खनन कारोबार पर क्यों लगी है रोक !
माफिया रौंद रहे पुलिस-प्रशासन के लोगों को।
प्रदेश के लाखों मजदूर, व्यवसायी तथा इस कारोबार से जुड़ा हर व्यक्ति हो रहा प्रभावित।
प्रदेश के अधिकांश विधायक खनन के काले धन्धे में लिप्त।
हरियाणा, हिमाचल, उ0प्र0 व उत्तराखण्ड के माफियाओं ने खनन बन्दी करवाने को की है भारी डील।
प्रदेश के विकास कार्य पड़े है ठप्प, 20-25 हजार में बिक रहा रेत का ट्रक।
(ब्यूरो ,न्यूज़ 1 हिन्दुस्तान )
विकासनगर। मोर्चा कार्यालय में पत्रकारों से वार्ता करते हुए जन संघर्ष मोर्चा अध्यक्ष एवं जीएमवीएन के पूर्व उपाध्यक्ष रघुनाथ सिंह नेगी ने कहा कि प्रदेश की बेसुध जनता जो कि, गाय-गोबर, मन्दिर-मस्जिद से ऊपर उठने को तैयार नहीं है, का फायदा उठाकर सूबे के मुखिया श्री त्रिवेन्द्र ने हिमाचल, हरियाणा व उ0प्र0 के खनन माफियाओं के हाथों प्रदेश को बेचने का काम किया है।
नेगी ने कहा कि बड़े दुर्भाग्य की बात है कि बरसात सीजन को खत्म हुए लगभग 2-3 महीने बीत गये हैं, लेकिन प्रदेश में खनन पर अभी भी अघोषित रोक लगी है, जिस कारण, अन्य प्रदेशों से उपखनिज (रेत-बजरी इत्यादि) उत्तराखण्ड में लाया जा रहा है, जो कि, प्रति ट्रक 20-25 हजार में बिक रहा है।
नेगी ने कहा कि प्रदेश में खनन कारोबार से जुड़े लाखों मजदूर, खनन कारोबार से जुडे व्यवसायी तथा प्रत्यक्ष-अप्रत्यक्ष तौर पर इस उपखनिज से होने वाले कारोबार बुरी तरह प्रभावित हो रहे हैं तथा प्रदेश में निर्माण कार्य/विकास कार्य पूरी तरह से ठप्प पड़े हैं।
बड़े दुःख की बात है कि अन्य प्रदेश के खनन माफियाओं से सैकड़ों करोड़ की डील कर सी0एम0 श्री त्रिवेन्द्र ने लगभग जनवरी 2020 तक खनन कारोबार बन्द रखने की मौहलत माफियाओं को दे रखी है, जैसा कि विश्वस्त सूत्रों से ज्ञात हुआ है। आलम यह है कि मुखिया श्री त्रिवेन्द्र के काले कारनामों का अनुसरण करने में प्रदेश के लगभग 60 फीसदी, विधायक खनन कारोबार में लिप्त हैं तथा अपने गुर्गों के माध्यम से इस काले कारोबार को संचालित करा रहे हैं।
मोर्चा ने प्रदेश की जनता से अपील की कि पार्टीबाजी से ऊपर उठकर प्रदेश हित में सोचें।
पत्रकार वार्ता में मोर्चा महासचिव आकाश पंवार, दिलबाग सिंह, डाॅ0 ओ0पी0 पवार, के.सी. चंदेल, सुशील भारद्वाज आदि थे।
माफिया रौंद रहे पुलिस-प्रशासन के लोगों को।
प्रदेश के लाखों मजदूर, व्यवसायी तथा इस कारोबार से जुड़ा हर व्यक्ति हो रहा प्रभावित।
प्रदेश के अधिकांश विधायक खनन के काले धन्धे में लिप्त।
हरियाणा, हिमाचल, उ0प्र0 व उत्तराखण्ड के माफियाओं ने खनन बन्दी करवाने को की है भारी डील।
प्रदेश के विकास कार्य पड़े है ठप्प, 20-25 हजार में बिक रहा रेत का ट्रक।
(ब्यूरो ,न्यूज़ 1 हिन्दुस्तान )
विकासनगर। मोर्चा कार्यालय में पत्रकारों से वार्ता करते हुए जन संघर्ष मोर्चा अध्यक्ष एवं जीएमवीएन के पूर्व उपाध्यक्ष रघुनाथ सिंह नेगी ने कहा कि प्रदेश की बेसुध जनता जो कि, गाय-गोबर, मन्दिर-मस्जिद से ऊपर उठने को तैयार नहीं है, का फायदा उठाकर सूबे के मुखिया श्री त्रिवेन्द्र ने हिमाचल, हरियाणा व उ0प्र0 के खनन माफियाओं के हाथों प्रदेश को बेचने का काम किया है।
नेगी ने कहा कि बड़े दुर्भाग्य की बात है कि बरसात सीजन को खत्म हुए लगभग 2-3 महीने बीत गये हैं, लेकिन प्रदेश में खनन पर अभी भी अघोषित रोक लगी है, जिस कारण, अन्य प्रदेशों से उपखनिज (रेत-बजरी इत्यादि) उत्तराखण्ड में लाया जा रहा है, जो कि, प्रति ट्रक 20-25 हजार में बिक रहा है।
बड़े दुःख की बात है कि अन्य प्रदेश के खनन माफियाओं से सैकड़ों करोड़ की डील कर सी0एम0 श्री त्रिवेन्द्र ने लगभग जनवरी 2020 तक खनन कारोबार बन्द रखने की मौहलत माफियाओं को दे रखी है, जैसा कि विश्वस्त सूत्रों से ज्ञात हुआ है। आलम यह है कि मुखिया श्री त्रिवेन्द्र के काले कारनामों का अनुसरण करने में प्रदेश के लगभग 60 फीसदी, विधायक खनन कारोबार में लिप्त हैं तथा अपने गुर्गों के माध्यम से इस काले कारोबार को संचालित करा रहे हैं।
मोर्चा ने प्रदेश की जनता से अपील की कि पार्टीबाजी से ऊपर उठकर प्रदेश हित में सोचें।
पत्रकार वार्ता में मोर्चा महासचिव आकाश पंवार, दिलबाग सिंह, डाॅ0 ओ0पी0 पवार, के.सी. चंदेल, सुशील भारद्वाज आदि थे।
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