यात्रा का स्वागत करते हुए मेयर अनीता शर्मा ने कहा कि देश को एकता के सूत्र में बांधने वाले गुरूनानक देव की शिक्षाओं का अनुसरण करते हुए सबको राष्ट्र कल्याण में अपना योगदान करना चाहिए।
(ब्यूरो ,न्यूज़ 1 हिन्दुस्तान )
हरिद्वार। श्री गुरुनानक देव महाराज के 550वें प्रकाशोत्सव के अवसर पर सिख संगत द्वारा निकाली जा रही अंतर्राष्ट्रीय नगर कीर्तन यात्रा का देहरादून होते हुए हरिद्वार पहुंचने पर स्थानीय सिख समाज ने भव्य स्वागत किया। चण्डी घाट पुल आनन्दवन समाधि के समीप श्रीपंचायती अखाड़ा निर्मल के संतों ने अंतर्राष्ट्रीय नगर कीर्तन यात्रा में शामिल पवित्र गुरू ग्रंथ साहिब की पालकी पर फूलमालाएं व पुष्प अर्पित कर भव्य स्वागत किया और प्रसाद वितरित किया। इस अवसर पर श्री पंचायती अखाड़ा निर्मल के अध्यक्ष श्रीमहंत ज्ञानदेव िंसंह महाराज ने कहा कि गुरूनानक देव की अवतरण स्थली ननकाना साहिब से आयी यह ऐतिहासिक अंतर्राष्ट्रीय नगर कीर्तन यात्रा देवभूमि हरिद्वार पहुंची है। जो यहां के सिख समाज के लिए गौरव की बात है। सम्पूर्ण देश में भ्रमण कर सुल्तानपुर लोधी पंजाब में यह यात्रा संपन्न होगी। जिसका लाभ संपूर्ण देश के सिख धर्मानुयायियों को प्राप्त होगा। उन्होंने कहा कि गुरूनानक देव एक अवतारी महापुरूष थे।
जिन्होंने संपूर्ण देश में धर्म का प्रचार प्रसार कर लंगर प्रसाद की प्रथा शुरू कर मानव सेवा संदेश दिया। ऐसे महापुरूषों को संत समाज नमन करता है। कोठारी महंत जसविन्द्र सिंह महाराज ने कहा कि गुरूनानक देव अपने व्यक्तित्व में दार्शनिक, योगी, धर्म सुधारक, देश भक्त एवं विश्व बंधु सभी गुण समेटे हुए थे। उन्होंने एक परमात्मा की उपासना का संदेश लोगों को दिया। उन्होंने कहा कि गुरूनानक देव ने हमेशा ही रूढ़ियों और कुसंस्कारों का विरोध किया। उन्होंने संदेश दिया कि ईश्वर कहीं बाहर नहीं बल्कि हमारे अंदर ही विराजमान है। उनके विचारों से समाज में अथक परिवर्तन हुआ। श्री पंचायती अखाड़ा निर्मल के पूर्व सचिव महंत बलवंत सिंह महाराज ने कहा कि गुरूनानक देव सिख धर्म के संस्थापक और सिखों के पहले गुरू थे। जिनका शांत और स्थिर भाव हमारे अंदर ऊर्जा का संचार करता है। सभी को उनके जीवन दर्शन और शिक्षाओं का अनुसरण कर मानव सेवा में हमेशा योगदान करना चाहिए। क्योंकि मानव सेवा ही सबसे बड़ा धर्म है। यात्रा का स्वागत करते हुए मेयर अनीता शर्मा ने कहा कि देश को एकता के सूत्र में बांधने वाले गुरूनानक देव की शिक्षाओं का अनुसरण करते हुए सबको राष्ट्र कल्याण में अपना योगदान करना चाहिए। स्वागत करने वालों में महंत सतनाम सिंह, महंत अमनदीप सिंह, महंत गुरूभक्त सिंह, महंत अमरजीत सिंह, महंत प्यारा सिंह, महंत दलजीत सिंह, महंत सुखमन सिंह, महंत गुरमीत सिंह, महंत रसपाल सिंह, महंत अजीत सिंह, महंत रंजय सिंह, समाजसेवी अतुल शर्मा, संजय वर्मा, जगदीशलाल पाहवा, अनिल खुराना, अजय कुमार कुमार, राजू ओबराय, दलजीत सिंह मान, सरदार गुरमीत सिंह, सरदार रमणीक सिंह, अनूप सिंह सिद्ध, विक्रम सिंह सिद्धू, सहित सैकड़ों सिख श्रद्धालु सम्मिलित रहे।
