(ब्यूरो,न्यूज़1हिन्दुस्तान)
देहरादून,। हरिद्वार लोकसभा सीट से चुनाव लड़े मनीष वर्मा द्वारा हरिद्वार सांसद रमेश पोखरियाल निशंक के खिलाफ इलेक्शन पेटिशन उच्च न्यायालय नैनिताल में दायर की गई। इस पर 28 जून को सुनवाई होगी।
मनीष वर्मा का कहना है कि इलेक्शन पेटिशन के मुख्य मुद्दों में रमेश पोखरियाल निशंक ने अपने नामांकन के शपथ पत्र में छुपाए व स्पष्ट नहीं किये व स्थान खाली छोड़ दिया व भरा ही नहीं गया। निशंक द्वारा राज्य सरकार को पूर्व मुख्यमंत्री आवास का 2 करोड़ 7 लाख का भुगतान करना है व राज्य सरकार उच्च न्यायालय में इस तथ्य को अपने शपथ पत्र द्वारा अनु सचिव राज्य सम्पति विभाग स्वीकार कर चुकी है व इस पर उच्च न्यायालय ने 3 मई को रुलक संस्था की याचिका पर अपना निर्णय भी दे दिया है कि इन्होंने सरकार का बकाया भुगतान करना है यानी कि इनको चुनाव लड़ने के लिए किस प्रकार राज्य सरकार के अपर सचिव वंशीधर भगत ने दिया (इनको भी पार्टी बनाया गया है )। इन्होंने अपनी राज्य सरकार के द्वारा आवंटित सम्पति का विवरण शपथ पत्र में नही दिया। अपनी शैक्षिक योग्यता का विवरण व कहा से प्राप्त की वो नही दर्शाया जो आजकल फर्जी डिग्री के रूप से मीडिया में चर्चा में है। हाइडल पावर प्रोजेक्ट्स ,स्टूर्डिया घोटाला, इनके मेडिकल कॉलेज के सम्बंध में जमीन आवंटन घोटाला व उसमे इनकीं पुत्री की भागीदारी व समाज सेवक लिखने पर 100 करोड़ का कॉलेज कैसे खडा किया आदि विवरण याचिका में है। उनका कहना है कि चुनाव के समय मेरे द्वारा पूर्व मुख्यमंत्री व लोकसभा प्रत्याशी हरिद्वार रमेश पोखरियाल के नामांकन पर कई गंभीर आपत्तियां उठाई गई थी व मामला उच्च न्यायालय नैनिताल तक पहुंचा। उच्च न्यायालय ने चुनाव आयोग की व्यवस्थाओं का हवाला देते हुए चुनाव सम्पन्न होने व रिजल्ट घोषित होने के 40 दिन के भीतर इलेक्शन पेटिशन फाइल करने का सुझाव देते हुए निर्णय दिया था ।
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