* इसके वास्तविक जिम्मेदार प्राण देने वाले और भव्य मंदिर निर्माण के लिये आंदोलन करने वाले ही हैं।
(ब्यूरो ,न्यूज़ 1 हिन्दुस्तान )
हरिद्वार। "धर्म जगाओ, अस्तित्व बचाओ" पदयात्रा के पदयात्रियों ने श्री ब्राह्मण सभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अधीर कौशिक व अन्य पदाधिकारियों के साथ मिलकर पिछले पौने पाँच सौ सालों में श्रीराम की जन्मभूमि के लिये बलिदान देने वालों को दीपदान के माध्यम से श्रद्धांजलि अर्पित की।
इस अवसर पर यति नरसिंहानन्द सरस्वती ने कहा की आज सर्वोच्च न्यायालय का निर्णय आने के बाद भव्य राममंदिर निर्माण का पथ प्रशस्त हुआ है, उसके वास्तविक जिम्मेदार तो श्रीराम मंदिर के लिये आतताइयों और अत्याचारी से लड़कर प्राण देने वाले और भव्य मंदिर निर्माण के लिये आंदोलन करने वाले ही हैं।उनके ही कारण आज समस्त सनातन धर्मीयो को यह दिन देखना नसीब हुआ है।हम सदैव उनके ऋणी रहेंगे और वो लोग सदैव हमारे दिलों में रहेंगे।
इस अवसर पर श्री ब्राह्मण सभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अधीर कौशिक ने न्यायपालिका को धन्यवाद देते हुए कहा की नीर क्षीर विवेक से यह निर्णय देने वाले भारत के मुख्य न्यायधीश रंजन गोगोई तथा उनके साथी न्यायधीशों ने भारतवर्ष के इतिहास में अपने लिये एक अमिट स्थान बनाया है।देश की शांतिप्रिय जनता भी आज साधुवाद की पात्र है जिसने बहुत शांति और भाईचारे के साथ इस निर्णय को स्वीकार किया है।
जबकि समाजसेवी डॉ विशाल गर्ग ने कहा कि 500 वर्षों से जो राम मंदिर जन आंदोलन के रूप में भारतवर्ष में चल रहा था। उसके लिए बहुत से आंदोलनकारियों ने भक्तों ने अपने प्राणों का बलिदान दिया। उनकी आत्मा की शांति के लिए और जिसने प्रभु रामचंद्र महाराज के कार्य में एक ईट का भी योगदान दिया। उनके प्रभु चरणों में स्थान के लिए मां गंगा से पूजा अर्चना की। उन्होंने इस अवसर पर ओवैशी तथा अन्य कट्टरपंथियों को संयम बरतने की भी सलाह दी।
दीपदान करने वालो में बाबा परमेन्द्र आर्य,,यति सत्यदेवानन्द सरस्वती,यति रामस्वरूपानन्द सरस्वती,जे पी बडौनी,बृजमोहन सिंह,आचार्य पवन कृष्ण शास्त्री,सुनील प्रजापति,डॉ विशाल गर्ग,ठाकुर विक्रम सिंह आचार्य विष्णु,मयंक पुरोहित,चरणजीत पाहवा,नरेंद्र बाल्मीकि,विपिन मिश्रा,मोहित बजरंगी,देवेंद्र जाट आदि उपस्थित थे।
(ब्यूरो ,न्यूज़ 1 हिन्दुस्तान )
हरिद्वार। "धर्म जगाओ, अस्तित्व बचाओ" पदयात्रा के पदयात्रियों ने श्री ब्राह्मण सभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अधीर कौशिक व अन्य पदाधिकारियों के साथ मिलकर पिछले पौने पाँच सौ सालों में श्रीराम की जन्मभूमि के लिये बलिदान देने वालों को दीपदान के माध्यम से श्रद्धांजलि अर्पित की।
इस अवसर पर यति नरसिंहानन्द सरस्वती ने कहा की आज सर्वोच्च न्यायालय का निर्णय आने के बाद भव्य राममंदिर निर्माण का पथ प्रशस्त हुआ है, उसके वास्तविक जिम्मेदार तो श्रीराम मंदिर के लिये आतताइयों और अत्याचारी से लड़कर प्राण देने वाले और भव्य मंदिर निर्माण के लिये आंदोलन करने वाले ही हैं।उनके ही कारण आज समस्त सनातन धर्मीयो को यह दिन देखना नसीब हुआ है।हम सदैव उनके ऋणी रहेंगे और वो लोग सदैव हमारे दिलों में रहेंगे।
इस अवसर पर श्री ब्राह्मण सभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अधीर कौशिक ने न्यायपालिका को धन्यवाद देते हुए कहा की नीर क्षीर विवेक से यह निर्णय देने वाले भारत के मुख्य न्यायधीश रंजन गोगोई तथा उनके साथी न्यायधीशों ने भारतवर्ष के इतिहास में अपने लिये एक अमिट स्थान बनाया है।देश की शांतिप्रिय जनता भी आज साधुवाद की पात्र है जिसने बहुत शांति और भाईचारे के साथ इस निर्णय को स्वीकार किया है।
जबकि समाजसेवी डॉ विशाल गर्ग ने कहा कि 500 वर्षों से जो राम मंदिर जन आंदोलन के रूप में भारतवर्ष में चल रहा था। उसके लिए बहुत से आंदोलनकारियों ने भक्तों ने अपने प्राणों का बलिदान दिया। उनकी आत्मा की शांति के लिए और जिसने प्रभु रामचंद्र महाराज के कार्य में एक ईट का भी योगदान दिया। उनके प्रभु चरणों में स्थान के लिए मां गंगा से पूजा अर्चना की। उन्होंने इस अवसर पर ओवैशी तथा अन्य कट्टरपंथियों को संयम बरतने की भी सलाह दी।
दीपदान करने वालो में बाबा परमेन्द्र आर्य,,यति सत्यदेवानन्द सरस्वती,यति रामस्वरूपानन्द सरस्वती,जे पी बडौनी,बृजमोहन सिंह,आचार्य पवन कृष्ण शास्त्री,सुनील प्रजापति,डॉ विशाल गर्ग,ठाकुर विक्रम सिंह आचार्य विष्णु,मयंक पुरोहित,चरणजीत पाहवा,नरेंद्र बाल्मीकि,विपिन मिश्रा,मोहित बजरंगी,देवेंद्र जाट आदि उपस्थित थे।
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