* पहली बार भेल से ०1-2 में एसएसपी द्वारा किया गया रावण का दहन
* रावण दहन के साथ हुई बुराई पर अच्छाई की जीत
हरिद्वार।दशहरा को बुराई पर अच्छाई की जीत प्रतीक माना जाता है. पुराणों के अनुसार रावण को पराजित कर आज ही के दिन भगवान श्रीराम ने विजय हासिल थी। इसलिए दिन को विजयादशमी भी कहते है। दशहरा के इस त्योहार को देश में हर साल बड़ी धूम धाम से बनते है दशहरा पर पूरे देश मे माहौल बहुत ही रोशनी भरा रहता है।
हरिद्वार बी० एच ० ई ०एल० सेक्टर 1-2की रामलीला में पहली बार किसी पुलिस अधिकारी द्वारा रावण का दहन किया गया।
9 दिनों तक लगातार चले युद्ध के पश्चात अंहकारी रावण को भगवान श्रीराम ने मार गिराया था, और जानकी माता को उसकी कैद से मुक्त करवाया।वहीं इस दिन मां दुर्गा ने महिषासुर का संहार भी किया था। भगवान राम की रावण पर और माता दुर्गा की महिषासुर पर जीत के इस त्यौहार को बुराई पर अच्छाई और अधर्म पर धर्म की विजय के रुप में देश भर में मनाया जाता है।
इस वर्ष हरिद्वार के एसएसपी सेंथिल अबुदाई कृष्णराज एस सपरिवार , एस पी सिटी कमलेश उपाध्याय, एस पी ट्रैफिक मंजू नाथ टीसी, सीओ सदर अयुस अग्रवाल सभी सपरिवार उपस्थित थे।इस बार पहली बार सेक्टर 1-2 की रामलीला में एसएसपी द्वारा रावण का दहन किया गया।रावण दहन के वक्त भेल के महा प्रबंधक संजय सिन्हा भी उपस्थित थे।
आपको बता दे कि इसके बाद जब 20 दिन बाद भगवान श्रीराम अयोध्या लौटे थे और इस दिन को पूरा भारत में मिट्टी के दीप प्रज्वलित कर दीपावली के रूप में मनाते है।
*क्यों खाते है दशहरा पर जलेबी*
आप सब ने दशहरा के मेले में बहुत सी जलेबी की दुकानें देखी होगी आइए हम बताते आपको दशहरे के दिन जलेबी खाने की परंपरा सदियों से चली आ रही है। इस प्रचलन की शुरुआत काफी पहले से हुई थी पुरानी कथाओं की मानें भगवान श्री राम को शश्कुली नामक मिठाई बहुत पसंद थी. जिसे आजकल जलेबी के नाम से जाना जाता है. इसलिए रावण पर विजय के बाद जलेबी खाकर खुशी मनाई।
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