* सनातन धर्म की रक्षा के लिये अपनी अस्थियां भी देने को तैयार रहे संत समाज- भूमापीठाधीश्वर स्वामी अच्युतानंद तीर्थ जी महाराज
(ब्यूरो ,न्यूज़ 1 हिन्दुस्तान )
हरिद्वार। ग़ाज़ियाबाद जिले के शिवशक्ति धाम डासना से आये यति नरसिंहानन्द सरस्वती महाराज ने दिव्यांग संत योगी ज्ञानदास महाराज,बाबा परमेन्द्र आर्य और अपनी शिष्य मंडली के साथ भूमा निकेतन से अपनी"धर्म जगाओ, अस्तित्व बचाओ" पदयात्रा आरम्भ की।यह 5 दिवसीय पदयात्रा हरिद्वार में भूमा निकेतन से शुरू होकर पतंजलि योगपीठ तक होगी जिसमें पदयात्री हरिद्वार के सभी प्रमुख आश्रमो और मठो में जाकर अपनी पीड़ा संतो को बताएंगे।
पदयात्रा को आज भूमा निकेतन से विदा करते हुए भूमापीठाधीश्वर स्वामी अच्युतानंद तीर्थ महाराज ने कहा की आज वास्तव में सनातन धर्म की दशा बहुत चिंतनीय है।आज संपूर्ण विश्व में हिन्दुओ की जनसँख्या का अनुपात दिन प्रतिदिन घटता ही जा रहा है।एक समय पुरे विश्व में सनातन धर्म का ही प्रभुत्व और शासन था परंतु आज हम केवल भारतवर्ष में सिमट कर रह गए हैं और अब तो लगता है की कहीँ भारतवर्ष भी सनातन धर्म से विहीन न हो जाये।
उन्होंने कहा की अगर ऐसा हुआ तो यह संपूर्ण मानवता के लिये घातक होगा।वस्तुतः सनातन धर्म के साथ ही सम्पूर्ण मानवता विनष्ट हो जायेगी।संपूर्ण मानवता को बचाने के लिये सनातन धर्म को बचाना ही पड़ेगा और यहीँ संत समाज का दायित्व है।आज समय है की हम संतो को सनातन धर्म की रक्षा के लिये महृषि दधीचि की तरह अपनी अस्थियो का दान करने से भी पीछे नहीँ हटना चाहिये।
उन्होंने पदयात्रियों की उनकी पहल के लिए सराहना करते हुए उनकी मुहीम में हर तरह के सहयोग का आश्वासन दिया।
श्री ब्राह्मण सभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अधीर कौशिक ने पदयात्रियों का स्वागत करते हुए कहा की ब्राह्मण का तो जीवन ही धर्म की रक्षा के लिये होता है।हम धर्म की रक्षा के लिये हर संघर्ष के लिये तैयार हैं।आज देश और धर्म की रक्षा के लिये संत और समाज को मिलकर संघर्ष करना पड़ेगा वरना सनातन धर्म की आने वाली पीढियां हमे कभी क्षमा नहीँ करेगी।पदयात्रा में यति सत्यदेवानन्द सरस्वती,यति रामस्वरूपानन्द सरस्वती,यति नित्यानन्द सरस्वती, यति सेवानन्द सरस्वती, बृजमोहन सिंह,ओम नागर, सत्येंद्र त्यागी,अरुण त्यागी तथा अन्य संत व भक्त शामिल हैं।
(ब्यूरो ,न्यूज़ 1 हिन्दुस्तान )
हरिद्वार। ग़ाज़ियाबाद जिले के शिवशक्ति धाम डासना से आये यति नरसिंहानन्द सरस्वती महाराज ने दिव्यांग संत योगी ज्ञानदास महाराज,बाबा परमेन्द्र आर्य और अपनी शिष्य मंडली के साथ भूमा निकेतन से अपनी"धर्म जगाओ, अस्तित्व बचाओ" पदयात्रा आरम्भ की।यह 5 दिवसीय पदयात्रा हरिद्वार में भूमा निकेतन से शुरू होकर पतंजलि योगपीठ तक होगी जिसमें पदयात्री हरिद्वार के सभी प्रमुख आश्रमो और मठो में जाकर अपनी पीड़ा संतो को बताएंगे।
उन्होंने कहा की अगर ऐसा हुआ तो यह संपूर्ण मानवता के लिये घातक होगा।वस्तुतः सनातन धर्म के साथ ही सम्पूर्ण मानवता विनष्ट हो जायेगी।संपूर्ण मानवता को बचाने के लिये सनातन धर्म को बचाना ही पड़ेगा और यहीँ संत समाज का दायित्व है।आज समय है की हम संतो को सनातन धर्म की रक्षा के लिये महृषि दधीचि की तरह अपनी अस्थियो का दान करने से भी पीछे नहीँ हटना चाहिये।
उन्होंने पदयात्रियों की उनकी पहल के लिए सराहना करते हुए उनकी मुहीम में हर तरह के सहयोग का आश्वासन दिया।
श्री ब्राह्मण सभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अधीर कौशिक ने पदयात्रियों का स्वागत करते हुए कहा की ब्राह्मण का तो जीवन ही धर्म की रक्षा के लिये होता है।हम धर्म की रक्षा के लिये हर संघर्ष के लिये तैयार हैं।आज देश और धर्म की रक्षा के लिये संत और समाज को मिलकर संघर्ष करना पड़ेगा वरना सनातन धर्म की आने वाली पीढियां हमे कभी क्षमा नहीँ करेगी।पदयात्रा में यति सत्यदेवानन्द सरस्वती,यति रामस्वरूपानन्द सरस्वती,यति नित्यानन्द सरस्वती, यति सेवानन्द सरस्वती, बृजमोहन सिंह,ओम नागर, सत्येंद्र त्यागी,अरुण त्यागी तथा अन्य संत व भक्त शामिल हैं।
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