* भारत द्वारा जलवायु परिवर्तन के समाधान के लिए नीति निर्माण, जन जागरूकता, संवेदी करण तथा क्रियान्वयन के लिए कई मंच स्थापित किए गए हैं।
* ‘युवा बेरोजगारी का सामना करने की रणनीतियों’ पर भी विधानसभा अध्यक्ष ने अपना संबोधन दिया गया।
(ब्यूरो ,न्यूज़ 1 हिन्दुस्तान )
देहरादून । युगांडा की राजधानी कंपाला में 64 वें राष्ट्रमंडल संसदीय सम्मेलन का आगाज शानदार रूप से हुआ। युगांडा के राष्ट्रपति योवेरी मुसेवेनी ने कंपाला में मुनयोनो के स्पेक रिसोर्ट में 64 वां राष्ट्रमंडल संसदीय सम्मेलन (सीपीसी) का उद्घाटन किया। इस अवसर पर उत्तराखंड विधानसभा अध्यक्ष प्रेमचंद अग्रवाल ने सम्मेलन के दौरान अलग-अलग पारियों में दो महत्वपूर्ण विषयों पर अपने संबोधन भी दिए साथ ही विधानसभा अध्यक्ष ने सम्मेलन में मौजूद सदस्यों से ‘भारत माता की जय’ के नारे को बुलवाकर अपने देश का जोरदार ढंग से प्रतिनिधित्व करते हुए उद्बोधन की शुरुआत की।
सम्मेलन में उप राष्ट्रपति एडवर्ड कीवानुका ससेकंडी,संसद की स्पीकर रेबेका कडगा, सीपीए अध्यक्ष एमिलिया मोनजोवा लीपाका और सीपीए महासचिव श्री अकबर खान, मिस वर्ल्ड- अफ्रीका क्विन एबनाको एवं
सम्मेलन में कनाडा, ऑस्ट्रेलिया, यूनाइटेड किंगडम (यूके), केन्या, जांबिया, मलावी, भारत सहित विभिन्न देशों के प्रतिनिधियों ने भाग लिया।सम्मेलन में लोकसभा अध्यक्ष एवं सीपीए इंडिया रीजन के अध्यक्ष ओम बिरला सहित सीपीए इंडिया रीजन के कई सदस्य मौजूद थे। राष्ट्रमंडल संसदीय सम्मेलन आधिकारिक उद्घाटन पर पारंपरिक नर्तकियों ने मेहमानों का स्वागत किया।इस समारोह में विभिन्न राष्ट्रमंडल देशों के झंडे प्रदर्शित किए गए।
सम्मेलन का उद्घाटन के दौरान राष्ट्रपति मुसेवेनी ने सम्मेलन में मौजूद सभी सदस्यों का स्वागत करते हुए कहा कि कंपाला सीपीसी की मेजबानी कर रहा हैं। सम्मेलन को सफलतापूर्वक आयोजित करने के लिए संसद सदस्यों और सीपीए के युगांडा सचिवालय के सदस्यों को बधाई देता हूं और उनकी कड़ी मेहनत की सराहना करता हूं।राष्ट्रपति योवेरी मुसेवेनी ने राष्ट्रमंडल देशों को अपने संख्याओं का उपयोग निवेश को बढ़ावा देने, सुरक्षा और सांस्कृतिक आदान-प्रदान पर एक साथ काम करने के लिए किया है।उन्होंने यह भी कहा कि कॉमनवेल्थ देश शांति के लिए दुनिया के सभी देशों के साथ आपसी लाभ के लिए और प्रत्येक देश की संप्रभुता का सम्मान करने के आधार पर काम कर सकते हैं।
इस अवसर पर उत्तराखंड विधानसभा अध्यक्ष प्रेमचंद अग्रवाल ने सम्मेलन की पहली पारी में महत्वपूर्ण विषय ‘जलवायु परिवर्तन संसदीय प्रयासों के प्रभाव चुनौतियां एवं उपलब्धियां’ पर कहा कि भारत की संसद द्वारा जलवायु परिवर्तन के क्षेत्र में मुख्य पहल की गई है उन्होंने कहा कि भारत द्वारा जलवायु परिवर्तन के समाधान के लिए नीति निर्माण, जन जागरूकता, संवेदी करण तथा क्रियान्वयन के लिए कई मंच स्थापित किए गए हैं उन्होंने कहा कि भारत में विज्ञान एवं तकनीकी वन एवं पर्यावरण विभागों से संबंधित स्थाई समितियां गठित की गई है जो जलवायु परिवर्तन के संबंध में सरकार द्वारा विभिन्न नीतियों एवं कार्यक्रमों के क्रियान्वयन की समीक्षा करती है और इन प्रयासों को अधिक प्रभावी बनाने के लिए सुधारात्मक कदम सुझाती है।