* प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को संयुक्त रूप से पत्र
* शरदीय यात्रा काल के दौरान पश्चिम बंगाल, ओडिशा, कर्नाटक, चेन्नई इत्यादि राज्यों से तीर्थयात्री धर्मनगरी हरिद्वार की ओर आगमन करते हैं।
(ब्यूरो ,न्यूज़ 1 हिन्दुस्तान )
हरिद्वार। यूपी के सिंचाई विभाग द्वारा दशहरे से दीपावली तक वार्षिक गंगा क्लोजर के विरोध में तीर्थ मर्यादा समिति के प्रांतीय अध्यक्ष संजय चोपड़ा के संयोजन में अलकनंदा घाट पर सामाजिक संगठनों द्वारा वार्षिक गंगा क्लोजर का पूर्व की भांति इस वर्ष भी पुरजोर विरोध किया। सामाजिक संगठनों के प्रतिनिधियों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को संयुक्त रूप से पत्र भेजकर मांग की ,कि हरिद्वार में भागीरथ बिंदु से मायापुर चेक डैम तक मां गंगा के जल का प्रभाव व अविरल धारा 4 फुट तक निरंतर बहती रहे। पत्र में यह भी मांग की पश्चिम बंगाल, ओडिशा, कर्नाटक, चेन्नई अन्य राज्यों के तीर्थयात्री श्रद्धालु त्योहारों के संगम में तीर्थ नगरी हरिद्वार में भारी मात्रा में आगमन करते हैं तमाम तीर्थ श्रद्धालुओं की आस्था को दृष्टिगत रखते हुए दशहरे से दीपावली तक गंगा क्लोजर के फैसले को जनहित में स्थीगत रखा जाए।
इस अवसर पर तीर्थ मर्यादा रक्षा समिति के प्रांतीय अध्यक्ष संजय चोपड़ा ने कहा उत्तर प्रदेश से अलग होकर उत्तराखंड को बने हुए 20 साल होने जा रहे हैं। लगातार उत्तर प्रदेश सिंचाई विभाग द्वारा वार्षिक गंगा क्लोजर के विरोध में व्यापारी व सामाजिक संगठन विरोध करते चले आ रहे हैं दशहरे से दीपावली तक भागीरथ बिंदु से मायापुर चेकडैम तक गंगा क्लोजर का कोई औचित्य नहीं है। उन्होंने कहा शरदीय यात्रा काल के दौरान पश्चिम बंगाल, ओडिशा, कर्नाटक, चेन्नई इत्यादि राज्यों से तीर्थयात्री धर्मनगरी हरिद्वार की ओर आगमन करते हैं। ऐसे में घाटों पर मां गंगा का जल बिन होने से तमाम तीर्थ श्रद्धालुओं की आस्था पर कुठाराघात होता है। जो कि न्याय संगत नहीं है उन्होंने कहा यूपी सरकार द्वारा हिंदुओं के त्योहारों पर आस्था को दृष्टिगत रखते हुए दशहरे से दीपावली तक यूपी सिंचाई विभाग द्वारा गंगा क्लोजर के फैसले को जनहित में हमेशा के लिए स्थीगत किया जाना चाहिए।
पंडित रविन्द्र कीर्तिपाल, मनीष शर्मा, प्रभात चौधरी ने संयुक्त रूप से कहा यूपी सिंचाई विभाग द्वारा हर वर्ष मां गंगा की सफाई के नाम पर गंगा क्लोज़र किया जाता रहा है। लेकिन सफाई व्यवस्था के नाम पर सामाजिक संगठन ही मां गंगा से कूड़ा-करकट बहार निकालते है। लेकिन उत्तराखंड बनने के उपरांत भगीरथ बिंदु से मायापुरी चेकडैम पर मां गंगा रखरखाव में व उसकी स्वच्छता के लिए आज तक कोई भी योजना शुद्ध रूप से क्रियान्वित नही हुई है। उन्होंने कहा त्योहारों पर गंगा बन्दी का फैसला यूपी सरकार द्वारा समाप्त किया जाना चाहिए ताकि तीर्थ श्रद्धालुओं की आस्था पर किसी प्रकार का कुठाराघात न हो सके और तीर्थ की मर्यादा बनी रहे। यूपी सिंचाई विभाग द्वारा वार्षिक गंगा क्लोज़र का विरोध करते सामाजिक संगठनों के प्रतिनिधियों में राम बाबू पाल, गौरव चौहान, सचिन बिष्ट, वीरेंद्र चौहान, राज कुमार, अशोक शर्मा, विजय गुप्ता, रामेश्वर शर्मा, शिवेंद्र पंडित, रवि शर्मा, राजेश खुराना, मोहन लाल आदि प्रमुख रूप से सम्मलित हुए।
