कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग रूड़की (कोर) ने रूस के विष्वविद्यालय के साथ शैक्षणिक सहयोग पत्र पर हस्ताक्षर किये
(ब्यूरो ,न्यूज़ 1 हिन्दुस्तान )
रूड़की| हरिद्वार राष्ट्रीय राजमार्ग 58 स्थित कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग रूड़की(कोर) के लिए 27 मई 2019 एक ऐतिहासिक दिन रहा जिसमे कॉलेज के उच्च स्तरीय प्रतिनिधि मंडल ने षैक्षणिक सहयोग के लिए कुबान स्टेट कृषि विष्वविद्यालय रूस (कुबसाउ) के साथ एक समझोता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किये । इस समझौते की पहल को कोर के दूरदर्षी अध्यक्ष जे0 सी0 जैन द्वारा निर्देषित किया गया। इस समझौते के तहत नई नई तकनीकियो का अध्ययन कर छात्र कृषि क्षेत्र में उभरते अवसरो का लाभ उठा सकेगें । कोर के प्रतिनिधि मंडल में एम डी टेक्सप्लास ग्रुप ऑफ इन्डस्ट्रीज एवं ट्रस्टी कोर श्रेयांस जैन, महानिदेषक कोर डॉ0 एस0 पी0 गुप्ता, डीन शैक्षणिक डा0 बी0 एम0 सिंह, सहायक प्रोफेसर आषुतोष कौषिक, जो कुबसाउ के पूर्व छात्र है रहे । कुबान स्टेट कृषि विष्वविद्यालय के मुखिया डॉ ए आई टरूबिलिन ने हस्ताक्षर किये।
दक्षिण रूस के क्रास्नोदार शहर में स्थित यह विष्वविद्यालय रूस में एक विष्व प्रसिद्ध और सबसे बडा विष्वविद्यालय है जो मुख्य रूप से कृषि के क्षेत्र में कार्यरत है। हालाकि यह इंजीनियिरिंग एवं प्रबंध की अन्य शाखाओं में भी विष्व कीर्तिमान स्थापित किये हुए है। 174 हेक्टेयर्स में फैले, इसमें 2200 कर्मचारियों के साथ 20 विभागों में 55 से अधिक देषों के 18000 छात्र है। समझौता ज्ञापन कोर के छात्रों को इंटर्नषिप, विनिमय कार्यक्रम और शैक्षिक दौरे के लिए रूस जाने का अवसर प्रदान करेगा । शॉर्ट टर्म फैकल्टी एक्सचेंज और संयुक्त शोध का भी इसमे प्रावधान है। छात्र और संकाय वीडियो व्याख्यान के माध्यम से रूसी भाषा सीख सकते है।
इस विष्वद्यिलय ने आई0ओ0टी0 आधारित सटीक कृषि प्रणाली विकसित की है जिसमे उन्नत उपकरण खेती के काम प्रयोग होते हैं जो उपग्रह चित्रों के अनुसार काम करते है। इससे उत्पाद की गुणवत्ता और मात्रा दोनों में काफी सुधार होता है। यहां मिटटी को उपजाऊ बनाने के लिए अत्यन्त उन्नत तकनीकों का भी उपयोग किया जाता है।
कोर भारत का पहला संस्थान है जिसने कुबान विष्वविद्यालय के साथ इस समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किये है। यह आषा की जाती है कि दोनों संस्थानों के बीच यह समझौता कोर में विष्वस्तरीय षिक्षा एवं शोध सुनिष्चित करते हुए एक लम्बा रास्ता तय करेगा एवं उत्तराखण्ड में ही नही अपितु देष में उच्च षिक्षा की नीव सुदृढ करेगा । इस समझौते को लेकर कॉलेज के छात्र एवं षिक्षक अति उत्साहित है।
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रूड़की| हरिद्वार राष्ट्रीय राजमार्ग 58 स्थित कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग रूड़की(कोर) के लिए 27 मई 2019 एक ऐतिहासिक दिन रहा जिसमे कॉलेज के उच्च स्तरीय प्रतिनिधि मंडल ने षैक्षणिक सहयोग के लिए कुबान स्टेट कृषि विष्वविद्यालय रूस (कुबसाउ) के साथ एक समझोता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किये । इस समझौते की पहल को कोर के दूरदर्षी अध्यक्ष जे0 सी0 जैन द्वारा निर्देषित किया गया। इस समझौते के तहत नई नई तकनीकियो का अध्ययन कर छात्र कृषि क्षेत्र में उभरते अवसरो का लाभ उठा सकेगें । कोर के प्रतिनिधि मंडल में एम डी टेक्सप्लास ग्रुप ऑफ इन्डस्ट्रीज एवं ट्रस्टी कोर श्रेयांस जैन, महानिदेषक कोर डॉ0 एस0 पी0 गुप्ता, डीन शैक्षणिक डा0 बी0 एम0 सिंह, सहायक प्रोफेसर आषुतोष कौषिक, जो कुबसाउ के पूर्व छात्र है रहे । कुबान स्टेट कृषि विष्वविद्यालय के मुखिया डॉ ए आई टरूबिलिन ने हस्ताक्षर किये।
दक्षिण रूस के क्रास्नोदार शहर में स्थित यह विष्वविद्यालय रूस में एक विष्व प्रसिद्ध और सबसे बडा विष्वविद्यालय है जो मुख्य रूप से कृषि के क्षेत्र में कार्यरत है। हालाकि यह इंजीनियिरिंग एवं प्रबंध की अन्य शाखाओं में भी विष्व कीर्तिमान स्थापित किये हुए है। 174 हेक्टेयर्स में फैले, इसमें 2200 कर्मचारियों के साथ 20 विभागों में 55 से अधिक देषों के 18000 छात्र है। समझौता ज्ञापन कोर के छात्रों को इंटर्नषिप, विनिमय कार्यक्रम और शैक्षिक दौरे के लिए रूस जाने का अवसर प्रदान करेगा । शॉर्ट टर्म फैकल्टी एक्सचेंज और संयुक्त शोध का भी इसमे प्रावधान है। छात्र और संकाय वीडियो व्याख्यान के माध्यम से रूसी भाषा सीख सकते है।
इस विष्वद्यिलय ने आई0ओ0टी0 आधारित सटीक कृषि प्रणाली विकसित की है जिसमे उन्नत उपकरण खेती के काम प्रयोग होते हैं जो उपग्रह चित्रों के अनुसार काम करते है। इससे उत्पाद की गुणवत्ता और मात्रा दोनों में काफी सुधार होता है। यहां मिटटी को उपजाऊ बनाने के लिए अत्यन्त उन्नत तकनीकों का भी उपयोग किया जाता है।
कोर भारत का पहला संस्थान है जिसने कुबान विष्वविद्यालय के साथ इस समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किये है। यह आषा की जाती है कि दोनों संस्थानों के बीच यह समझौता कोर में विष्वस्तरीय षिक्षा एवं शोध सुनिष्चित करते हुए एक लम्बा रास्ता तय करेगा एवं उत्तराखण्ड में ही नही अपितु देष में उच्च षिक्षा की नीव सुदृढ करेगा । इस समझौते को लेकर कॉलेज के छात्र एवं षिक्षक अति उत्साहित है।
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