मुख्य सचिव के निर्देश पर अल्पसंख्यक कल्याण विभाग आया हरकत में।
वर्ष 2018-19 की प्री-मैट्रिक छात्रवृत्ति में बरती गयी लापरवाही का है मामला।
बेसहारा/यतीम छात्रों का किया गया था नुकसान।
(ब्यूरो ,न्यूज़ 1 हिन्दुस्तान )
विकासनगर। मोर्चा कार्यालय में पत्रकारों से वार्ता करते हुए जन संघर्ष मोर्चा अध्यक्ष एवं जीएमवीएन के पूर्व उपाध्यक्ष रघुनाथ सिंह नेगी ने कहा कि मोर्चा प्रतिनिधि मण्डल ने दिनाँक 07.08.2019 में मुख्य सचिव श्री उत्पल कुमार सिंह को अल्पसंख्यक प्री-मैट्रिक छात्रवृत्ति 2018-19 में हुई विभागीय लापरवाही के कारण हजारों गरीब/यतीम छात्रों के नुकसान को लेकर ज्ञापन सौंपा था, जिस पर गम्भीरता दिखाते हुए मुख्य सचिव ने सचिव अल्पसंख्यक कल्याण को कार्यवाही के निर्देश जारी दिये थे। सचिव अल्पसंख्यक ने निदेशक, अल्पसंख्यक कल्याण को दिनांक 29.08.2019 को जाँच के निर्देश दिये हैं।
नेगी ने कहा कि निदेशालय/जिला स्तर से हुई लापरवाही के कारण प्रदेश के जनपद हरिद्वार में 61 फीसदी व जनपद देहरादून में मात्र 23 फीसदी सत्यापन ही हो पाया, जबकि शत्-प्रतिशत् सत्यापन होना चाहिए था, इस मामले में गैर जिम्मेदाराना तथ्य यह था कि अधिकारियों ने कहा था कि संस्थानों एवं छात्रों के मोबाईल बन्द/स्विच आॅफ थे, इसलिए सत्यापन नहीं हो पाया। उक्त जाँच के पश्चात् निश्चित तौर पर गरीबों को उनका हक मिल पायेगा। मोर्चा लापरवाही व भ्रष्ट अधिकारियों को बिल्कुल नहीं बख्सेगा।पत्रकार वार्ता में - मौ0 असद, प्रवीण शर्मा पीन्नी, सुशील भारद्वाज आदि थे।
वर्ष 2018-19 की प्री-मैट्रिक छात्रवृत्ति में बरती गयी लापरवाही का है मामला।
बेसहारा/यतीम छात्रों का किया गया था नुकसान।
(ब्यूरो ,न्यूज़ 1 हिन्दुस्तान )
विकासनगर। मोर्चा कार्यालय में पत्रकारों से वार्ता करते हुए जन संघर्ष मोर्चा अध्यक्ष एवं जीएमवीएन के पूर्व उपाध्यक्ष रघुनाथ सिंह नेगी ने कहा कि मोर्चा प्रतिनिधि मण्डल ने दिनाँक 07.08.2019 में मुख्य सचिव श्री उत्पल कुमार सिंह को अल्पसंख्यक प्री-मैट्रिक छात्रवृत्ति 2018-19 में हुई विभागीय लापरवाही के कारण हजारों गरीब/यतीम छात्रों के नुकसान को लेकर ज्ञापन सौंपा था, जिस पर गम्भीरता दिखाते हुए मुख्य सचिव ने सचिव अल्पसंख्यक कल्याण को कार्यवाही के निर्देश जारी दिये थे। सचिव अल्पसंख्यक ने निदेशक, अल्पसंख्यक कल्याण को दिनांक 29.08.2019 को जाँच के निर्देश दिये हैं।
नेगी ने कहा कि निदेशालय/जिला स्तर से हुई लापरवाही के कारण प्रदेश के जनपद हरिद्वार में 61 फीसदी व जनपद देहरादून में मात्र 23 फीसदी सत्यापन ही हो पाया, जबकि शत्-प्रतिशत् सत्यापन होना चाहिए था, इस मामले में गैर जिम्मेदाराना तथ्य यह था कि अधिकारियों ने कहा था कि संस्थानों एवं छात्रों के मोबाईल बन्द/स्विच आॅफ थे, इसलिए सत्यापन नहीं हो पाया। उक्त जाँच के पश्चात् निश्चित तौर पर गरीबों को उनका हक मिल पायेगा। मोर्चा लापरवाही व भ्रष्ट अधिकारियों को बिल्कुल नहीं बख्सेगा।पत्रकार वार्ता में - मौ0 असद, प्रवीण शर्मा पीन्नी, सुशील भारद्वाज आदि थे।
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