* शरदीय यात्रा काल के दौरान पश्चिम बंगाल, ओडिशा, कर्नाटक, चेन्नई इत्यादि राज्यों से तीर्थयात्री धर्मनगरी हरिद्वार की ओर आगमन करते हैं।
(ब्यूरो ,न्यूज़ 1 हिन्दुस्तान )
हरिद्वार। यूपी के सिंचाई विभाग द्वारा दशहरे से दीपावली तक वार्षिक गंगा क्लोजर के विरोध में तीर्थ मर्यादा समिति के प्रांतीय अध्यक्ष संजय चोपड़ा के संयोजन में अलकनंदा घाट पर सामाजिक संगठनों द्वारा वार्षिक गंगा क्लोजर का पूर्व की भांति इस वर्ष भी पुरजोर विरोध किया। सामाजिक संगठनों के प्रतिनिधियों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को संयुक्त रूप से पत्र भेजकर मांग की ,कि हरिद्वार में भागीरथ बिंदु से मायापुर चेक डैम तक मां गंगा के जल का प्रभाव व अविरल धारा 4 फुट तक निरंतर बहती रहे। पत्र में यह भी मांग की पश्चिम बंगाल, ओडिशा, कर्नाटक, चेन्नई अन्य राज्यों के तीर्थयात्री श्रद्धालु त्योहारों के संगम में तीर्थ नगरी हरिद्वार में भारी मात्रा में आगमन करते हैं तमाम तीर्थ श्रद्धालुओं की आस्था को दृष्टिगत रखते हुए दशहरे से दीपावली तक गंगा क्लोजर के फैसले को जनहित में स्थीगत रखा जाए।
इस अवसर पर तीर्थ मर्यादा रक्षा समिति के प्रांतीय अध्यक्ष संजय चोपड़ा ने कहा उत्तर प्रदेश से अलग होकर उत्तराखंड को बने हुए 20 साल होने जा रहे हैं। लगातार उत्तर प्रदेश सिंचाई विभाग द्वारा वार्षिक गंगा क्लोजर के विरोध में व्यापारी व सामाजिक संगठन विरोध करते चले आ रहे हैं दशहरे से दीपावली तक भागीरथ बिंदु से मायापुर चेकडैम तक गंगा क्लोजर का कोई औचित्य नहीं है। उन्होंने कहा शरदीय यात्रा काल के दौरान पश्चिम बंगाल, ओडिशा, कर्नाटक, चेन्नई इत्यादि राज्यों से तीर्थयात्री धर्मनगरी हरिद्वार की ओर आगमन करते हैं। ऐसे में घाटों पर मां गंगा का जल बिन होने से तमाम तीर्थ श्रद्धालुओं की आस्था पर कुठाराघात होता है। जो कि न्याय संगत नहीं है उन्होंने कहा यूपी सरकार द्वारा हिंदुओं के त्योहारों पर आस्था को दृष्टिगत रखते हुए दशहरे से दीपावली तक यूपी सिंचाई विभाग द्वारा गंगा क्लोजर के फैसले को जनहित में हमेशा के लिए स्थीगत किया जाना चाहिए।
पंडित रविन्द्र कीर्तिपाल, मनीष शर्मा, प्रभात चौधरी ने संयुक्त रूप से कहा यूपी सिंचाई विभाग द्वारा हर वर्ष मां गंगा की सफाई के नाम पर गंगा क्लोज़र किया जाता रहा है। लेकिन सफाई व्यवस्था के नाम पर सामाजिक संगठन ही मां गंगा से कूड़ा-करकट बहार निकालते है। लेकिन उत्तराखंड बनने के उपरांत भगीरथ बिंदु से मायापुरी चेकडैम पर मां गंगा रखरखाव में व उसकी स्वच्छता के लिए आज तक कोई भी योजना शुद्ध रूप से क्रियान्वित नही हुई है। उन्होंने कहा त्योहारों पर गंगा बन्दी का फैसला यूपी सरकार द्वारा समाप्त किया जाना चाहिए ताकि तीर्थ श्रद्धालुओं की आस्था पर किसी प्रकार का कुठाराघात न हो सके और तीर्थ की मर्यादा बनी रहे। यूपी सिंचाई विभाग द्वारा वार्षिक गंगा क्लोज़र का विरोध करते सामाजिक संगठनों के प्रतिनिधियों में राम बाबू पाल, गौरव चौहान, सचिन बिष्ट, वीरेंद्र चौहान, राज कुमार, अशोक शर्मा, विजय गुप्ता, रामेश्वर शर्मा, शिवेंद्र पंडित, रवि शर्मा, राजेश खुराना, मोहन लाल आदि प्रमुख रूप से सम्मलित हुए।
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