उन्होंने कहा कि हमारी प्राथमिकता देश से गरीबी का उन्मूलन करना तथा सभी नागरिकों को मूलभूत आवश्यकताएं उपलब्ध कराना है साथ ही हम स्वच्छ ऊर्जा तकनीक तथा वित्तीय संसाधन के प्रयोग से विकास के कम कार्बन उत्सर्जन वाले रास्ते पर चलने के लिए भी प्रतिबद्ध हैं।विधानसभा अध्यक्ष ने अपने संबोधन में कहा है कि जलवायु परिवर्तन की समस्या समाधान की कोई भी वैश्विक रणनीति बनाने और उसके प्रभावी क्रियान्वयन के लिए विश्व के सभी देशों के मध्य सहयोग की आवश्यकता है।
सम्मेलन के दौरान दूसरी पारी में विधानसभा अध्यक्ष द्वारा एक और अन्य महत्वपूर्ण विषय ‘युवा बेरोजगारी का सामना करने की रणनीतियों’ पर भी अपना संबोधन दिया गया।इस विषय पर विधानसभा अध्यक्ष द्वारा अपने विचार रखते हुए कहा गया कि आज का युग युवाओं का युग है एवं संपूर्ण संसार में युवा विभिन्न क्षेत्रों में उल्लेखनीय कार्य करते हुए अपनी क्षमताओं का बेहतरीन प्रदर्शन कर रहे हैं, विधानसभा अध्यक्ष ने कहा कि बेरोजगारी की समस्या के स्थाई समाधान के लिए जनसंख्या नियंत्रण विश्व समुदाय की उच्च प्राथमिकता होनी चाहिए।उन्होंने कहा कि अधिक से अधिक संख्या में क्षेत्रीय औद्योगिक विकसित किए जाने चाहिए ताकि औद्योगिक विकेंद्रीकरण हो सके जिससे और अधिक रोजगार पैदा हो, साथ ही श्री अग्रवाल ने स्वरोजगार को बढ़ावा देने एवं नई नवाचार योजनाएं बनाकर उनका प्रभावी क्रियान्वयन के जाने पर जोर दिया।
* ‘युवा बेरोजगारी का सामना करने की रणनीतियों’ पर भी विधानसभा अध्यक्ष ने अपना संबोधन दिया गया।
(ब्यूरो ,न्यूज़ 1 हिन्दुस्तान )
देहरादून । युगांडा की राजधानी कंपाला में 64 वें राष्ट्रमंडल संसदीय सम्मेलन का आगाज शानदार रूप से हुआ। युगांडा के राष्ट्रपति योवेरी मुसेवेनी ने कंपाला में मुनयोनो के स्पेक रिसोर्ट में 64 वां राष्ट्रमंडल संसदीय सम्मेलन (सीपीसी) का उद्घाटन किया। इस अवसर पर उत्तराखंड विधानसभा अध्यक्ष प्रेमचंद अग्रवाल ने सम्मेलन के दौरान अलग-अलग पारियों में दो महत्वपूर्ण विषयों पर अपने संबोधन भी दिए साथ ही विधानसभा अध्यक्ष ने सम्मेलन में मौजूद सदस्यों से ‘भारत माता की जय’ के नारे को बुलवाकर अपने देश का जोरदार ढंग से प्रतिनिधित्व करते हुए उद्बोधन की शुरुआत की।
सम्मेलन में उप राष्ट्रपति एडवर्ड कीवानुका ससेकंडी,संसद की स्पीकर रेबेका कडगा, सीपीए अध्यक्ष एमिलिया मोनजोवा लीपाका और सीपीए महासचिव श्री अकबर खान, मिस वर्ल्ड- अफ्रीका क्विन एबनाको एवं
सम्मेलन में कनाडा, ऑस्ट्रेलिया, यूनाइटेड किंगडम (यूके), केन्या, जांबिया, मलावी, भारत सहित विभिन्न देशों के प्रतिनिधियों ने भाग लिया।सम्मेलन में लोकसभा अध्यक्ष एवं सीपीए इंडिया रीजन के अध्यक्ष ओम बिरला सहित सीपीए इंडिया रीजन के कई सदस्य मौजूद थे। राष्ट्रमंडल संसदीय सम्मेलन आधिकारिक उद्घाटन पर पारंपरिक नर्तकियों ने मेहमानों का स्वागत किया।इस समारोह में विभिन्न राष्ट्रमंडल देशों के झंडे प्रदर्शित किए गए।
