तीनों गुलदार अलग-अलग डिवीजनों की सीमाओं में मिले।
हरिद्वार । हरिद्वार और पौड़ी गढ़वाल जिले की सीमा पर स्थित लालढांग क्षेत्र के जंगल में तीन गुलदार मृत मिले हैं। तीनों गुलदार अलग-अलग डिवीजनों की सीमाओं में मिले। वन विभाग ने शवों को अपने कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए चिड़ियापुर रेस्क्यू सेंटर भेज दिया है।
सूचना मिलते ही हरिद्वार के डीएफओ आकाश वर्मा मौके पर पहुंचे। तीनों शवों को देखने पर अधिकारियों ने उनके दो या तीन दिन पुराना होने का अनुमान लगाया। तीनों शवों से दुर्गंध आने लगी थी। तीनों गुलदारों के शव एक किमी के दायरे में पाए गए। इनकी उम्र चार से आठ साल के बीच आंकी गई है। तीनों शवों के रवासन नदी के आसपास मिलने से जांच का केंद्र भी रवासन और लालढांग केंद्रित कर दिया गया है। वन अधिकारियों ने पूरे इलाके में सघन चेकिंग अभियान छेड़ दिया है।
वन विभाग प्रथम दृष्टया इस मामले को जहर देकर गुलदारों को मारने की एक बड़ी साजिश मानकर चल रहा है। एक साथ तीन गुलदारों की मौत से वन विभाग में हड़कंप मचा है। सूचना मिलते ही लैंसडौन, हरिद्वार और राजाजी नेशनल पार्क व टाइगर रिजर्व के अधिकारी मौके पर पहुंच गए।
वन विभाग प्रथम दृष्टया इस मामले को जहर देकर गुलदारों को मारने की एक बड़ी साजिश मानकर चल रहा है। एक साथ तीन गुलदारों की मौत से वन विभाग में हड़कंप मचा है। सूचना मिलते ही लैंसडौन, हरिद्वार और राजाजी नेशनल पार्क व टाइगर रिजर्व के अधिकारी मौके पर पहुंच गए।
हरिद्वार वन प्रभाग डीएफओ आकाश शर्मा की माने तो तीनों ही गुलदारो को एक ही प्रकार का जहर दिया गया है। तीनों का पोस्टमार्टम करा कर सैंपल अलग अलग लैबोट्रीज में जांच के लिए भेज दिए गए हैं ।जिससे यह पता चल सके कि कौन सा जहर इनको मारने में इस्तेमाल किया गया।
बताया जा रहा है कि बृहस्पतिवार की शाम हरिद्वार वन प्रभाग में चिड़ियापुर के वन कर्मियों को लालढांग क्षेत्र में एक गुलदार का शव पड़े होने की सूचना मिली। चिड़ियापुर के रेंज अधिकारी मुकेश कुमार बृहस्पतिवार रात को ही अपनी टीम के साथ गुलदार के शव को ढूंढने निकल पड़े, लेकिन रात के अंधेरे में मृत गुलदार का पता नहीं चल पाया।
शुक्रवार सुबह एक बार फिर वन विभाग की टीम ने तलाश शुरू की। टीम को लालढांग काली माता मंदिर के पीछे एक नर गुलदार का शव पड़ा मिला। विभाग ने उसे कब्जे में ले लिया। प्रथम दृष्टया गुलदार की मौत जहर से हुई पाई गई। अन्य वन्यजीवों के इसकी चपेट में आने की आशंका के चलते वन विभाग ने उच्चाधिकारियों को सूचना देते हुए पूरा जंगल खंगालना शुरू कर दिया।
चार से आठ साल के बीच है
उम्रकुछ ही देर में राजाजी टाइगर रिजर्व पार्क की रवासन रेंज में एक अन्य नर गुलदार का शव वन कर्मियों को मिला। उसे भी संबंधित डिवीजन के कर्मियों ने कब्जे में लिया। इसके कुछ देर बाद ही लैंसडौन वन प्रभाग की लालढांग रेंज में रवासन नदी के किनारे तीसरे गुलदार का शव भी मिल गया। एक साथ तीन गुलदारों की मौत से विभाग में हड़कंप मच गया।
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