(ब्यूरो ,न्यूज़ 1 हिन्दुस्तान )
हरिद्वार। श्री गुरुनानक देव महाराज के 550वें प्रकाशोत्सव के अवसर पर सिख संगत द्वारा निकाली जा रही अंतर्राष्ट्रीय नगर कीर्तन यात्रा का देहरादून होते हुए हरिद्वार पहुंचने पर स्थानीय सिख समाज ने भव्य स्वागत किया। चण्डी घाट पुल आनन्दवन समाधि के समीप श्रीपंचायती अखाड़ा निर्मल के संतों ने अंतर्राष्ट्रीय नगर कीर्तन यात्रा में शामिल पवित्र गुरू ग्रंथ साहिब की पालकी पर फूलमालाएं व पुष्प अर्पित कर भव्य स्वागत किया और प्रसाद वितरित किया। इस अवसर पर श्री पंचायती अखाड़ा निर्मल के अध्यक्ष श्रीमहंत ज्ञानदेव िंसंह महाराज ने कहा कि गुरूनानक देव की अवतरण स्थली ननकाना साहिब से आयी यह ऐतिहासिक अंतर्राष्ट्रीय नगर कीर्तन यात्रा देवभूमि हरिद्वार पहुंची है। जो यहां के सिख समाज के लिए गौरव की बात है। सम्पूर्ण देश में भ्रमण कर सुल्तानपुर लोधी पंजाब में यह यात्रा संपन्न होगी। जिसका लाभ संपूर्ण देश के सिख धर्मानुयायियों को प्राप्त होगा। उन्होंने कहा कि गुरूनानक देव एक अवतारी महापुरूष थे।
जिन्होंने संपूर्ण देश में धर्म का प्रचार प्रसार कर लंगर प्रसाद की प्रथा शुरू कर मानव सेवा संदेश दिया। ऐसे महापुरूषों को संत समाज नमन करता है। कोठारी महंत जसविन्द्र सिंह महाराज ने कहा कि गुरूनानक देव अपने व्यक्तित्व में दार्शनिक, योगी, धर्म सुधारक, देश भक्त एवं विश्व बंधु सभी गुण समेटे हुए थे। उन्होंने एक परमात्मा की उपासना का संदेश लोगों को दिया। उन्होंने कहा कि गुरूनानक देव ने हमेशा ही रूढ़ियों और कुसंस्कारों का विरोध किया। उन्होंने संदेश दिया कि ईश्वर कहीं बाहर नहीं बल्कि हमारे अंदर ही विराजमान है। उनके विचारों से समाज में अथक परिवर्तन हुआ। श्री पंचायती अखाड़ा निर्मल के पूर्व सचिव महंत बलवंत सिंह महाराज ने कहा कि गुरूनानक देव सिख धर्म के संस्थापक और सिखों के पहले गुरू थे। जिनका शांत और स्थिर भाव हमारे अंदर ऊर्जा का संचार करता है। सभी को उनके जीवन दर्शन और शिक्षाओं का अनुसरण कर मानव सेवा में हमेशा योगदान करना चाहिए। क्योंकि मानव सेवा ही सबसे बड़ा धर्म है। यात्रा का स्वागत करते हुए मेयर अनीता शर्मा ने कहा कि देश को एकता के सूत्र में बांधने वाले गुरूनानक देव की शिक्षाओं का अनुसरण करते हुए सबको राष्ट्र कल्याण में अपना योगदान करना चाहिए। स्वागत करने वालों में महंत सतनाम सिंह, महंत अमनदीप सिंह, महंत गुरूभक्त सिंह, महंत अमरजीत सिंह, महंत प्यारा सिंह, महंत दलजीत सिंह, महंत सुखमन सिंह, महंत गुरमीत सिंह, महंत रसपाल सिंह, महंत अजीत सिंह, महंत रंजय सिंह, समाजसेवी अतुल शर्मा, संजय वर्मा, जगदीशलाल पाहवा, अनिल खुराना, अजय कुमार कुमार, राजू ओबराय, दलजीत सिंह मान, सरदार गुरमीत सिंह, सरदार रमणीक सिंह, अनूप सिंह सिद्ध, विक्रम सिंह सिद्धू, सहित सैकड़ों सिख श्रद्धालु सम्मिलित रहे।
0 comments:
Post a Comment