सम्मेलन का उद्घाटन के दौरान राष्ट्रपति मुसेवेनी ने सम्मेलन में मौजूद सभी सदस्यों का स्वागत करते हुए कहा कि कंपाला सीपीसी की मेजबानी कर रहा हैं। सम्मेलन को सफलतापूर्वक आयोजित करने के लिए संसद सदस्यों और सीपीए के युगांडा सचिवालय के सदस्यों को बधाई देता हूं और उनकी कड़ी मेहनत की सराहना करता हूं।राष्ट्रपति योवेरी मुसेवेनी ने राष्ट्रमंडल देशों को अपने संख्याओं का उपयोग निवेश को बढ़ावा देने, सुरक्षा और सांस्कृतिक आदान-प्रदान पर एक साथ काम करने के लिए किया है।उन्होंने यह भी कहा कि कॉमनवेल्थ देश शांति के लिए दुनिया के सभी देशों के साथ आपसी लाभ के लिए और प्रत्येक देश की संप्रभुता का सम्मान करने के आधार पर काम कर सकते हैं।
इस अवसर पर उत्तराखंड विधानसभा अध्यक्ष प्रेमचंद अग्रवाल ने सम्मेलन की पहली पारी में महत्वपूर्ण विषय ‘जलवायु परिवर्तन संसदीय प्रयासों के प्रभाव चुनौतियां एवं उपलब्धियां’ पर कहा कि भारत की संसद द्वारा जलवायु परिवर्तन के क्षेत्र में मुख्य पहल की गई है उन्होंने कहा कि भारत द्वारा जलवायु परिवर्तन के समाधान के लिए नीति निर्माण, जन जागरूकता, संवेदी करण तथा क्रियान्वयन के लिए कई मंच स्थापित किए गए हैं उन्होंने कहा कि भारत में विज्ञान एवं तकनीकी वन एवं पर्यावरण विभागों से संबंधित स्थाई समितियां गठित की गई है जो जलवायु परिवर्तन के संबंध में सरकार द्वारा विभिन्न नीतियों एवं कार्यक्रमों के क्रियान्वयन की समीक्षा करती है और इन प्रयासों को अधिक प्रभावी बनाने के लिए सुधारात्मक कदम सुझाती है।उन्होंने कहा कि हमारी प्राथमिकता देश से गरीबी का उन्मूलन करना तथा सभी नागरिकों को मूलभूत आवश्यकताएं उपलब्ध कराना है साथ ही हम स्वच्छ ऊर्जा तकनीक तथा वित्तीय संसाधन के प्रयोग से विकास के कम कार्बन उत्सर्जन वाले रास्ते पर चलने के लिए भी प्रतिबद्ध हैं।विधानसभा अध्यक्ष ने अपने संबोधन में कहा है कि जलवायु परिवर्तन की समस्या समाधान की कोई भी वैश्विक रणनीति बनाने और उसके प्रभावी क्रियान्वयन के लिए विश्व के सभी देशों के मध्य सहयोग की आवश्यकता है।
सम्मेलन के दौरान दूसरी पारी में विधानसभा अध्यक्ष द्वारा एक और अन्य महत्वपूर्ण विषय ‘युवा बेरोजगारी का सामना करने की रणनीतियों’ पर भी अपना संबोधन दिया गया।इस विषय पर विधानसभा अध्यक्ष द्वारा अपने विचार रखते हुए कहा गया कि आज का युग युवाओं का युग है एवं संपूर्ण संसार में युवा विभिन्न क्षेत्रों में उल्लेखनीय कार्य करते हुए अपनी क्षमताओं का बेहतरीन प्रदर्शन कर रहे हैं, विधानसभा अध्यक्ष ने कहा कि बेरोजगारी की समस्या के स्थाई समाधान के लिए जनसंख्या नियंत्रण विश्व समुदाय की उच्च प्राथमिकता होनी चाहिए।उन्होंने कहा कि अधिक से अधिक संख्या में क्षेत्रीय औद्योगिक विकसित किए जाने चाहिए ताकि औद्योगिक विकेंद्रीकरण हो सके जिससे और अधिक रोजगार पैदा हो, साथ ही श्री अग्रवाल ने स्वरोजगार को बढ़ावा देने एवं नई नवाचार योजनाएं बनाकर उनका प्रभावी क्रियान्वयन के जाने पर जोर दिया।
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