अपनी आत्मा के कल्याण हेतु अपने अंदर डुबकी लगानी होगी
अन्दर जमे हुए कषाय रूपी कूड़े कचरे को बाहर निकालना होगा
बैंड बाजों के साथ भव्य जुलूस के रूप में सैकड़ों भक्तों ने गुरुवर का मंगल प्रवेश कराया
(ब्यूरो, न्यूज़1 हिंदुस्तान)
हरिद्वार। श्री दिगंबर जैन मंदिर लालतारोपुल हरिद्वार में आचार्य विशद सागर महाराज, मुनि विशाल सागर, आर्थिका भक्ति भारती वात्सल्य और भारती माता ससंघ का चतुर्मास हैतू भव्य मंगल प्रवेश हुआ। अगवानी के लिए जगह-जगह स्वागत द्वार बनाए गए। रंगोली बिछाई गई। बैंड बाजों के साथ भव्य जुलूस के रूप में सैकड़ों भक्तों ने गुरुवर का मंगल प्रवेश कराया। इस अवसर पर आचार्य विशद सागर माहराज ने कहा कि हरिद्वार में हरी का मतलब भगवान द्वार यानी प्रवेशद्वार अर्थात हम भगवान के द्वार पर बैठे हैं।
उन्होंने कहा हरिद्वार में एक और लाखों भक्त गण गंगा में डुबकी लगाकर पापों का प्रझालन करने आते हैं वहीं दूसरी ओर भेद विज्ञान में शरीर अलग है आत्मा अलग है हमें अपनी आत्मा के कल्याण हेतु अपने अंदर डुबकी लगानी होगी अन्दर जमे हुए कषाय रूपी कूड़े कचरे को बाहर निकालना होगा। संतों की वाणी को जीवन में उतारना होगा तभी कल्याण संभव है। उन्होंने कहा की इंसानियत ही सबसे बड़ा धर्म है, आत्मा का स्वभाव ही धर्म है ।और अहिंसा परमोधर्मः ही महावीर का नारा है।
कार्यक्रम के दौरान साधु सेवा समिति के अध्यक्ष बालेश चंद जैन,मंत्री विजय कुमार जैन, कोषाध्यक्ष गिरीश कुमार जैन, संदीप जैन, सतीश जैन, नितेश जैन, अशोक जैन, रवि जैन, राकेश जैन, पंडित पंकज शास्त्री, लोग मौजूद रहे।
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