रोजगार मामले में आईसीयू से बाहर निकलते ही ब्यूरोक्रेसी पर बिफरे त्रिवेंद्र -मोर्चा
◇युवाओं के रोजगार मामले में ढाई साल बाद आई याद।
◇प्रदेश में 60-70 हजार पद रिक्त, लेकिन अधिकारी हैं बेखबर।
◇अधिकारियों (सचिवों) को अब लगा रहे फटकार, जब हालात दिखने लगे खराब।
◇प्रदेश में युवा दर-दर की ठोकरें खाने को मजबूर ,लेकिन मुखिया थे बेसुध।
(ब्यूरो ,न्यूज़ 1 हिन्दुस्तान )
विकासनगर। मोर्चा कार्यालय में पत्रकारों से वार्ता करते हुए जन संघर्ष मोर्चा अध्यक्ष एवं जीएमवीएन के पूर्व उपाध्यक्ष रघुनाथ सिंह नेगी ने कहा कि प्रदेश में लाखों युवा नौकरी पाने के लिए दर-दर की ठोकरें खा रहे हैं, लेकिन सूबे के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र रावत बेसुध पड़े थे। कल सचिवों की बैठक में नौकरियों/ रोजगार के मामले में अधिकारियों पर कड़ाई इस बात का संकेत है कि ब्यूरोक्रेसी पर लगाम कसने में त्रिवेंद्र नाकाम हो चुके हैं तथा इसी का नतीजा है कि ढाई वर्षों में त्रिवेंद्र 2500 लोगों तक को रोजगार मुहैया नहीं करा पाए। महत्वपूर्ण यह है कि प्रदेश में 60-70 हजार पद रिक्त पड़े हैं, लेकिन 5 दर्जन विभागों का जिम्मा संभाले त्रिवेंद्र व सचिवों तक को मालूम नहीं कि प्रदेश में कितने पद रिक्त हैं।
नेगी ने कहा कि इस बात का अंदेशा आसानी से लगाया जा सकता है कि मुखिया की कार्यशैली/ कार्यक्षमता को भांपकर अधिकारी खर्राटे भर रहे हैं तथा उनको यह तक मालूम नहीं कि किस विभाग में कितने पद रिक्त पड़े हैं तथा उनकी अद्यतन स्थिति क्या है ! नेगी ने हैरानी जताई कि कुछ माह पूर्व तीन लाख लोगों को समाचार पत्रों में झूठे विज्ञापनों के माध्यम से व फर्जी तरीके से रोजगार प्रदान किए जाने का मामला भी युवाओं उछलने जैसा है। नेगी ने कहा कि आज युवाओं को रोजगार प्रदान की जाने के मामले में युद्ध स्तर पर कार्य करने की जरूरत है तथा मुखिया को रेता- बजरी/ शराब/ भांग की खेती इत्यादि से ध्यान हटाकर सिर्फ युवाओं की चिंता करनी चाहिए। पत्रकार वार्ता में -विजय राम शर्मा, दिलबाग सिंह, सुशील भारद्वाज आदि थे।
◇युवाओं के रोजगार मामले में ढाई साल बाद आई याद।
◇प्रदेश में 60-70 हजार पद रिक्त, लेकिन अधिकारी हैं बेखबर।
◇अधिकारियों (सचिवों) को अब लगा रहे फटकार, जब हालात दिखने लगे खराब।
◇प्रदेश में युवा दर-दर की ठोकरें खाने को मजबूर ,लेकिन मुखिया थे बेसुध।
(ब्यूरो ,न्यूज़ 1 हिन्दुस्तान )
विकासनगर। मोर्चा कार्यालय में पत्रकारों से वार्ता करते हुए जन संघर्ष मोर्चा अध्यक्ष एवं जीएमवीएन के पूर्व उपाध्यक्ष रघुनाथ सिंह नेगी ने कहा कि प्रदेश में लाखों युवा नौकरी पाने के लिए दर-दर की ठोकरें खा रहे हैं, लेकिन सूबे के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र रावत बेसुध पड़े थे। कल सचिवों की बैठक में नौकरियों/ रोजगार के मामले में अधिकारियों पर कड़ाई इस बात का संकेत है कि ब्यूरोक्रेसी पर लगाम कसने में त्रिवेंद्र नाकाम हो चुके हैं तथा इसी का नतीजा है कि ढाई वर्षों में त्रिवेंद्र 2500 लोगों तक को रोजगार मुहैया नहीं करा पाए। महत्वपूर्ण यह है कि प्रदेश में 60-70 हजार पद रिक्त पड़े हैं, लेकिन 5 दर्जन विभागों का जिम्मा संभाले त्रिवेंद्र व सचिवों तक को मालूम नहीं कि प्रदेश में कितने पद रिक्त हैं।
नेगी ने कहा कि इस बात का अंदेशा आसानी से लगाया जा सकता है कि मुखिया की कार्यशैली/ कार्यक्षमता को भांपकर अधिकारी खर्राटे भर रहे हैं तथा उनको यह तक मालूम नहीं कि किस विभाग में कितने पद रिक्त पड़े हैं तथा उनकी अद्यतन स्थिति क्या है ! नेगी ने हैरानी जताई कि कुछ माह पूर्व तीन लाख लोगों को समाचार पत्रों में झूठे विज्ञापनों के माध्यम से व फर्जी तरीके से रोजगार प्रदान किए जाने का मामला भी युवाओं उछलने जैसा है। नेगी ने कहा कि आज युवाओं को रोजगार प्रदान की जाने के मामले में युद्ध स्तर पर कार्य करने की जरूरत है तथा मुखिया को रेता- बजरी/ शराब/ भांग की खेती इत्यादि से ध्यान हटाकर सिर्फ युवाओं की चिंता करनी चाहिए। पत्रकार वार्ता में -विजय राम शर्मा, दिलबाग सिंह, सुशील भारद्वाज आदि थे।
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