◇शासन-प्रशासन से नहीं मिल पा रहा लोगों को न्याय।
◇हर काम के लिए लोगों को लेनी पड़ रही न्यायालय की शरण।
◇सभी कार्य न्यायालय से ही होने हैं तो फिर सरकार की आवश्यकता क्या !
◇राजभवन का जनता की पीड़ा से नहीं रहा कोई सरोकार।
(ब्यूरो ,न्यूज़ 1 हिन्दुस्तान )
विकासनगर। जन संघर्ष मोर्चा अध्यक्ष एवं जीएमवीएन के पूर्व उपाध्यक्ष रघुनाथ सिंह नेगी ने बयान जारी कर कहा कि प्रदेश की जनता से सरकार ने मुंह मोड़ लिया है जिसका नतीजा यह हुआ कि हर छोटे-बड़े काम को लेकर जनता को न्यायालय की शरण लेनी पड़ रही है | नेगी ने कहा कि सीएम श्री त्रिवेंद्र की अनुभव हीनता एवं भ्रष्टाचारी छवि के चलते अधिकारी सरकार की बात सुनने को तैयार नहीं हैं, नतीजा शासन-प्रशासन कान में तेल डाल कर बैठा है | नेगी ने कहा कि पूर्ववर्ती सरकारों के समय भी जनता प्राय न्यायालय का सहारा लेती थी
लेकिन इस माफिया सरकार ने सारे रिकॉर्ड ध्वस्त कर दिए हैं, जैसा कि सूत्र बताते हैं | जनता ने मन बना लिया है की सरकार से तो कुछ होना नहीं है इसलिए मा. न्यायालय का सहारा ही लिया जाए I सरकार की इस हरकत से गरीब आदमी खासा परेशान है क्योंकि सरकार उसकी बात नहीं सुनती तथा न्यायालय जाने के लिए उसके पास पैसे नहीं |मोर्चा ने हैरानी जताई कि इतना सब कुछ घटित होने के बाद भी राजभवन जैसी संस्था का जनता की पीड़ा से कोई सरोकार न होना बहुत गंभीर मामला है |
◇हर काम के लिए लोगों को लेनी पड़ रही न्यायालय की शरण।
◇सभी कार्य न्यायालय से ही होने हैं तो फिर सरकार की आवश्यकता क्या !
◇राजभवन का जनता की पीड़ा से नहीं रहा कोई सरोकार।
(ब्यूरो ,न्यूज़ 1 हिन्दुस्तान )
विकासनगर। जन संघर्ष मोर्चा अध्यक्ष एवं जीएमवीएन के पूर्व उपाध्यक्ष रघुनाथ सिंह नेगी ने बयान जारी कर कहा कि प्रदेश की जनता से सरकार ने मुंह मोड़ लिया है जिसका नतीजा यह हुआ कि हर छोटे-बड़े काम को लेकर जनता को न्यायालय की शरण लेनी पड़ रही है | नेगी ने कहा कि सीएम श्री त्रिवेंद्र की अनुभव हीनता एवं भ्रष्टाचारी छवि के चलते अधिकारी सरकार की बात सुनने को तैयार नहीं हैं, नतीजा शासन-प्रशासन कान में तेल डाल कर बैठा है | नेगी ने कहा कि पूर्ववर्ती सरकारों के समय भी जनता प्राय न्यायालय का सहारा लेती थी
लेकिन इस माफिया सरकार ने सारे रिकॉर्ड ध्वस्त कर दिए हैं, जैसा कि सूत्र बताते हैं | जनता ने मन बना लिया है की सरकार से तो कुछ होना नहीं है इसलिए मा. न्यायालय का सहारा ही लिया जाए I सरकार की इस हरकत से गरीब आदमी खासा परेशान है क्योंकि सरकार उसकी बात नहीं सुनती तथा न्यायालय जाने के लिए उसके पास पैसे नहीं |मोर्चा ने हैरानी जताई कि इतना सब कुछ घटित होने के बाद भी राजभवन जैसी संस्था का जनता की पीड़ा से कोई सरोकार न होना बहुत गंभीर मामला है |
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