी एक महन्त के लड़के बताये जा रहे हैं। आदेश भार्गव व अंकुश उपाध्याय ने कहा कि यह फिल्म हिन्दू समाज में विद्वेष फैलाने वाली है। इसलिए फिल्म आर्टिकल-15 पर शीघ्र बैन लगाया जाना चाहिए। जब तक फिल्म के निर्माता निर्देशक इसमें संशोधन न करें तब तक इसे रिलीज न किया जाये। उन्होंने थियेटर मालिकों को चेताया कि ब्राह्मण समाज की भावनाओं को आहत करने वाली फिल्म का प्रदर्शन कतई ना करें। वेब सिनेमा प्रबंधक ने विरोध प्रदर्शन को देखते हुए फिल्म का प्रसारण बंद करा दिया। प्रदर्शन कर रहे लोगों ने सिनेमा हॉल के अंदर जाकर खुद देखा कि फिल्म चल रही या नही। फिल्म नहीं चलने पर प्रदर्शनकारी वापस लौट गए। इस मौके पर उमेश जोशी, आदित्य झा, आशीष गौड़, धीरज शर्मा, रवि तिवारी, मधुसूदन शास्त्री, उदय झा, सागर केतन, आदेश भार्गव, आर्यन उपाध्याय, टिंकू, शिवकुमार, मुन्ना, वासुदेव आदि सहित दर्जनों लोग शामिल रहे।
सेंसर बोर्ड ने फिल्म का प्रसारण नहीं रोका तो ब्राह्मण समाज उग्र आंदोलन करेगा
(ब्यूरो ,न्यूज़ 1 हिन्दुस्तान )
हरिद्वार। श्री ब्राह्मण सभा, परशुराम सेना व विभिन्न ब्राह्मण संगठनों ने सिडकुल स्थित वेव सिनेमा में प्रदर्शन कर फिल्म ‘आर्टिकल-15‘ का प्रदर्शन बंद करा दिया। फिल्म के विरोध में जमकर नारेबाजी और प्रदर्शन भी किया गया। ब्राह्मण समाज ने फिल्म को बैन करने की मांग भी की।
इस दौरान सिनेमा हॉल पर भारी पुलिस बल तैनात रहा। श्री ब्राह्मण सभा के अध्यक्ष पंडित अधीर कौशिक ने कहा कि फिल्म ब्राह्मण समाज को बदनाम करने की सुनियोजित साजिश है। सत्य घटना को असत्य रूप में जनता के सामने परोस कर सामाजिक समरसता को खत्म करने की एक सोची समझी चाल है। फिल्म में ब्राह्मण और महन्तों के नाम लेकर बदनाम किया गया है। श्री ब्राह्मण सभा इसे कतई बर्दाश्त नहीं करेगी। उन्होंने देश भर के सिनेमा मालिकों से अपील की कि इस फिल्म का प्रदर्शन न करें।
सेंसर बोर्ड को फिल्म के प्रसारण से पहले फिल्म की पूरी जानकारियां लेनी चाहिए। एक ही समाज के ऊपर कटाक्ष कर फिल्म को बनाया गया है। जिससे ब्राह्मण समाज की भावनाएं आहत हुई हैं। उन्होंने कहा कि देश भर में फिल्म का प्रसारण पूर्ण रूप से बंद किया जाना चाहिए। उन्होंने चेतावनी देते हुए कहा कि यदि सेंसर बोर्ड ने फिल्म का प्रसारण नहीं रोका तो ब्राह्मण समाज उग्र आंदोलन करेगा। परशुराम सेना के राष्ट्रीय प्रवक्ता म.म.स्वामी विवेकानन्द सरस्वती महाराज ने कहा कि फिल्म वर्ष 2014 में हुई बंदायू की एक सत्य घटना पर आधारित है। जिसमें यादव जाति के लडकों ने मौर्या जाति की लड़कियों की दुष्कर्म करके हत्या कर दी थी। यानी अभियुक्त और भुक्तभोगी दोनो ओबीसी वर्ग के थे। इस सत्यता को नकारते हुए इस फिल्म में ब्राह्मण समाज के व्यक्तियों को अभियुक्त दर्शा कर उन्हें कलंकित किया गया है। जिससे उनका चारित्रिक हनन हुआ है। उन्होंने कहा कि जात पात के भेदभाव को फिल्म के माध्यम से बढ़ाया जा रहा हैं जो कि समाज हित में नहीं है। फिल्म को लेकर समस्त ब्राह्मणों में आक्रोश है। इस फिल्म में सन्तों को भी बदनाम किया जा रहा है। बलात्कारी एक महन्त के लड़के बताये जा रहे हैं। आदेश भार्गव व अंकुश उपाध्याय ने कहा कि यह फिल्म हिन्दू समाज में विद्वेष फैलाने वाली है। इसलिए फिल्म आर्टिकल-15 पर शीघ्र बैन लगाया जाना चाहिए। जब तक फिल्म के निर्माता निर्देशक इसमें संशोधन न करें तब तक इसे रिलीज न किया जाये। उन्होंने थियेटर मालिकों को चेताया कि ब्राह्मण समाज की भावनाओं को आहत करने वाली फिल्म का प्रदर्शन कतई ना करें। वेब सिनेमा प्रबंधक ने विरोध प्रदर्शन को देखते हुए फिल्म का प्रसारण बंद करा दिया। प्रदर्शन कर रहे लोगों ने सिनेमा हॉल के अंदर जाकर खुद देखा कि फिल्म चल रही या नही। फिल्म नहीं चलने पर प्रदर्शनकारी वापस लौट गए। इस मौके पर उमेश जोशी, आदित्य झा, आशीष गौड़, धीरज शर्मा, रवि तिवारी, मधुसूदन शास्त्री, उदय झा, सागर केतन, आदेश भार्गव, आर्यन उपाध्याय, टिंकू, शिवकुमार, मुन्ना, वासुदेव आदि सहित दर्जनों लोग शामिल रहे।
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